पहले मस्जिद में बम धमाके, अब विरोध प्रदर्शन में खूनी दंगा; इस मुस्लिम देश में 3 की मौत, 60 घायल
Syria Alawite Protest Clash Rival: रविवार को सीरिया के होम्स शहर में धार्मिक अल्पसंख्यक अलवी समुदाय के प्रदर्शनकारियों और उनके विरोधियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम तीन लोगों की जान चली गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए. यह हिंसा उस बम धमाके के दो दिन बाद हुई, जिसमें होम्स की एक अलवी मस्जिद में नमाज के दौरान विस्फोट हुआ था. अलवी मस्जिद में हुए हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी और 18 अन्य घायल हुए थे.
Syria Alawite Protest Clash Rival: सीरिया में हाल के दिनों में बढ़े सांप्रदायिक तनाव ने एक बार फिर हिंसक रूप ले लिया है. एक मस्जिद में हुए घातक बम धमाके के बाद शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों ने कई इलाकों में अशांति फैला दी, जिससे हालात और गंभीर हो गए हैं. इसी कड़ी में रविवार को होम्स और तटीय क्षेत्रों में प्रदर्शनकारियों और विरोधी समूहों के बीच हिंसक झड़पें देखने को मिलीं. रविवार को सीरिया के होम्स शहर में धार्मिक अल्पसंख्यक अलवी समुदाय के प्रदर्शनकारियों और उनके विरोधियों के बीच हुई झड़पों में कम से कम तीन लोगों की जान चली गई, जबकि दर्जनों लोग घायल हो गए.
स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, यह हिंसा उस बम धमाके के दो दिन बाद हुई, जिसमें होम्स की एक अलवी मस्जिद में नमाज के दौरान विस्फोट हुआ था. अलवी मस्जिद में हुए हमले में आठ लोगों की मौत हो गई थी और 18 अन्य घायल हुए थे. बम धमाके के बाद आक्रोशित अलवी समुदाय के हजारों लोग लजीकिया, तरतूस और आसपास के अन्य इलाकों में सड़कों पर उतर आए. इस दौरान कई जगह हालात बेकाबू हो गए. सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, तरतूस क्षेत्र में एक पुलिस थाने पर हथगोला फेंका गया, जिसमें सुरक्षा बलों के दो जवान घायल हो गए. वहीं लजीकिया में सुरक्षा बलों के वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया.
हिंसा में तीन की मौत 60 घायल
बाद में सरकारी समाचार एजेंसी सना ने बताया कि गोलीबारी की एक घटना में सुरक्षा बल का एक सदस्य मारा गया. स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने पुष्टि की कि इन झड़पों और हिंसक घटनाओं में कुल तीन लोगों की मौत हुई और करीब 60 लोग घायल हुए हैं. अधिकारियों ने कहा कि शुरुआती जांच से संकेत मिले हैं कि शुक्रवार को होम्स की मस्जिद में हुए विस्फोट के लिए वहां पहले से विस्फोटक उपकरण लगाए गए थे, हालांकि अभी तक किसी संदिग्ध की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है. मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार शनिवार को किया गया था.
सराया अंसार अल-सुन्ना ने ली जिम्मेदारी
इस बीच, खुद को ‘सराया अंसार अल-सुन्ना’ बताने वाले एक कम चर्चित समूह ने अपने टेलीग्राम चैनल पर बयान जारी कर हमले की जिम्मेदारी ली है. बयान में यह संकेत दिया गया कि हमला विशेष रूप से अलवी संप्रदाय के लोगों को निशाना बनाकर किया गया था. रविवार के विरोध प्रदर्शन का आह्वान विदेश में रहने वाले अलवी धर्मगुरु शेख गजल गजल ने किया था. वह ‘सुप्रीम अलवाइट इस्लामिक काउंसिल’ के प्रमुख हैं. एसोसिएटेड प्रेस के एक फोटोग्राफर के मुताबिक, लजीकिया में सरकार समर्थक विरोधी प्रदर्शनकारियों ने अलवी प्रदर्शनकारियों पर पत्थरबाजी की.
हालात को काबू में करने के लिए सुरक्षा बलों ने दोनों पक्षों को अलग करने की कोशिश की और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हवा में गोलियां चलाईं. झड़पों में कई प्रदर्शनकारी घायल हुए, हालांकि उनकी सटीक संख्या तत्काल स्पष्ट नहीं हो सकी. स्थिति को देखते हुए प्रभावित इलाकों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
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