टिकट कटाओ… पत्नी और बच्चों को भारत भेजो, जेडी वेंस ने अब क्या कहा कि US उपराष्ट्रपति पर भड़की जनता

JD Vance Wife Kids India Immigration Comment: अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस एक बार फिर अपने कमेंट की वजह से लोगों के निशाने पर हैं. उनके साथ उनकी पत्नी और बच्चों पर टिप्पणी की गई है. लोगों ने कहा कि वेंस को ऊषा और बच्चों को भारत भेजना होगा. वेंस की मास इमिग्रेशन पर टिप्पणी के बाद लोगों की तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है.

By Anant Narayan Shukla | December 8, 2025 9:57 AM

JD Vance Wife Kids India Immigration Comment:अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस अपने बयानों से एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार फिर से उनकी पत्नी भी निशाने पर हैं. जेडी वेंस ने माइग्रेशन को अमेरिकी ड्रीम की चोरी कह दिया. उन्होंने दावा किया कि बड़े पैमाने पर हो रही आव्रजन प्रक्रिया (इमिग्रेशन प्रोसेस) ने अमेरिकी लोगों के काम करने के मौके छीन लिए हैं. इस पर सोशल जनता भड़क गई. उन पर पाखंड और दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगने लगा. वेंस को जेनोफोबिया का शिकार होने का भी आरोप मढ़ा जाने लगा. उनकी इस टिप्पणी ने एक बार फिर से उनकी हिंदू-भारतीय मूल की पत्नी ऊषा वेंस को लेकर चल रहे विवाद को हवा दे दी, क्योंकि उनकी पत्नी स्वयं प्रवासी माता-पिता की संतान हैं.

वेंस लगातार अमेरिका में आ रहे प्रवासियों को अमेरिकी लोगों की नौकरी छीनने का आरोप लगाते रहते हैं. इसी तरह वेंस ने एक बार फिर से एक्स (ट्विटर) पर लिखा कि मास माइग्रेशन अमेरिकन ड्रीम की चोरी है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इसके उलट दावे करने वाले शोध, उसी पुराने सिस्टम से फायदा उठाने वाले लोगों द्वारा फंड किए गए हैं. उनकी इस टिप्पणी के बाद सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. एक यूजर ने वेंस के ट्वीट को कोट करते हुए कहा कि आपको ऊषा, उनकी इंडियन फैमिली और अपने द्विजातीय (बाइरेशियल) बच्चों को भारत भेजना होगा. हवाई जहाज का टिकट खरीदते समय हमें बताएं. आपको खुद उदाहरण पेश करना होगा. इसी तरह की टिप्पणियों से उनके ट्वीट का टाइमलान भर गया. 

पहले भी पत्नी पर कमेंट कर विवादों में आए थे वेंस

वेंस अपनी पत्नी को लेकर एक कमेंट के बाद विवाद में आए थे. पिछले महीने जेडी वांस ने एक और विवाद छेड़ दिया, जब उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनकी पत्नी ऊषा, जो हिंदू परिवार में पैदा हुई थीं, एक दिन ईसाई धर्म अपना सकती हैं. उन्होंने TPUSA के समर्थकों से कहा कि ऊषा उनके साथ चर्च जाती हैं और वे सचमुच चाहते हैं कि एक दिन वह उनका ईसाई विश्वास साझा करें. इन बयानों को हिंदू-अमेरिकी समूहों और धार्मिक स्वतंत्रता समर्थकों ने पसंद नहीं किया. बाद में वांस ने स्पष्ट किया कि उनकी पत्नी का धर्म बदलने का कोई इरादा नहीं है. फिर भी यह सवाल बना हुआ है कि उनका रूढ़िवादी श्वेत-राष्ट्रवादी आधार ऊषा को अमेरिका की सेकंड लेडी के रूप में पूरी तरह स्वीकार करता है या नहीं. उनकी ब्राउन (भारतीय) पहचान को अक्सर निशाना बनाया जाता है, खासकर हाल की H-1B वीजा पर बहस के बाद.

इमिग्रेशन पर टफ हैं वेंस

जेडी वेंस ने इस तरह की टिप्पणी पहली बार नहीं की है. उन्होंने न्यूयॉर्क पोस्ट के पॉडकास्ट में भी कहा था कि यह पूरी तरह उचित और स्वीकार्य है कि अमेरिकी लोग ऐसे पड़ोसी नहीं चाहते जिनसे उनका कुछ भी सांस्कृतिक समान न हो, चाहे वह नस्ल, भाषा या त्वचा का रंग हो. वेंस, अपने बॉस डोनाल्ड ट्रंप की तरह, बाइडेन प्रशासन को एक ऐसी इमिग्रेशन प्रणाली के लिए दोषी ठहराते हैं जिसने अमेरिका में विभाजन को बढ़ावा दिया. हालांकि ट्रंप वेंस की बात से इत्तेफाक नहीं रखते दिखते. हाल ही में उन्होंने एच-1बी वीजा को लेकर सकारात्मक बातें की थीं. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में वह टैलेंट नहीं है, इसलिए हमें बाहर से लोगों को लाना पड़ेगा. 

वहीं वेंस वांस बार-बार दावा करते रहे हैं कि प्रवासी अमेरिकी श्रमिकों की संभावनाओं को नुकसान पहुँचा रहे हैं. मिसिसिप्पी में हुए एक टर्निंग पॉइंट USA कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि प्रवासी अमेरिकी श्रमिकों के वेतन को कम कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने ट्रंप की H-1B वीजा सुधार नीति का बचाव भी किया. ट्रंप ने नए H-1B वीजा धारकों के लिए एक बार में 1 लाख डॉलर शुल्क का ऐलान किया है. 

ममदानी ने लोगों से की अपील; ICE अधिकारियों का स्वागत करें लोग

वहीं वेंस ने जब न्यूयॉर्क पोस्टे के पॉडकास्ट में पूछा गया कि क्या ट्रंप प्रशासन सभी अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की योजना बना रहा है. इस पर वांस ने कहा कि हम जितने संभव हो सकें, उतनों को हटाने की कोशिश कर रहे हैं. हाल के दिनों में अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारी लगभग घर-घर जाकर लोगों की जांच कर रहे हैं. इसकी वजह से लोगों में डर बैठ गया है. इस पर न्यूयॉर्क के मेयर इलेक्ट जोहरान ममदानी ने आवाज उठाई है. उन्होंने लोगों से कहा है कि वे डरें नहीं और ICE अधिकारियों का स्वागत करें और उनसे बात करके मामले को सुलझाएं. 

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