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आरा कोर्ट ब्‍लास्‍ट : बरामद मोबाइल से खुलेगा राज

वारदात : अपराधी को छुड़ाने के लिए 2009 में भी बम ब्लास्ट से दहला था आरा कोर्ट परिसर आरा कोर्ट परिसर 11:25 बजे के आस पास बम के धमाकों से दहल उठा. न्याय के मंदिर में हुए बम बलास्ट से जिले में खलबली मच गयी. बम बलास्ट में बम लेकर पहुंची संदिग्ध महिला की मौत […]

वारदात : अपराधी को छुड़ाने के लिए 2009 में भी बम ब्लास्ट से दहला था आरा कोर्ट परिसर

आरा कोर्ट परिसर 11:25 बजे के आस पास बम के धमाकों से दहल उठा. न्याय के मंदिर में हुए बम बलास्ट से जिले में खलबली मच गयी. बम बलास्ट में बम लेकर पहुंची संदिग्ध महिला की मौत हो गयी. जबकि बंदियों की सुरक्षा में तैनात कांस्टेबल अमित कुमार की भी मौत हो गयी.

बम बलास्ट के बाद चारों तरफ कोर्ट में अफरा – तफरी का माहौल कायम हो गया. इसका फायदा उठाते हुए अपराधी लंबू शर्मा दूसरी बार बम बलास्ट करवा कर भागने में सफल रहा. अखिलेश उपाध्याय अपराधी भी भाग खड़ा हुआ. पुलिस ने इस मामले में लंबू शर्मा के भाई शंभु शर्मा को गिरफ्तार कर लिया है.

आरा : बम ब्लास्ट के बाद मृतक महिला के पास से पुलिस ने ऑन मोबाइल और इयर फोन बरामद किया है. पुलिस ने बताया कि घटना के वक्त महिला किसी व्यक्ति की संपर्क में थी. इसका भी पता किया जा रहा है. वहीं कॉल डिटेल्स भी निकाला गया है. जिससे उस व्यक्ति की पहचान कर ली गयी है. हालांकि पुलिस सुरक्षा कारणों से नाम का खुलासा करने से इनकार कर रही है. वहीं कॉल डिटेल्स से कई संदिग्ध नंबर मिले है. जिसकी जांच पुलिस कर रही है.

सीडीआर और टाइम फैक्टर को खंगालने में जुटी पुलिस : पुलिस महिला के पास से मिले मोबाइल का सीडीआर खंगालने में जुट गयी है. टाइम फैक्टर और डंप डाटा के आधार पर पुलिस को कई अहम सुराग मिले है. जिसके आधार पर पुलिस महिला के संपर्क में रहने वाले व्यक्ति की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही है. साथ ही उन संदिग्ध नंबरों का भी जांच कर रही है.

घटनास्थल से एफएसएल की टीम ने लिया नमूना : सूचना मिलते ही पटना से एफएसएल की टीम आरा कोर्ट परिसर पहुंची. जहां घटना स्थल से खून के धब्बे, संदिग्ध महिला कपड़ा, चप्पल , मांस का लोथड़ा व बम बलास्ट में प्रयुक्त समानों को एकत्रित कर जब्त किया.

जिसके बाद फोरेसिंक जांच के लिए पटना ले गयी. वहीं टीम ने घटना स्थल से एक-एक वस्तुओं की बारिकी से जांच की. जिसके बाद एकत्रित किये गये नमूनों को फोरेसिंक जांच के लिए अपने साथ ले गये.

कोर्ट परिसर में सुरक्षा के नहीं था कोई पुख्ता इंतजाम

पुलिस ने लंबू शर्मा के भाई शंभु शर्मा को किया गिरफ्तार

कब आइ बंदी लोग के गाड़ी

आरा : कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों का कहना था कि महिला बार-बार यही पूछ रही थी कि कब आइ बंदी लोग के गाड़ी. आखिर महिला द्वारा इस बात का पूछे जाने का क्या कारण था. आखिर महिला बार-बार क्यों बंदी के वाहन के आने की बात पूछ रही थी. क्या लंबू शर्मा को भगाने का ही उद्देश्य था या कुछ और इसकी भी जांच पुलिस कर रही है.

लोगों की मानें, तो महिला बंदी के आने के पहले ही यहां पहुंच गयी थी. जैसे ही बंदी की गाड़ी कोर्ट परिसर स्थित हाजत के समीप पहुंची. बंदियों को गाड़ी से उतारा जा रहा था तभी कोर्ट परिसर में बम बलास्ट हो गया.

मृतक के परिजनों को 10 लाख का मिला मुआवजा

न्यू पुलिस लाइन स्थित नवीन आरक्षी केंद्र में कोर्ट परिसर में हुए बम बलास्ट की घटना में मारे गये जवान अमित कुमार के परिजनों को जिला प्रशासन द्वारा 10 लाख रुपये का चेक दिया गया.

साथ ही आश्रितों को नौकरी देने की भी घोषणा की गयी. इस दौरान आइजी एके अंबेदकर, डीआइजी उमा शंकर सुधांशु, डीएम पंकज कुमार पाल, एसपी अख्तर हुसैन, एसडीओ अनिल कुमार, डीएम के ओएसडी ज्योति नाथ शहादेव उपस्थित थे.

लंबा आपराधिक इतिहास रहा है लंबू का

पीरो : शुक्रवार को आरा के व्यवहार न्यायालय परिसर से पेशी के दौरान बम विस्फोट करा कर फरार हुए कुख्यात लंबू शर्मा और अखिलेश उपाध्याय उर्फ मूसा का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है़.

