सिडनी के बाद एम्सटर्डम में बवाल, यहूदी म्यूजिक कंसर्ट के दौरान छोड़ा गया स्मोक और लगे विरोधी नारे
Protest outside Chanukah festival in Amsterdam: नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में भी तनावपूर्ण हालात देखने को मिले, जहां विश्व प्रसिद्ध Concertgebouw के पास हनुका संगीत कार्यक्रम के दौरान विरोध-प्रदर्शन और हंगामा हुआ. कॉन्सर्टगेबाउ के ठीक बाहर प्रदर्शनकारियों ने “नरसंहार के लिए कोई मंच नहीं” और “कॉन्सर्टगेबाउ पर कब्जा है” जैसे नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थीं, जबकि पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए थी. हालात बिगड़ने के बाद पुलिस ने पुष्टि की कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
Protest outside Chanukah festival in Amsterdam: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी के बॉन्डी बीच पर यहूदी हनुका उत्सव के दौरान हुए घातक हमले के बाद, दुनिया भर में यहूदी आयोजनों की सुरक्षा और बढ़ते यहूदी-विरोधी प्रदर्शनों को लेकर चिंता गहरा गई है. इसी कड़ी में नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम में भी तनावपूर्ण हालात देखने को मिले, जहां विश्व प्रसिद्ध Concertgebouw के पास हनुका संगीत कार्यक्रम के दौरान विरोध-प्रदर्शन और हंगामा हुआ. रविवार को Concertgebouw के नजदीक स्थित Museumplein इलाके में सैकड़ों प्रो-फिलिस्तीनी प्रदर्शनकारी एकत्र हुए. स्थानीय अखबार De Telegraaf के मुताबिक, प्रदर्शन के दौरान लाल और हरे रंग के स्मोक बम छोड़े गए और एंटी-सेमिटिक नारे लगाए गए. यह विरोध उस समय तेज हुआ, जब पास के ही एक स्थल पर इजरायली कैंटर शाई अब्रामसन निजी हनुका कॉन्सर्ट में प्रस्तुति दे रहे थे.
इससे पहले शाम को, कॉन्सर्टगेबाउ के ठीक बाहर एक अलग प्रदर्शन हुआ. NL Times के अनुसार, अदालत के आदेश के तहत शाम 6 बजे से 7 बजे के बीच अधिकतम 30 प्रदर्शनकारियों को इमारत के पास एक मौन प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी. डी टेलेग्राफ के मुताबिक, 30 फिलिस्तीन समर्थक कार्यकर्ता मुख्य प्रवेश द्वार के पास खड़े होकर अब्रामसन की प्रस्तुति के विरोध में तख्तियां लिए हुए थे. रिपोर्ट के अनुसार, जैसे ही दर्शक भवन के अंदर चले गए, कॉन्सर्टगेबाउ के बाहर का प्रदर्शन समाप्त कर दिया गया.
इससे पहले दिन में, दोपहर के तुरंत बाद 20 से कम प्रदर्शनकारी कॉन्सर्टगेबाउ के बाहर एक मौन प्रदर्शन के लिए जुटे थे, जिसे 12:45 बजे से 1:30 बजे तक की अनुमति मिली थी. एनएल टाइम्स के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने “नरसंहार के लिए कोई मंच नहीं” और “कॉन्सर्टगेबाउ पर कब्जा है” जैसे नारे लिखी तख्तियां पकड़ी हुई थीं, जबकि पुलिस स्थिति पर नजर बनाए हुए थी. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तय फेंसिंग के पीछे रहने की चेतावनी दी. कुछ लोगों द्वारा बैरिकेड पर चढ़ने की कोशिश के बाद सुरक्षा और कड़ी कर दी गई. इस दौरान स्मोक छोड़ी गई. पुलिस ने पुष्टि की कि कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
कार्यक्रम के भीतर आयोजन जारी
Concertgebouw के अंदर दोपहर में परिवारों के लिए एक सार्वजनिक हनुका कॉन्सर्ट आयोजित किया गया, जिसमें शाई अब्रामसन शामिल नहीं थे. शाम को उनके साथ दो निजी, केवल निमंत्रण-आधारित कार्यक्रम तय थे. दोपहर के कार्यक्रम “Maestro Jules and the Miracle of Chanukah” के दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों ने JW Brouwers प्रवेश द्वार को करीब 20 मिनट तक अवरुद्ध किया. बाद में कुछ लोग Museumplein की ओर चले गए, जबकि कुछ को गिरफ्तार कर लिया गया.
विवाद और सुरक्षा चेतावनी
NL Times के अनुसार, शाई अब्रामसन की मौजूदगी पहले से विवादों में थी क्योंकि वे इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) से जुड़े कार्यक्रमों में भी प्रस्तुति देते रहे हैं. इसी वजह से Concertgebouw ने पहले कॉन्सर्ट रद्द कर दिया था, लेकिन कानूनी कार्रवाई और बातचीत के बाद समझौता हुआ, जिसके तहत उन्हें केवल निजी कार्यक्रमों में प्रस्तुति की अनुमति दी गई. कार्यक्रम से पहले इजरायल के नेशनल सेंटर फॉर कॉम्बैटिंग एंटीसेमिटिज्म ने चेतावनी दी थी कि ये प्रदर्शन “हाई रिस्क लेवल” के हो सकते हैं और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के जुटने की आशंका जताई गई थी.
प्रो-इजराइल समर्थन भी दिखा
शाम को Concertgebouw के पास प्रो-इजरायल समर्थकों का एक छोटा समूह भी एकत्र हुआ. यहां चीफ रब्बी बिन्यामिन जैकब्स ने हनुका प्रार्थना कराई, जिसके बाद यह समूह शांतिपूर्वक वहां से चला गया. सिडनी में हुए हमले के बाद एम्सटर्डम की ये घटनाएं यह दिखाती हैं कि यहूदी आयोजनों के दौरान सुरक्षा और सामाजिक तनाव अब एक वैश्विक चिंता का विषय बनते जा रहे हैं. पूरे यूरोप में सिडनी की घटना के बाद यहूदियों के समर्थन में आयोजन किए जा रहे हैं.
ब्रिटेन में यहूदी समुदाय ने सिडनी के पीड़ितों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया. उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग के बाहर शोक सभा आयोजित की. इसमें लगभग 100 लोग शामिल हुए. लोगों ने इजरायली झंडे लहराए और नफरत बंद करो के बैनर भी लहराए. हनुक्का त्यौहार के लिए विश्व स्तर पर सुरक्षा बढ़ाई गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने डोनाल्ड ट्रंप ने भी सिडनी में हुए हमले की भर्तस्ना की है. वहीं इजरायल के प्रधानमंत्री ने इस घटना के लिए ऑस्ट्रेलिया की नीतियों को ही जिम्मेदार बताया है.
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