लोलिता क्या है? एपस्टीन फाइल्स की फोटोज में आया नाम, लड़कियों के शरीरों पर लिखीं थीं इसकी लाइनें

What is Lolita Epstein Files Images: अमेरिका में एपस्टीन फाइल्स की तस्वीरें जैसे-जैसे रिलीज हो रही हैं, नए-नए खुलासे हो रहे हैं. इसी तरह की एक तस्वीर में लोलिता नाम चर्चा में आ गया. एक तस्वीर, जिसमें लड़की के पैर पर कुछ लाइनें लिखी गई हैं, जबकि बैकग्राउंड में लोलिता नाम की किताब दिखाई दे रही है.

By Anant Narayan Shukla | December 20, 2025 5:37 PM

What is Lolita Epstein Files Images: अमेरिका में एपस्टीन फाइल्स का तूफान मचा हुआ है. इसमें रह-रहकर कई खुलासे हो रहे हैं. अमेरिकी न्याय विभाग को इन फाइलों से जानकारी साझा करने वाला कानून पास किया गया है. ऐसे में तस्वीर से लेकर कॉल रिकॉर्ड्स तक कई साक्ष्य समय समय पर सामने आ रहे हैं. इसी तरह की एक फोटो इसी रिकॉर्ड से बाहर आई, जिसमें लोलिता का जिक्र था. एक लड़की के पैर पर कुछ लाइनें लिखी हैं और पीछे लोलिता नाम की किताब रखी है. दावा किया गया कि वह लाइनें इसी किताब की हैं. हालांकि यह एकमात्र फोटो नहीं है. ऐसी तीन-चार फोटो सामने आईं. हां भारत की अधिकांश हिंदी भाषी क्षेत्र की जनता शक्ति कपूर के आऊ लोलिता से तो जरूर ही परिचित होंगे. तो आखिर ये लोलिता क्या है, जो कभी भारत में बैन भी की गई थी.

बात की शुरुआत शक्ति कपूर से ही करते हैं. 1984 में एक फिल्म आई, जिसका नाम था तोहफा. इसमें शक्ति कपूर का किरदार कॉमिक और मजाकिया है. लेकिन वह इसी फिल्म में लड़कियों से छेड़छाड़ करता है. तो सीधे अंदाज में समझा जा सकता है कि लोलिता का अर्थ आकर्षण और उससे पैदा हुआ व्यभिचार ही प्रसारित हुआ. लेकिन इस लोलिता का इतिहास 70 साल पुराना है.

‘लोलिता’ साहित्य की दुनिया की सबसे ज्यादा चर्चित और विवादित कृतियों में गिनी जाती है. यह उपन्यास रूसी मूल के अमेरिकी लेखक व्लादिमीर नाबोकोव ने लिखा था. नाबोकोव ने इसे वर्ष 1954 में पूरा किया और 1955 में प्रकाशित कराया. वे भाषा, शैली और मनोवैज्ञानिक गहराई के लिए मशहूर लेखक थे. लोलिता उनका सबसे चर्चित लेकिन सबसे ज्यादा विवाद खड़ा करने वाला उपन्यास बन गया.

लोलिता किसने और क्यों लिखी?

व्लादिमीर नाबोकोव ने लोलिता को किसी विकृत इच्छा का महिमामंडन करने के लिए नहीं लिखा था. खुद नाबोकोव ने कई इंटरव्यू में साफ किया कि यह उपन्यास जुनून, सत्ता, मानसिक विकृति और शोषण की भयावहता को दिखाने के लिए लिखा गया था. उनका उद्देश्य यह बताना था कि किस तरह एक बीमार मानसिकता वाला व्यक्ति अपने ही नजरिए से अपने अपराधों को सही ठहराने की कोशिश करता है.

उपन्यास का नायक हंबरट हंबरट एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति है, जो 12 साल की लड़की डोलोरेस हेज (जिसे वह ‘लोलिता’ कहता है) के प्रति अस्वस्थ और आपराधिक आकर्षण रखता है. पूरी कहानी उसी के दृष्टिकोण से कही गई है, जिससे पाठक को उसके दिमाग की विकृति और खुद को धोखा देने की प्रवृत्ति को समझने का मौका मिलता है. नाबोकोव का कहना था कि यह किताब पाठक को असहज करने के लिए है, न कि आनंद देने के लिए.

प्रकाशन के समय क्यों हुआ विरोध?

