पेशावर में फूटा बम तो अफगानों के पास भागा पाकिस्तान, शांति के लिए देने लगे इस बात की दुहाई

Pakistani Diplomat meet Afghan governor after Peshawar Blast: पेशावर में बीते दिन सोमवार को सुबह फेडरल कॉन्स्टैबुलरी मुख्यालय में एक फिदायीन हमला हुआ, जिसमें तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए. इस घटना के बाद पाकिस्तान के राजनयिक ने जलालाबाद में अफगानिस्तान के एक वरिष्ठ गवर्नर से मुलाकात की.

By Anant Narayan Shukla | November 25, 2025 7:50 AM

Pakistani Diplomat meet Afghan governor after Peshawar Blast: पाकिस्तान के पेशावर के सद्दर इलाके में फेडरल कॉन्स्टैबुलरी मुख्यालय पर हुए हमले में तीन सुरक्षाकर्मी मारे गए. हालांकि सुरक्षा बलों ने हमलावरों को तुरंत ढेर कर दिया. इस घटना के तुरंत बाद पाकिस्तानी राजनयिक ने जलालाबाद में अफगानिस्तान के एक वरिष्ठ गवर्नर से मुलाकात की. महीनों बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहला उच्च-स्तरीय संपर्क स्थापित हुआ है. यह मुलाकात उस आत्मघाती हमले के कुछ घंटों बाद हुई, क्योंकि इस क्षेत्र में सुरक्षा चिंताएँ बढ़ रही हैं. इससे पहले, पिछले महीने दोनों देश लगभग युद्ध की स्थिति में आ गए थे, जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत आए थे. उस समय पाकिस्तान ने काबुल में हवाई हमला करके टीटीपी के नेता को मारने का दावा किया था. 

वहीं पेशावर में हुए हमले के बाद पाकिस्तान के जलालाबाद स्थित वाणिज्य दूतावास के कांसुल जनरल शफकतुल्लाह खान और नंगरहार के गवर्नर मुल्ला मुहम्मद नईम अखुंद के बीच बातचीत हुई. अफगानिस्तान की सरकारी एजेंसी बख्तर न्यूज ने रिपोर्ट किया कि इस्लामिक अमीरात का क्षेत्र, पड़ोसी देशों और दुनिया के अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध, सहयोग और साझा हितों की सुरक्षा के प्रति रचनात्मक रुख है, और इस संबंध में प्रयास जारी हैं. रिपोर्ट के अनुसार, नंगरहार के गवर्नर ने अफगान जनता की सद्भावना, भाईचारा और ऐतिहासिक संबंधों का उल्लेख किया और कहा कि आपसी सम्मान, समझ और सुव्यवस्थित समन्वय की स्थिति में सकारात्मक रिश्तों की नींव मजबूत बनी रह सकती है.

द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने की हुई चर्चा

बैठक से परिचित सूत्रों के अनुसार, अखुंद ने पाकिस्तानी राजनयिक से कहा कि वह पहले ही दोनों देशों के बीच तनाव कम करने के प्रयास कर चुके हैं. इसके जवाब में पाकिस्तानी अधिकारी ने मौजूदा सुरक्षा मुद्दों पर पाकिस्तान की स्थिति स्पष्ट की. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने के तरीकों पर चर्चा की. बख्तर ने बताया कि बैठक में जातीयता, भाषा, धर्म, संस्कृति और अन्य समानताओं पर चर्चा की गई, साथ ही क्षेत्र की मौजूदा स्थिति और लोगों की रोजमर्रा की जरूरतों पर भी विचार किया गया, जो अच्छे पड़ोसी होने की परंपरा पर आधारित है. बैठक में नंगरहार के उप गवर्नर मौलवी अजीजुल्लाह मुस्तफा, विदेश विभाग के निदेशक मौलवी जान मोहम्मद इंकलाब, प्रांतीय प्रवक्ता कारी एहसानुल्लाह उस्मानी और कई अन्य अधिकारी भी मौजूद थे.

कौन हैं मुल्ला मुहम्मद नईम अखुंद?

