यूएई राष्ट्रपति MBZ पाकिस्तान पहुंचे, लाए भारी कार्गो प्लेन, शहबाज-मुनीर ने दी 21 तोपों की भव्य सलामी
UAE President MBZ Pakistan Visit: यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद की पाकिस्तान यात्रा के दौरान, बातचीत इन्वेस्टमेंट और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप पर केंद्रित थी, लेकिन फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा से दूरदराज के इलाकों में भारी कार्गो विमानों की असामान्य गतिविधि का पता चला. शिकार अभियानों, राजनयिक दांव-पेच, खाड़ी की राजनीति और पर्यावरणीय चिंताओं के बीच, यह यात्रा एक बहु-स्तरीय कहानी में बदल गई.
UAE President MBZ Pakistan Visit: पाकिस्तान में पिछले हफ्ते एक अजीब सी हलचल दिखी. जब दुनिया इस बात पर नजर लगाए थी कि यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान (MBZ) पाकिस्तान के आधिकारिक दौरे पर आए हैं, उसी वक्त देश के कुछ दूर-दराज इलाकों के हवाई पट्टियों पर भारी कार्गो विमानों की आवाजाही तेज हो गई. ऊपर से सब कुछ कूटनीति, दोस्ती और निवेश की तस्वीर लग रही थी, लेकिन जैसे ही फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा सामने आया, कहानी ने दूसरा ही मोड़ ले लिया.
UAE President MBZ Pakistan Visit in Hindi: फ्लाइट ट्रैकिंग ने खड़े किए सवाल
सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध वेबसाइटों Flight Radar और ADS-B Exchange के आंकड़ों के मुताबिक, यूएई से पाकिस्तान के लिए कई भारी मालवाहक विमान उड़ान भरते दिखे. इनमें C-17, An-124 और IL-76 जैसे बड़े विमान शामिल थे. खास बात यह रही कि ये विमान इस्लामाबाद नहीं उतरे, बल्कि सिंध के अंदरूनी इलाकों और दक्षिणी पंजाब के चोलिस्तान इलाके के पास बने निजी हवाई पट्टियों पर पहुंचे. इसी से सवाल उठा कि आखिर इतना भारी सामान यहां क्यों लाया गया.
UAE President MBZ Pakistan Visit: MBZ का स्वागत पूरे ठाट-बाट के साथ किया गया
सरकारी स्तर पर MBZ का स्वागत पूरे ठाट-बाट के साथ किया गया. नूर खान एयरबेस पर उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसीम मुनीर खुद मौजूद थे. यह दौरा राष्ट्रपति बनने के बाद MBZ का पाकिस्तान का पहला आधिकारिक दौरा था. सरकार ने इसे पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा मौका बताया.
UAE–Pakistan airlift 🇦🇪🇵🇰
— Rich Tedd 🛰 ✈️ (@AfriMEOSINT) December 23, 2025
I’ve tracked dozens of flights involving commercial cargo aircraft, UAE Air Force aircraft, and private jets linked to the UAE royal family operating between Abu Dhabi 🇦🇪 & Pakistan 🇵🇰, particularly Kandawari and Kot Chandana airstrips. 🧵👇 pic.twitter.com/VSh0UjWYbR
बातचीत में क्या-क्या तय हुआ?
सरकारी बयान के मुताबिक, दोनों देशों के बीच कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. इसमें व्यापार बढ़ाने की बात रही, जहां यूएई पहले से ही पाकिस्तान का तीसरा सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है. इसके अलावा इंफ्रास्ट्रक्चर, सूचना तकनीक और खनिज क्षेत्र में निवेश को लेकर भी बातचीत हुई. साथ ही मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया की सुरक्षा को लेकर आपसी तालमेल बढ़ाने पर सहमति बनी. लेकिन असली कहानी वहां सामने आई, जहां ये विमान उतरे थे. जिन इलाकों में ये कार्गो फ्लाइट्स पहुंचीं, वे पहले से ही खाड़ी देशों के शाही परिवारों के हौबारा बस्टर्ड शिकार के लिए जाने जाते हैं. खुले स्रोतों से मिली जानकारी के मुताबिक, इन विमानों से लग्जरी मोबाइल कैंप, महंगे वाहन और खास तौर पर प्रशिक्षित बाज लाए गए थे.
विदेश मंत्री की पुष्टि
बाद में विदेश मंत्री इशाक डार ने प्रेस ब्रीफिंग में इस बात की पुष्टि की कि यूएई के राष्ट्रपति ने अपने आधिकारिक दौरे को छोटा कर शिकार गतिविधियों में हिस्सा लिया. यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे यूएई-पाकिस्तान रिश्तों का एक अनौपचारिक लेकिन असरदार पहलू माना जाता है. हालांकि इस पूरे मामले पर पर्यावरण से जुड़े सवाल भी उठे हैं. हौबारा बस्टर्ड एक संरक्षित पक्षी है.
पाकिस्तान खाड़ी देशों के शाही मेहमानों को विशेष अनुमति देता है, लेकिन स्थानीय पर्यावरण कार्यकर्ता इसे गलत मानते हैं. उनका कहना है कि इससे वन्यजीव संरक्षण पर बुरा असर पड़ता है. इस बीच एक और अहम घटनाक्रम सामने आया. प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ और MBZ की रहीम यार खान में एक बंद कमरे में बैठक हुई. सीएनएन-न्यूज 18 से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तान इस बैठक के जरिए खुद को क्षेत्रीय मामलों में एक मध्यस्थ के तौर पर पेश करना चाहता है.
खाड़ी राजनीति और सुरक्षा पर चर्चा
सूत्रों के अनुसार, बैठक में मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव, ऊर्जा सुरक्षा और लाल सागर व खाड़ी क्षेत्र में समुद्री रास्तों पर मंडराते खतरे जैसे मुद्दों पर बात हुई. हालांकि यूएई की ओर से यह साफ किया गया कि किसी भी मध्यस्थ भूमिका के लिए पूरे खाड़ी देशों की सहमति जरूरी होगी. पाकिस्तान की बड़ी रणनीति एक वरिष्ठ खुफिया सूत्र ने सीएनएन-न्यूज18 को बताया कि पाकिस्तान की यह कूटनीतिक पहल खाड़ी देशों को यह भरोसा दिलाने की कोशिश है कि वह अब भी एक भरोसेमंद साझेदार है. इसके तहत पाकिस्तान का एक वरिष्ठ राजनयिक और सैन्य प्रतिनिधिमंडल जल्द ही सऊदी अरब और यूएई का दौरा करने वाला है.
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