नाबोकोव को खुद डर था कि यह उपन्यास शायद कभी प्रकाशित न हो पाए. कई प्रकाशकों ने इसके विषय को सुनते ही इसे छापने से इनकार कर दिया. अंततः 1955 में फ्रांस के पेरिस शहर से इसे ओलंपिया प्रेस ने प्रकाशित किया, जो उस समय साहसी और विवादित किताबें छापने के लिए जाना जाता था. किताब के बाजार में आते ही हंगामा मच गया. कुछ लोगों ने इसे उच्च कोटि का साहित्य बताया, तो कई आलोचकों ने इसे अश्लील, खतरनाक और चाइल्ड एब्यूज को बढ़ावा देने वाला करार दिया. देखते ही देखते लोलिता पर पेडोफिलिया को ग्लैमराइज करने के आरोप लगने लगे. हालांकि नाबोकोव ने साफ कहा था, “मैंने साहित्य लिखा है, पोर्नोग्राफी नहीं.”

दुनिया के कई देशों में बैन

विवाद इतना बढ़ा कि लोलिता को रूस और फ्रांस में प्रतिबंधित कर दिया गया. बाद में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों ने भी इस पर रोक लगाई. ब्रिटेन में तो हालात इतने गंभीर हुए कि किताब के प्रकाशन से जुड़े एक सांसद को इस्तीफा तक देना पड़ा. हालांकि समय के साथ कई देशों में प्रतिबंध हटे, लेकिन विवाद कभी खत्म नहीं हुआ. अमेरिका में लोलिता जैसी ही एक घटना घटी. कैमडेन शहर में एक लड़की चोरी करते पकड़ी गई, जिसके बाद स्टोर में उसे पकड़ने वाले आदमी ने 21 महीने तक उसे पूरे अमेरिका में हर शहर घुमाया और अपनी बेटी बताया. लेकिन वह अकेले में उसका बलात्कार करता था. बाद में इस घटना का खुलासा हुआ, सारा वेनमैन की किताब द रियल लोलिता से. हालांकि व्लादिमीर नाबोकोव ने कहा कि उनका इससे कोई संबंध नहीं है. 

भारत में लोलिता के साथ क्या हुआ?

भारत में लोलिता 1959 में पहुंची. मुंबई के जयको पब्लिशिंग हाउस ने इसकी प्रतियां आयात कीं, लेकिन बॉम्बे कस्टम ने इसे यह कहते हुए रोक लिया कि इसकी सामग्री अश्लील हो सकती है. उस समय के चर्चित संपादक डी.एफ. कराका ने तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई को पत्र लिखकर किताब पर प्रतिबंध की मांग की.

मोरारजी देसाई ने गृह मंत्रालय को पत्र भेजते हुए इसे ‘सेक्स विकृति’ बताया. मशहूर पत्रकार कुलदीप नैयर के अनुसार, लाल बहादुर शास्त्री भी इस किताब पर बैन के पक्ष में थे और उन्होंने प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को इस बारे में लिखा था. हालांकि तमाम विरोध के बावजूद लोलिता को भारत में औपचारिक रूप से प्रतिबंधित नहीं किया गया.

विवाद के बावजूद लोकप्रियता

कड़े विरोध और आरोपों के बावजूद लोलिता दुनिया की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताबों में शामिल हो गई. इसकी 6 करोड़ से अधिक प्रतियां बिक चुकी हैं. इस पर हॉलीवुड में दो फिल्में भी बनीं, जिनमें 1962 में स्टेनली कुब्रिक की फिल्म को क्लासिक माना जाता है. 70 साल बाद भी लोलिता पाठकों को असहज करती है, सवाल उठाती है और शायद यही वजह है कि यह आज भी चर्चा के केंद्र में बनी हुई है.

एपस्टीन फाइल्स का क्या है लोलिता से संबंध

अब आते हैं एप्सटीन फाइल्स पर. अमेरिकी हाउस ओवरसाइट कमेटी में डेमोक्रेट्स ने गुरुवार को यौन अपराधों में दोषी ठहराए जा चुके जेफ्री एपस्टीन की संपत्ति से जुड़ी 68 ऐसी तस्वीरें सार्वजनिक कीं, जो पहले कभी जारी नहीं की गई थीं. अमेरिकी न्याय विभाग को एपस्टीन जांच से संबंधित सभी गैर-गोपनीय फाइलें सार्वजनिक करनी हैं. इन तस्वीरों में सबसे ज्यादा चिंता पैदा करने वाली वे छवियां हैं, जिनमें एक महिला के शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर रूसी-अमेरिकी लेखक व्लादिमीर नाबोकोव के उपन्यास ‘लोलिता’ के अंश हाथ से लिखे हुए दिखाई देते हैं. 