अखुंद तालिबान द्वारा नियुक्त एक वरिष्ठ नेता हैं और तालिबान के सर्वोच्च नेता हिबतुल्लाह अखुंदजादा के करीबी माने जाते हैं. पाकिस्तान अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के महीनों में दोनों अधिकारियों के बीच यह पहला सीधा संपर्क था. अखुंद का तालिबान के साथ लंबे समय से जुड़ाव रहा है. वह 1996 से 2001 तक तालिबान की पहली सरकार के दौरान सीमा और जनजातीय मामलों के उप मंत्री तथा नागरिक उड्डयन के उप मंत्री रह चुके हैं. अखुंद ने अमेरिका और नाटो बलों के खिलाफ 20 साल लंबे युद्ध के दौरान तालिबान की सैन्य आयोग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और दक्षिणी हेलमंद प्रांत में सैन्य अभियानों का नेतृत्व किया. डॉन के अनुसार, अखुंद दिवंगत तालिबान प्रमुख मुल्ला अख्तर मंसूर के करीबी सहयोगी थे और रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब मुजाहिद के भी निकट माने जाते हैं.

पेशावर में हुआ जोरदार फिदायीन हमला

पाकिस्तान लंबे समय से यह आरोप लगाता रहा है कि आतंकवादी समूह अफगान जमीन का इस्तेमाल सीमा पार हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए करते हैं. हालांकि अफगान तालिबान इन आरोपों से इनकार करते हैं. वहीं पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की राजधानी पेशावर में सोमवार को अफगान सीमा के करीब स्थित संघीय कांस्टेबुलरी (एफसी) मुख्यालय पर हुए आत्मघाती हमले में कम से कम तीन सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई, जबकि 12 अन्य घायल हुए. 

पेशावर के पुलिस प्रमुख मियां सईद अहमद ने बताया कि सुबह परेड की तैयारियों के दौरान तीन आत्मघाती हमलावरों ने अचानक एफसी मुख्यालय पर धावा बोलने की कोशिश की. सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की, जिसमें सभी हमलावर ढेर हो गए. पाकिस्तानी पुलिस अधिकारी के अनुसार हमले की शुरुआत तीन आत्मघाती आतंकियों ने की. एक हमला मुख्य द्वार पर पहुंचकर विस्फोट में खुद को उड़ा लिया, जबकि बाकी दोनों आतंकवादी परिसर के भीतर घुसने की कोशिश कर रहे थे. एफसी जवानों ने उन्हें रोक लिया और दोनों को वहीं मार गिराया. वहीं खैबर पख्तूनख्वा के आईजीपी जुल्फिकार हमीद ने पुष्टि की कि एफसी परिसर में दो अलग-अलग आत्मघाती विस्फोट हुए, एक मुख्य प्रवेश द्वार पर और दूसरा अंदर मोटरसाइकिल स्टैंड के पास.

टीटीपी से जुड़े संगठन ने ली जिम्मेदारी

डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रतिबंधित संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के जमात-उल-अहरार धड़े ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. टीटीपी, जिसे पाकिस्तान तालिबान के रूप में भी जाना जाता है. यह 2007 में कई आतंकी संगठनों के गठजोड़ से बना था.

मुख्य द्वार पर हुए जोरदार धमाके से आसपास के रिहायशी और बाज़ार क्षेत्रों में भारी दहशत फैल गई, और विस्फोट की आवाज दूर-दूर तक सुनाई दी. पूरी जगह को घेरकर सुरक्षा स्तर को उच्च अलर्ट पर रखा गया. एफसी का यह मुख्यालय एक सैन्य छावनी के नजदीक घने आबादी वाले इलाके में स्थित है. वीडियो में देखा गया कि एक हमलावर पैदल चलता हुआ शॉल ओढ़े सीधे मुख्य द्वार तक पहुँचा और वहां मौजूद सुरक्षा चौकी के पास खुद को विस्फोट से उड़ा लिया.

एएनआई के इनपुट के साथ.

ये भी पढ़ें:-

10,000 साल बाद फूटा ज्वालामुखी भारत में बढ़ा सकता है मुश्किल, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

अमेरिका ने यूक्रेन को अब तक कितनी मदद दी? हथियार देने के नाम पर इतने तो US में ही खर्च कर दिए

शॉल ओढ़कर मौत बनकर आया फिदायीन! कुछ सेकेंड रुका और फिर खुद को उड़ा दिया, CCTV में कैद पेशावर का