एक ओर लंबू शर्मा के खिलाफ पीरो, आरा, जगदीशपुर और रेल थाना दानापुर में हत्या और लूट समेत लगभग आधा दर्जन आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं नोनार निवासी अखिलेश उपाध्याय उर्फ मूसा भी आपराधिक इतिहास के मामले में लंबू से जरा भी कम नहीं है़ अखिलेश उर्फ मूसा के खिलाफ भी पीरो और हसनबाजार थानों में ट्रेन डकैती, लूट और आर्म्स एक्ट समेत आधा दर्जन मामले दर्ज हैं.

पूर्व में भी न्यायालय परिसर में बम विस्फोट का आरोपित है लंबू

लंबू शर्मा को भगाने को किया गया बम ब्लास्ट: आइजी

कोर्ट परिसर में बल बलास्ट के बाद जोनल आइजी एके अंबेदकर घटना स्थल पहुंच कर अधिकारियों से विस्तृत जानकारी प्राप्त की. वहीं घटना में शामिल अपराधियों के गिरफ्तारी को ले छापेमारी करने का आदेश अधिकारियों का दिया.

आइजी ने कहा कि प्रथम दृष्टया बम बलास्ट लंबू शर्मा को भगाने के लिए किया गया है. इसके पूर्व भी बम बलास्ट के बाद लंबु शर्मा कोर्ट हाजत से भागने में सफल रहा था.

उन्होंने कहा कि देर शाम तक मृतक संदिग्ध महिला की शिनाख्त कर ली जायेगी. जांच की प्रथम दृष्टया पता चला है कि महिला जो विस्फोटक अपने साथ लायी थी वो देशी बम है. घटना की सूचना मिलते ही जोनल आइजी एके अंबेदकर तथा शाहाबाद प्रक्षेत्र के डीआइजी सहित एटीएस के डीआइजी उपेंद्र कुमार सिन्हा अपने दल बल के साथ कोर्ट परिसर पहुंचे.

कोर्ट की सुरक्षा अब भी भगवान भरोसे

कोर्ट की सुरक्षा आज भी भगवान भरोसे है. कोर्ट परिसर में 2009 में पहली बार हुए बम बलास्ट के बाद भी प्रशासन नहीं चेता. जिसका नतीजा हुआ कि दूसरी बार कोर्ट परिसर में बम धमाका किया गया. सुरक्षा के नाम पर न सीसी टीवी कैमरा है और नहीं कोर्ट परिसर में आने वाले लोगों की तलाशी ली जाती है.

सुरक्षा के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति के लिए गेट के सामने चार – पांच कांस्टेबल खड़ा रहते है. वहीं महिला कांस्टेबल नहीं होने से महिला की तलाशी नहीं ली गयी. जिसका नतीजा महिला बड़े आराम से कोर्ट परिसर में थैले में बम लेकर घुस गयी जिसके बाद कैदी वाहन जैसे ही कोर्ट परिसर स्थित हाजत के पास पहुंचा जहां महिला द्वारा बलास्ट करा दिया गया.

अधिवक्ताओं ने अधिकारियों का किया घेराव

कोर्ट परिसर में हुए बम बिस्फोट की घटना के विरोध में प्रदेश संयोजक ब्रrा शंकर पांडेय के नेतृत्व में अधिवक्ताओं ने प्रशासनिक पदाधिकारियों का घेराव किया. जिसमें प्रशासन के खिलाफ अधिवक्ताओं ने जम कर नारेबाजी की. वहीं घटना में घायल हुए अधिवक्ता सुनील कुमार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की. साथ ही कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने की मांग की गयी.

मृत जवान को दी गयी सलामी

बम बलास्ट के घटना में मारे गये जवान अमित कुमार के शव को पुलिस मुख्यालय ले जाया गया. जहां आइजी, डीआइजी व कई वरीय अधिकारियों की उपस्थिति में जवान को सलामी दी गयी. इस मौके पर सभी अधिकारियों व जवानों की आंखे नम हो गयी.

कोर्ट में पांच हजार के आस पास थे लोग

घटना जिस वक्त घटी उस वक्त पूरा कोर्ट परिसर वकील और अपने कार्यो को लेकर पहुंचे लोगों से खचाखच भरा हुआ था. घटना के वक्त लगभग पांच हजार लोग कोर्ट परिसर लेकर आस पास अपने कामों को लेकर आये हुए थे.

10 दिन पहले ही हुई थी अमित की शादी

शाहपुर/बिहिया : आरा सिविल कोर्ट में हुए बम धमाके में शाहपुर थाना क्षेत्र के गउडाढ़ गांव निवासी व बिहार पुलिस के जवान अमित कुमार की मौत की सूचना जैसे ही गांव में पहुंची, तो अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया़ सभी परिजन आरा रवाना हो गये. मृत जवान के घर मातमी सन्नाटा पसरा रहा़ वहीं ग्रामीण पूरी घटना के बारे में पता लगाने में जुटे रह़े बताया जाता है कि उक्त जवान की अभी दस दिन पहले ही शादी हुई थी़ इस घटना के बाद मृत जवान की पत्नी मधु देवी का रो-रोकर हाल बेहाल हो गया है. वहीं मृत जवान के पिता हरेकृष्ण राम और मां की आंखें पथरा गयी है़

ग्रामीण देर शाम तक गांव में शव आने का इंतजार कर रहे थ़े पंचायत के मुखिया सतीश कुमार भट्ट ने बताया कि उक्त जवान काफी मिलनसार और कर्तव्यनिष्ठ था़ परिजनों और ग्रामीणों को उससे काफी उम्मीद थी़ मुखिया ने इस घटना पर शोक व्यक्त किया है़

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