लोलिता और एपस्टीन की तस्वीरें

माना जाता है कि जेफ्री एपस्टीन ने लोलिता के पहले एडिशन में प्रकाशित की गई किताब को खरीदा था. वहीं एपस्टीन फाइल्स की जारी तस्वीरों में से कई में एक अज्ञात महिला के शरीर पर काले मार्कर से लोलिता के अंश लिखे हुए दिखते हैं. एक तस्वीर में छाती के पास धुंधला-सा दिखने वाला वाक्य नाबोकोव के शुरुआती पैराग्राफ से लिया गया प्रतीत होता है, इसमें लिखा है, “Lo-lee-ta: the tip of the tongue taking a trip of three steps down the palate to tap, at three, on the teeth.”

एपस्टीन फाइल की तस्वीर. फोटो- सोशल मीडिया.

एक अन्य तस्वीर में पैर के तलवे पर लिखा पाठ दिखाई देता है, “She was Lo, plain Lo, in the morning, standing four feet ten in one sock.” इसी तस्वीर में, जो किसी बिस्तर पर रखे पैर और पिंडली को दर्शाती है, पृष्ठभूमि में लोलिता की पेपरबैक प्रति भी नजर आती है. कुछ और उद्धरण गर्दन के पास लिखे दिखाई देते हैं,  “She was Dolly at school.” शरीर के अन्य हिस्सों, जैसे रीढ़ के पास वाली पंक्ति में,  “She was Dolores on the dotted line” और “She was Lola in slacks” लिखे हैं. 

एपस्टीन फाइल की तस्वीर. फोटो- सोशल मीडिया.

‘लोलिता एक्सप्रेस’ से जुड़ाव

एपस्टीन से जुड़ी मीडिया रिपोर्टिंग में ‘लोलिता एक्सप्रेस’ शब्द कई वर्षों से इस्तेमाल होता रहा है. यह नाम उसके निजी बोइंग 727 विमान के लिए प्रचलित हुआ, जो उसके ठिकानों के बीच सहयोगियों और मेहमानों को ले जाया करता था. नाबालिग लड़कियों से जुड़े आरोपों के कारण यह नाम सार्वजनिक चर्चा में एक प्रतीक बन गया. यूएस वर्जिन आईलैंड्स के आईलैंड सेंट जेम्स द्वीप, जो एपस्टीन की निजी संपत्ति थी, यहां पर विमानों से बड़े और रसूखदार हाई फाई लोगों को बुलाया जाता था. उनके आने जाने का रिकॉर्ड रखा जाता था. यही रिकॉर्ड एप्सटीन फाइल का एक बड़ा हिस्सा बने हैं. एपस्टीन के इस जहाज को 2017 में बेचा गया और बाद में नष्ट कर दिया गया ताकि विवादों से पीछा छुड़ाया जा सके. 

कोई आधिकारिक संदर्भ नहीं

ओवरसाइट कमेटी की ओर से जारी की गईं ये तस्वीरें 95,000 छवियों का हिस्सा हैं, जो अमेरिकी कांग्रेस को एपस्टीन की संपत्ति से मिली हैं और जिन्हें धीरे-धीरे सार्वजनिक किया जा रहा है. इस ताजा रिलीज में पासपोर्ट, पहचान पत्र और टेक्स्ट मैसेज के स्क्रीनशॉट जैसी सामग्री भी शामिल है. वहीं हालिया फोटोज में पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, बिल गेट्स और माइकल जैक्सन, भाषाविद् और दार्शनिक नोम चॉम्स्की तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकार स्टीव बैनन शामिल हैं की फोटोज सामने आई हैं. इस बार रिलीज किए डॉक्यूमेंट्स में कॉल रिकॉर्ड्स भी हैं. हालांकि इस बार के रिलीज में लड़कियों की फोटोज को रैडेक्ट (काला) किया गया है.

जांच जारी, बहस तेज

जारी तस्वीरों में कई देशों के आंशिक रूप से ढंके (रेडैक्टेड) पासपोर्ट और देर रात के टेक्स्ट संदेशों के स्क्रीनशॉट भी हैं, जिनमें ‘लड़कियों’ को भेजने की बात, फीस और उम्र का जिक्र किया गया है. एक संदेश में लिखा है, “मेरे पास एक दोस्त स्काउट है, उसने आज मुझे कुछ लड़कियां भेजीं,” और आगे जोड़ा गया, “वह प्रति लड़की 1000 डॉलर मांग रही है.” इसके बाद के संदेशों में लिखा है, “मैं अभी तुम्हें लड़कियां भेजूंगा,” और “शायद कोई J के लिए ठीक होगी?”

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