दुनिया के चौथे सबसे नए देश में भारतीय राजदूत नियुक्त, राजधानी है दिली, चाहता है इंडिया बने UN परमानेंट मेंबर

World's 4th Newest Country Timor-Leste: तिमोर-लेस्ते साल 2002 में पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त करने वाला देश बना. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस देश में एमएस पाटियाल को भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है.

By Anant Narayan Shukla | December 16, 2025 12:35 PM

World’s 4th Newest Country Timor-Leste: दुनिया में आखिरी बार कोई देश अस्तित्व में आया था वह साल था- 2011 और देश था साउथ सूडान. इस 21वीं सदी में अब तक केवल 4 ही नए देश बने हैं. इनमें सबसे पहला था तिमोर-लेस्ते, जिसे ईस्ट तिमोर के नाम से भी जाना जाता है. यह साल 2002 में पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त करने वाला देश बना है. इसी देश में भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) की ओर से जारी आधिकारिक बयान के अनुसार, एमएस पाटियाल को भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है. सोमवार को जारी बयान में MEA ने कहा, “एमएस पाटियाल (YOA: 2007), जो वर्तमान में ट्यूनिस स्थित भारतीय दूतावास में तैनात हैं, को लोकतांत्रिक गणराज्य तिमोर-लेस्ते में भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया गया है.” बताया गया है कि वह शीघ्र ही अपना नया कार्यभार संभालेंगे.

भारत और तिमोर-लेस्ते के बीच लोकतंत्र, बहुलवाद और विविधता जैसे साझा मूल्यों पर आधारित गर्मजोशी भरे और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. भारत उन शुरुआती देशों में शामिल था जिन्होंने तिमोर-लेस्ते के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए. मई 2002 में तिमोर-लेस्ते के स्वतंत्रता दिवस समारोह में भारत का प्रतिनिधित्व तत्कालीन विदेश राज्य मंत्री उमर अब्दुल्ला के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने किया था. भारतीय दूतावास, तिमोर-लेस्ते के अनुसार, दोनों देशों के बीच औपचारिक रूप से राजनयिक संबंध स्थापित करने के लिए 24 जनवरी 2003 को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए थे.

तिमोर-लेस्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करता है. इसकी औपचारिक घोषणा वर्ष 2003 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में तत्कालीन प्रधानमंत्री अलकतिरि ने की थी. तिमोर-लेस्ते ने 2011-12 और 2021-22 के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की अस्थायी सदस्यता की उम्मीदवारी का भी समर्थन किया था. इसके अलावा, तिमोर-लेस्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग पर प्रस्ताव का सह-प्रस्तावक भी रहा है.

तिमोर लेस्ते कहां है?

वर्ल्ड एटलस के अनुसार, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ तिमोर-लेस्ते के आधिकारिक नाम से जाना जाने वाला पूर्वी तिमोर (ईस्ट तिमोर) दक्षिण-पूर्व एशिया का एक द्वीपीय देश है. यह तिमोर द्वीप के पूर्वी हिस्से, इसके समीप स्थित अताउरो और जाको द्वीपों, तथा ओएकुसे (Oecusse) नामक एक अलग भूभाग (एक्सक्लेव) में फैला हुआ है. यह इंडोनेशिया के लेसर सुंडा आईलैंड के पूर्वी हिस्से में स्थित है. 20 मई 2002 को तिमोर-लेस्ते ने इंडोनेशिया से स्वतंत्रता प्राप्त कर एक नए संप्रभु राष्ट्र के रूप में अस्तित्व पाया. इस छोटे से द्वीपीय देश पर उपनिवेशवाद का लंबा और जटिल इतिहास रहा है.

आजादी का लंबा संघर्ष रहा

16वीं शताब्दी में पूर्वी तिमोर पर पुर्तगाल का प्रभाव गहरा हुआ, आखिरकार 1975 में यह पुर्तगाली उपनिवेश से आजाद हुआ. इसके बाद कई वर्षों तक चले आंतरिक संघर्षों के कारण एकतरफा स्वतंत्रता की घोषणा की गई, जिसने पूरे क्षेत्र में हिंसा और अत्याचारों को जन्म दिया. इस दौरान इंडोनेशिया समर्थक मिलिशिया द्वारा आम नागरिकों पर हमले किए गए. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष शांति सेना तैनात करनी पड़ी. अंततः 1999 में संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में कराए गए ईस्ट तिमोर विशेष स्वायत्तता जनमत संग्रह के बाद इंडोनेशिया ने इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण छोड़ दिया. इस देश की राजधानी और सबसे बड़ा शहर दिली है.

सबसे ज्यादा आबादी ईसाइयों की

ब्रिटनिका के अनुसार, इस देश की कुल आबादी लगभग 14 लाख है. जिसमें से लगभग अधिकांश यानी 97.5% लोग ईसाई हैं, जिनमें बड़ी संख्या रोमन कैथोलिक समुदाय की है, जबकि थोड़ी संख्या में प्रोटेस्टेंट और मुस्लिम भी रहते हैं. यहां कई स्थानीय भाषाएं बोली जाती हैं, लेकिन टेटम और पुर्तगाली आधिकारिक भाषाएं हैं. इंडोनेशियाई और अंग्रेजी को कार्यकारी भाषाओं के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. पूर्वी तिमोर एक गणराज्य है, जहां एक सदनीय संसद यानी नेशनल पार्लियामेंट है. आबादी का बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है, वहीं शहरी आबादी का मुख्य केंद्र राजधानी दिली है.

टॉप 3 नए देश कौन से हैं?

वहीं अगर टॉप 3 नए बने देशों की बात करें, तो साउथ सूडान (2011), मोंटेनीग्रो (2006) और सर्बिया (2006) हैं. इनके अलावा कोसोवो भी 2008 में अस्तित्व में आया, लेकिन उसे अभी आंशिक रूप से ही मान्यता प्राप्त है.

एक साल पहले ही भारतीय दूतावास की स्थापना की गई

7 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में घोषणा की थी कि भारत तिमोर-लेस्ते में एक स्थायी (रेजिडेंट) मिशन खोलेगा. इसके अनुरूप, 5 सितंबर 2024 को तिमोर-लेस्ते की राजधानी दिली में भारतीय दूतावास की स्थापना की गई. इसके बाद, लोकतांत्रिक गणराज्य तिमोर-लेस्ते की सरकार ने भी अक्टूबर 2024 में नई दिल्ली में अपना स्थायी मिशन स्थापित किया. जनवरी 2003 में राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से भारत और तिमोर-लेस्ते द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहयोग करते आ रहे हैं. भारत ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग, क्षमता निर्माण तथा इंडिया-यूएन डेवलपमेंट पार्टनरशिप फंड और IBSA फंड के तहत विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से तिमोर-लेस्ते को आर्थिक, तकनीकी और क्षमता निर्माण सहायता प्रदान की है.

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