Video: अल्लामा इकबाल की मूर्ति पर दनादन बरसाए तमाचे, लाहौर में 7-8 बच्चों ने क्यों की ऐसी हरकत?

Pakistan Kids Slapping Allama Iqbal's Statue in Lahore Video: पाकिस्तान के लाहौर में गुलशन ए इकबाल पार्क में अल्लामा इकबाल की एक मूर्ति लगी है. इसी मूर्ति को कुछ पाकिस्तानी बच्चे दनादन तमाचे बरसाते नजर आ रहे हैं. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है.

By Anant Narayan Shukla | December 18, 2025 9:18 AM

Pakistan Kids Slapping Allama Iqbal’s Statue in Lahore Video: पाकिस्तान ने लाहौर में गुलशन ए इकबाल पार्क बनाया. यह समर्पित है पाकिस्तान के वैचारिक जनक अल्लामा इकबाल को. लेकिन उन्हीं की मूर्ति के साथ बेहुरमती हो रही है. सोशल मीडिया पर लाहौर से सामने आए एक वीडियो में सार्वजनिक पार्क में स्थापित राष्ट्रीय कवि अल्लामा इकबाल की प्रतिमा को कुछ बच्चों द्वारा थप्पड़ मारते हुए दिखाया गया है.

बच्चे इकबाल की चारों ओर से घेरी गई मूर्ति को फांदकर अंदर पहुंच जाते हैं और इकबाल की मूर्ति को दनादन तमाचे बरसा रहे हैं. इन्हीं बच्चों के पास एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति भी खड़ा दिखाई दे रहा है. वह भी बच्चों को अंदर जाने में मदद कर रहा है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में चिंता का विषय बन गया है. कई यूजर्स ने राष्ट्रीय व्यक्तित्वों और सार्वजनिक स्मारकों के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है. उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएँ शिक्षा और सामाजिक संवेदनशीलता की कमी को दर्शाती हैं.

अब सवाल है कि बच्चे इकबाल को मार क्यों रहे हैं? दरअसल बच्चों को जब वीडियो बनाने वालों ने घेरा, तो उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए पढ़ाई छोड़ गए हैं. यह ऐसा जवाब था, जिसका जवाब प्रश्न पूछने वाले के पास नहीं था. वह केवल बच्चों से ऐसा न करने की अपील करते रहे. उन्होंने उस अधेड़ उम्र के व्यक्ति को भी लताड़ा कि आप इनकी मदद कर रहे हैं. आप हंस रहे हैं, इन्हें रोक नहीं रहे. इस पर व्यक्ति ने कहा रोक रहे हैं, लेकिन बच्चे मान नहीं रहे. सोशल मीडिया पर इसका वीडियो बेतहाशा वायरल हो रहा है, देखें-

कब घोषित हुए पाकिस्तान के वैचारिक जनक

तारीख थी 29-30 दिसंबर, जगह थी उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद. कड़ाके की सर्दियों में एक शायर अपना भाषण दिए जा रहा था. यह कोई आम व्यक्ति नहीं था और न ही यह कोई आम भाषण. आने वाले समय में यही भाषण लाखों लोगों की मौत की वजह बना और भारत के बंटवारे का आधार. वो शायर था अल्लामा मुहम्मद इकबाल जिन्हें पाकिस्तान की वैचारिक नींव रखने वाला माना जाता है. भाषण की जगह थी मुस्लिम लीग का 21वां अधिवेशन, जहां उन्होंने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने उत्तर-पश्चिम भारत में एक अलग मुस्लिम राज्य की कल्पना प्रस्तुत की. यही विचार आगे चलकर “पाकिस्तान” की अवधारणा का आधार बना.

उनके सम्मान में पाकिस्तान ने बहुत कुछ किया, जिनमें से इस्लामिक रिपब्लिक ने एक मूर्ति भी लगाई. लेकिन लाहौर में लगी यह मूर्ति पाकिस्तान के बच्चों को पसंद नहीं आ रही. उनके सम्मान में गुलशन ए इकबाल पार्क में लगी इस मूर्ति के साथ बच्चों ने तमाचे वाली हरकत की. पाकिस्तान के भविष्य अपने देश के वैचारिक पिता को तमाचे लगाते नजर आ रहे हैं. 

पाकिस्तान बनते हुए नहीं देख पाए इकबाल

इकबाल पाकिस्तान के वैचारिक पिता के साथ एक मशहूर शायर थे. उनका जन्म 9 नवंबर 1877 को सियालकोट में हुआ था. इकबाल ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा भारत में प्राप्त की और आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड गए, जहाँ उन्होंने दर्शन और कानून का गहन अध्ययन किया. पश्चिमी चिंतन और इस्लामी दर्शन दोनों का गहरा प्रभाव उनके विचारों में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है. इकबाल ने भारत की शान में सारे जहां से अच्छा लिखा, तो पाकिस्तान के प्रति उनके विचार मजहबी सोच में डूबे हुए थे.  हालाँकि अल्लामा इकबाल का निधन 1938 में हो गया और वे पाकिस्तान को अस्तित्व में आते हुए नहीं देख सके, लेकिन उनके विचारों ने मोहम्मद अली जिन्ना और मुस्लिम लीग को दिशा दी. इसीलिए उन्हें पाकिस्तान का “वैचारिक जनक” कहा जाता है.

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