पुतिन ने बेनकाब किया अमेरिका का पाखंड, ट्रंप की दोहरी नीति पर दुनियाभर में मचा हड़कंप!

Putin Exposes US Double Standards: पुतिन ने अमेरिका की दोहरी नीति का खुलासा किया. भारत पर रूस से तेल खरीदने का दबाव, जबकि अमेरिका खुद रूस से यूरेनियम और रसायन खरीदता है. जानिए ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत की स्ट्रेटजिक स्वायत्ता पर इसका असर.

By Govind Jee | October 3, 2025 5:13 PM

Putin Exposes US Double Standards: भारत लंबे समय से रूस से सस्ता तेल खरीदकर अपनी स्ट्रेटजिक स्वायत्ता बनाए रखता है. लेकिन अमेरिका इसे लेकर हमेशा चिंतित रहा. उनका आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को फंड कर रहा है. शुरुआत में अमेरिका ने भारत पर दबाव डालकर रूस से तेल खरीदने को रोकने की कोशिश की, और बाद में टैरिफ, H1-B वीजा, फार्मा सेक्टर पर प्रतिबंध जैसी धमकियों का रास्ता अपनाया. इसके बावजूद भारत ने किसी भी तरह के दबाव के सामने झुकने से इंकार किया.

Putin Exposes US Double Standards: पुतिन का खुला हमला- अमेरिका की दोहरी नीति

सोची में वलदाई फोरम में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने ट्रंप की दोहरी नीतियों को तीखे शब्दों में उजागर किया. उन्होंने बताया कि अमेरिका खुद यूरेनियम जैसी महत्वपूर्ण सामग्री रूस से खरीदता है, लेकिन भारत जैसे देशों पर दबाव डालता है कि वे रूस से ऊर्जा आयात बंद कर दें.

पुतिन ने कहा कि अमेरिका दुनिया के सबसे बड़े परमाणु ऊर्जा उपयोगकर्ता देशों में से एक है. अमेरिका को अपनी परमाणु बिजली जरूरतों के लिए बड़ी मात्रा में ईंधन की आवश्यकता है, और रूस इस जरूरत को पूरा करने वाला दूसरा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है. 2025 में रूस को इससे लगभग 1.2 अरब डॉलर की कमाई होने की उम्मीद है. 2024 में अमेरिका को रूस से यूरेनियम निर्यात से लगभग 800 मिलियन डॉलर मिले. पुतिन ने इसे अमेरिका की पाखंडपूर्ण नीति बताया, जो अपने हितों के लिए दूसरों पर दबाव डालती है.

ट्रंप की टैरिफ नीति और भारत पर असर

डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाया और बाद में इसे बढ़ाकर 50% कर दिया. उनका तर्क था कि यह भारत को “सजा” देने के लिए है, क्योंकि भारत रूस से तेल खरीद रहा है, जिसे अमेरिका का दावा है कि मॉस्को यूक्रेन युद्ध को जारी रखने के लिए राजस्व के रूप में इस्तेमाल कर रहा है. हालांकि, तथ्य यह है कि रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार भारत नहीं बल्कि चीन है. ट्रंप के अजीबोगरीब फैसलों के तहत यूरोपीय देशों से भी बार-बार रूस से तेल और गैस की खरीद बंद करने को कहा गया. वहीं, अमेरिका खुद रूस से रसायन, यूरेनियम और खाद खरीदता रहा.

Putin Exposes US Double Standards: पुतिन की तिकड़मी बातें और पश्चिमी देशों का रिएक्शन

पुतिन का यह आरोप नया नहीं है. अगस्त 2024 में भारत ने साबित किया था कि पश्चिमी देश रूस के साथ अपना व्यापार जारी रखते हैं. उस समय ट्रंप और उनके सहयोगियों ने आरोप लगाया कि नई दिल्ली रूस-यूक्रेन युद्ध से मुनाफा कमा रही है. लेकिन भारत ने इस पर जवाब दिया. 

विदेश मंत्रालय ने बताया कि पिछले साल यूरोपीय संघ (EU) ने रूस के साथ 68 अरब डॉलर का व्यापार किया, जबकि अमेरिका ने अपने परमाणु उद्योग के लिए रूस से यूरेनियम हेक्साफ्लोराइड और इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पैलेडियम का आयात किया. पुतिन ने अमेरिका की दोहरी नीति दुनिया के सामने रख दी. अमेरिका भारत और यूरोप पर दबाव डालता है कि रूस से तेल और गैस न लें, लेकिन खुद रूस से परमाणु ईंधन और रसायन खरीदता है. यह पूरी कहानी अंतरराष्ट्रीय राजनीति में दोहरे मापदंड और आर्थिक हितों की जटिलता को उजागर करती है.

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