कौन थे उस्मान हादी, जिनकी मौत से जल उठा बांग्लादेश, शेख हसीना की सरकार गिराई, भारत विरोध का चेहरा
Who was Osman Hadi: जुलाई विद्रोह के प्रमुख चेहरा और नेता रहे शरीफ उस्मान हादी की मौत हो गई. इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी, जो पिछले शुक्रवार ढाका में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे, सिंगापुर जनरल अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया.
Who was Osman Hadi: बांग्लादेश में एक बार फिर से हिंसा का दौर शुरू हो गया है. 12 फरवरी को चुनावों की घोषणा के बाद से हर दिन अशांति का दायरा बढ़ता जा रहा है. राजधानी ढाका के करवान बाजार इलाके में बीती रात फिर से बवाल बढ़ गया, क्योंकि जुलाई विद्रोह के प्रमुख चेहरा और नेता रहे शरीफ उस्मान हादी की मौत हो गई. इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी, जो पिछले शुक्रवार ढाका में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए थे, सिंगापुर जनरल अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हो गया. हादी को आगामी राष्ट्रीय चुनाव के लिए ढाका-8 सीट से संभावित उम्मीदवार माना जा रहा था.
उस्मान हादी कौन थे
शरीफ उस्मान बिन हादी, जिन्हें उस्मान हादी के नाम से जाना जाता था, बांग्लादेश के एक युवा राजनेता और सामाजिक कार्यकर्ता थे. वह राजनीतिक मंच इंकलाब मंच (Inqilab Moncho) के संस्थापकों में शामिल थे और इसके नेता के रूप में सक्रिय भूमिका निभा रहे थे. शेख हसीना सरकार के खिलाफ, 2024 की जुलाई क्रांति के बाद वह युवा आंदोलनों के एक प्रमुख चेहरे के तौर पर उभरे. भारत विरोध, जुलाई आंदोलन के शहीदों के अधिकारों की मांग और अवामी लीग पर प्रतिबंध की मांग को लेकर किए गए प्रदर्शनों में उनकी भूमिका खास रही. हादी के भारत विरोध का चरम यह था कि उन्होंने भारत के नॉर्थ ईस्ट को बांग्लादेश के कथित ग्रेटर बांग्लादेश के मैप में दर्शाया था. उनके बयान भी अक्सर भड़काऊ होते थे.
प्रारंभिक जीवन और राजनीतिक सक्रियता
उस्मान हादी का जन्म झालोकाठी जिले में एक मुस्लिम परिवार में हुआ. उनके पिता मदरसे के शिक्षक और स्थानीय इमाम थे. छह भाई-बहनों में वह सबसे छोटे थे. उन्होंने झालोकाठी एनएस कामिल मदरसा से अलीम तक की पढ़ाई की और बाद में ढाका विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान की शिक्षा ली. जुलाई आंदोलन के दौरान वह ढाका के रामपुरा इलाके में सक्रिय थे और स्थानीय स्तर पर समन्वयक की भूमिका निभा रहे थे. बाद में उन्होंने इंकलाब मंच के जरिए युवाओं और नागरिक समूहों को संगठित करने का काम किया.
चुनावी तैयारी और हत्या
2026 में होने वाले आम चुनाव से पहले उस्मान हादी ने ढाका-8 सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी. वह क्षेत्र में बैठकें, जनसंपर्क और प्रचार गतिविधियां चला रहे थे और संसद में भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का दावा कर रहे थे. 12 दिसंबर 2025 को ढाका के बिजयनगर इलाके में मस्जिद से निकलते समय मोटरसाइकिल सवार हमलावरों ने उन्हें गोली मार दी. गंभीर रूप से घायल हादी को इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया, जहां 18 दिसंबर 2025 को उनकी मौत हो गई.
हादी की मौत के बाद मीडिया पर हमला
हादी की मौत लगभग 9.35 बजे रिपोर्ट की गई. इसके बाद रात में ही हमला और तोड़फोड़ शुरू हो गई. ढाका में स्थित अखबार प्रथम आलो और डेली स्टार के दफ्तरों पर भीड़ का हिंसक हमला किया गया. नागोरिक की रिपोर्ट के अनुसार, डेली स्टार की इमारत में आग लगा दी गई है. वहीं प्रथम आलो के कार्यालय पर हमला गुरुवार रात करीब 12 बजे शुरू हुआ, जिसके बाद डेली स्टार को भी निशाना बनाया गया.
सोशल मीडिया पर वायरल लाइव वीडियो में लोगों को डंडों से तोड़फोड़ करते देखा जा सकता है. प्रथम आलो के सामने सड़क पर आग जलती हुई भी नजर आई. इसके अलावा, नागोरिक के अनुसार दोनों दफ्तरों में कुछ कर्मचारी फंसे हुए हैं. हालांकि उन्हें 4 बजे तक बचा लिया गया. इसके बाद प्रदर्शनकारी भारतीय राजनयिक परिसरों की ओर बढ़ने लगे. उन्होंने अवामी लीग के ऑफिसों पर भी हमले किए.
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रिक्शे पर मारी गई गोली
ढाका ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इंकलाब मंच के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी को 12 दिसंबर, शुक्रवार को राजधानी के पुराना पल्टन इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें सिर में गोली मारी गई थी. जांचकर्ताओं के मुताबिक, जब वह बैटरी से चलने वाले रिक्शा में प्रचार के लिए जा रहे थे, तब पीछे से पीछा कर रहे एक मोटरसाइकिल सवार हमलावर ने उन पर गोलियां चलाईं.
चोट के कारण तोड़ा दम
उन्हें पहले ढाका मेडिकल कॉलेज अस्पताल (डीएमसीएच) ले जाया गया, जहां गंभीर सिर की चोटों के कारण आपातकालीन ब्रेन सर्जरी की गई. डॉक्टरों ने उनकी हालत बेहद नाजुक बताई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, गोली उनके बाएं कान के ऊपर से प्रवेश कर दाईं ओर से बाहर निकली, जिससे ब्रेन स्टेम को गंभीर नुकसान पहुंचा. बाद में उन्हें बेहतर इलाज के लिए एवेरकेयर अस्पताल में भर्ती कराया गया और 15 दिसंबर को एयर एंबुलेंस से सिंगापुर भेजा गया. हालांकि उन्हें बचाया नहीं जा सका. 18 दिसंबर को उन्होंने चोटों के कारण दम तोड़ दिया.
मौत के बाद राजकीय शोक की घोषणा
इस बीच, बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने शरीफ उस्मान हादी के निधन के बाद शनिवार, 20 दिसंबर 2025 को एक दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की. राष्ट्र को संबोधित करते हुए यूनुस ने कहा कि शनिवार को सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी और निजी भवनों के साथ-साथ विदेशों में स्थित बांग्लादेशी मिशनों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा. इसके अलावा शुक्रवार, 19 दिसंबर 2025 को जुमे की नमाज के बाद हादी की आत्मा की शांति के लिए विशेष दुआएं की जाएंगी. उन्होंने कहा कि शहीद उस्मान हादी की पत्नी और उनके इकलौते बच्चे की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी.
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