PM Modi And Xi Jinping Meeting: 55 मिनट की गुप्त डील! मोदी-शी में क्या हुई बात?

PM Modi And Xi Jinping Meeting: चीन के तियानजिन में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की 55 मिनट लंबी मुलाकात में सीमा शांति, कैलाश मानसरोवर यात्रा, सीधी उड़ानें और आपसी सहयोग पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने भरोसे, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर रिश्ते आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई.

By Aman Kumar Pandey | August 31, 2025 1:48 PM

PM Modi and Xi Jinping Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय चीन के तियानजिन शहर में मौजूद हैं, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं. यह सम्मेलन 31 अगस्त से 1 सितंबर तक आयोजित हो रहा है. सम्मेलन से पहले पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच लगभग 55 मिनट लंबी द्विपक्षीय बैठक हुई, जिसमें कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

जानकारी के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत की शुरुआत करते हुए कहा कि पिछले साल रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात बेहद सार्थक रही थी. उस बैठक से भारत-चीन संबंधों को सकारात्मक दिशा मिली. पीएम मोदी ने यह भी उल्लेख किया कि सीमा पर तनाव कम होने के बाद अब शांति और स्थिरता का माहौल बन चुका है. उन्होंने यह भी बताया कि सीमा प्रबंधन पर विशेष प्रतिनिधियों के बीच समझौता हुआ है. इसके अलावा, कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू कर दिया गया है और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवाएं भी पुनः आरंभ हो रही हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के दौरान यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच सहयोग से न सिर्फ दोनों देशों के 2.8 अरब लोगों के हित जुड़े हैं, बल्कि यह पूरी मानवता के कल्याण में भी योगदान देगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

बैठक में पीएम मोदी ने शी जिनपिंग को SCO की सफल अध्यक्षता के लिए बधाई भी दी और चीन आने के निमंत्रण के लिए उनका आभार व्यक्त किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि इस प्रकार की बातचीत से आपसी सहयोग की नई संभावनाएं खुलती हैं.

वहीं, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी पीएम मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया और कहा कि मौजूदा वैश्विक परिस्थितियों में भारत और चीन का एकजुट होकर आगे बढ़ना बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि दोनों देश दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले राष्ट्र हैं और यदि भारत और चीन एक साथ आगे बढ़ते हैं, तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा. जिनपिंग ने यह भी कहा कि भारत और चीन को एक अच्छा पड़ोसी और भरोसेमंद साझेदार बनने की दिशा में काम करना चाहिए. उन्होंने प्रतीकात्मक रूप से कहा कि “ड्रैगन और हाथी का एक साथ आना जरूरी है.”

कुल मिलाकर, पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की यह मुलाकात भारत-चीन रिश्तों में एक नए अध्याय की ओर इशारा करती है. सीमा विवाद और हालिया तनावों के बीच यह बातचीत रिश्तों को स्थिर और मजबूत करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम मानी जा रही है.