एक बोतल की कीमत 13000000 रुपये, 85 साल बाद खुला ‘सोने से भी महंगी’ व्हिस्की, दुनिया में रेट जान मचा तहलका!
World Oldest Whiskey: दुनिया की सबसे पुरानी व्हिस्की की अनोखी कहानी. 85 साल बाद खुला ग्लेनलिवेट का वो पीपा, जिसकी कीमत पहुंची 160 करोड़ रुपये तक. जानिए कैसे बनी यह सिंगल माल्ट स्कॉच इतिहास का हिस्सा जहां स्वाद, समय और सब्र की दुर्लभ दास्तान मौजूद है.
World Oldest Whiskey: जरा सोचिए जब द्वितीय विश्व युद्ध चल रहा था, तब किसी ने स्कॉटलैंड की ठंडी धरती पर एक ओक के पीपे में व्हिस्की भर दी. उस वक्त शायद किसी को अंदाजा नहीं था कि 85 साल बाद वही पीपा दुनिया की सबसे पुरानी और कीमती सिंगल माल्ट स्कॉच बन जाएगा. आज वो पीपा इतिहास है, और उसका नाम है ग्लेनलिवेट 85 इयर्स ओल्ड. इसकी कीमत रखी गई है लगभग £15 मिलियन, यानी करीब 160 करोड़ रुपये.
World Oldest Whiskey: 1940 से 2025- आठ दशक की लंबी यात्रा
इस कहानी की शुरुआत 3 फरवरी 1940 को हुई थी, जब जॉन और जॉर्ज उर्कहार्ट ने स्कॉटलैंड के मोरे इलाके में अपनी पारिवारिक डिस्टिलरी गॉर्डन एंड मैकफेल में यह व्हिस्की डिस्टिल्ड की. तब दुनिया युद्ध में थी, लेकिन इन दोनों ने धैर्य के साथ उस अमृत को ओक के पीपे में बंद कर दिया. साल दर साल बीतते गए लेकिन पीपा वहीं रहा. 5 फरवरी 2025 को यह पीपा 85 साल पुराना हो गया. और तब जाकर इसे खाली किया गया. यानी, यह अब तक का सबसे लंबा ज्ञात सिंगल माल्ट स्कॉच डिस्टिलेशन बन गया.
125 बोतलें, हर एक की कीमत 1.25 लाख पाउंड
अब इस अनोखी व्हिस्की को 43.7% ABV के साथ 125 विशेष बोतलों (डिकैंटर) में भरा गया है. हर एक बोतल की कीमत रखी गई है £125,000, यानी लगभग 1.3 करोड़ रुपये. कुल मिलाकर इसकी बिक्री से £15 मिलियन से अधिक की राशि आने की उम्मीद है.
स्टीफन रैंकिन कहते हैं कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ. वो ये भी कहते हैं कि जो गॉर्डन एंड मैकफेल परिवार की चौथी पीढ़ी से हैं और बताते हैं कि सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. हर बीतता साल एक अज्ञात सफर था. हम प्रकृति के साथ काम करते हैं, और इस पूरी प्रक्रिया की सबसे अहम विशेषताएं हैं धैर्य और विश्वास. रैंकिन का कहना है कि यह सिर्फ व्हिस्की नहीं, बल्कि 85 साल की प्रकृति, लकड़ी और समय का संगम है.
World Oldest Whiskey: बोतल भी है कला का नमूना
इस व्हिस्की की बोतल यानी डिकैंटर को भी खास बनाया गया है. इसे मशहूर अमेरिकी आर्किटेक्ट जीन गैंग ने डिजाइन किया है. थीम है, “ओक में कलात्मकता” (Artistry in Oak). इस डिकैंटर में चार कांस्य शाखाएं हैं, जो व्हिस्की को उसी तरह थामे हुए हैं, जैसे ओक के पीपे ने 85 साल तक उसे संभाले रखा. यह डिकैंटर न सिर्फ पेय का पात्र है, बल्कि एक कलाकृति भी है.
पहली बोतल की नीलामी क्रिस्टीज में
इस व्हिस्की की पहली बोतल यानी डिकैंटर 1, अगले महीने न्यूयॉर्क स्थित क्रिस्टीज ऑक्शन हाउस में नीलाम की जाएगी. नीलामी से मिलने वाली राशि American Forests नाम की गैर-लाभकारी संस्था को दी जाएगी, जो पर्यावरण संरक्षण के काम में लगी है.
क्रिस्टीज के वाइन और स्पिरिट्स विभाग के वैश्विक प्रमुख एडम बिलबे ने कहा है कि गॉर्डन एंड मैकफेल के साथ ‘ओक में कलात्मकता’ परियोजना हमारे लिए गर्व का क्षण है. यह सिर्फ एक नीलामी नहीं, बल्कि समय, परंपरा और शिल्पकला का उत्सव है. रैंकिन ने भी कहा कि इस साझेदारी के ज़रिए वे आने वाली पीढ़ियों के लिए अमेरिकी ओक पेड़ों के संरक्षण का संदेश देना चाहते हैं.
81 साल पुरानी ‘The Reach’
2023 में भी दुनिया ने ऐसी ही एक ऐतिहासिक व्हिस्की देखी थी जो कि 81 साल पुरानी मैकलन “The Reach”. उसे हांगकांग में सोथबीज की नीलामी में एक गुमनाम ऑनलाइन खरीदार ने £488,500 (करीब 5 करोड़ रुपये) में खरीदा था. लेकिन अब ग्लेनलिवेट 85 उस रिकॉर्ड को तोड़ने के लिए तैयार है.
हालांकि यह सब ऐसे समय हो रहा है जब स्कॉटलैंड का व्हिस्की उद्योग राजनीतिक झंझटों से जूझ रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने हाल ही में स्कॉच व्हिस्की पर 10% टैरिफ लगाया है. स्कॉटलैंड के प्रथम मंत्री जॉन स्विनी ने कई बार ट्रम्प से इस शुल्क को हटाने की गुहार लगाई है, क्योंकि इस टैरिफ से उद्योग को हर महीने करीब £22 मिलियन का निर्यात घाटा झेलना पड़ रहा है.
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