एक बटन, पूरी दुनिया तबाह! Alaska में ट्रंप–पुतिन आमने-सामने, कुछ ही घंटों में होने वाली है विश्व की सबसे खतरनाक मीटिंग

Trump Putin Alaska Meeting: अलास्का में ट्रंप और पुतिन आमने-सामने, यूक्रेन युद्ध खत्म करने की कोशिश. परमाणु हथियारों के साए में दुनिया की सबसे संवेदनशील बैठक.

By Govind Jee | August 15, 2025 8:38 AM

Trump Putin Alaska Meeting: अमेरिका के अलास्का में कुछ घंटे बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन आमने-सामने बैठेंगे. इस बैठक का उद्देश्य यूक्रेन युद्ध खत्म करवाने का फॉर्मूला खोजना है. इसका असर न केवल यूरोप और रूस पर, बल्कि भारत समेत पूरी दुनिया पर पड़ेगा. बैठक से पहले ट्रंप ने बयान दिया कि यदि इस वार्ता के बाद यूक्रेन युद्ध नहीं रुका तो रूस को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. इसे पुतिन के लिए सीधी चेतावनी माना जा रहा है. ट्रंप चाहते हैं कि पुतिन किसी भी कीमत पर युद्ध रोकने पर सहमत हों, ताकि उनकी नोबेल शांति पुरस्कार की दावेदारी मजबूत हो.

दुनिया का सबसे सुरक्षित सैन्य अड्डा बना मीटिंग पॉइंट

यह मुलाकात अलास्का के ज्वाइंट बेस एलमंडॉर्फ-रिचर्डसन पर होगी, जो रूस से महज 88 किलोमीटर दूर है. यहां अमेरिकी एफ-22 रैप्टर स्टील्थ फाइटर, B-2 बमवर्षक, रडार सिस्टम और मिसाइल डिफेंस सिस्टम तैनात हैं. अमेरिकी पैरा-ट्रूपर्स और कमांडो भी मौजूद रहेंगे. इस दौरान बैरेंट्स सागर में रूसी परमाणु पनडुब्बियां भी मौजूद रहेंगी. रूस के पास 5,449 और अमेरिका के पास 5,277 परमाणु हथियार हैं. बैठक के दौरान दोनों राष्ट्राध्यक्ष अपने-अपने परमाणु ब्रीफकेस के साथ रहेंगे. इसका मतलब है कि लगभग 3,500 परमाणु हथियारों के बटन एक ही जगह मौजूद होंगे, जिससे यह स्थान अत्यधिक संवेदनशील बन जाएगा.

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Trump Putin Alaska Meeting: वन-ऑन-वन बातचीत 

व्हाइट हाउस के अनुसार, बैठक में केवल दोनों नेता और दुभाषिए मौजूद रहेंगे. कोई सलाहकार या मीडिया वहां नहीं होगा. इससे यूरोप और यूक्रेन को डर है कि पुतिन ट्रंप पर हावी हो सकते हैं, जैसा पहले की कुछ बैठकों में देखा गया है. बैठक से पहले पुतिन ने ट्रंप की कोशिशों की सराहना की और कहा कि मकसद रूस-यूक्रेन तथा दुनिया में शांति बहाल करना है. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि न्यू START परमाणु हथियार नियंत्रण संधि पर समझौता संभव है, जो 2026 में समाप्त होने वाली है.

Trump Putin Meeting in Hindi: यूरोप और यूक्रेन की चिंता

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने स्पष्ट किया है कि कोई भी शांति समझौता यूक्रेन की संप्रभुता और सीमा सुरक्षा का उल्लंघन नहीं कर सकता. रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ट्रंप युद्ध रोकने के बदले पुतिन को दोनेत्स्क और लुहान्स्क क्षेत्र पर नियंत्रण की पेशकश कर सकते हैं, जिसे यूरोप विरोध करेगा. वार्ता से पहले भी दोनों पक्ष मोर्चों पर सक्रिय हैं. रूस ने दोनेत्स्क के दो और इलाकों पर कब्जे का दावा किया, जबकि यूक्रेन ने रूस के तेल स्टेशनों और पावर नेटवर्क पर हमला किया. अब तक इस युद्ध में 3.7 लाख लोगों की मौत हो चुकी है और वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2 ट्रिलियन डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है.

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भारत के लिए भी अहम है यह बैठक

अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है. युद्ध खत्म होने पर यह दबाव कम हो सकता है. इसलिए भारत के लिए इस वार्ता का सकारात्मक नतीजा लाभकारी होगा. यह मुलाकात न केवल यूक्रेन युद्ध की दिशा तय करेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में वैश्विक राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था का भविष्य भी.