पाकिस्तान दहला! खैबर पख्तूनख्वा में पुलिस ट्रेनिंग स्कूल पर आत्मघाती हमला, घंटों चली मुठभेड़ में 7 पुलिसकर्मी की मौत
Pakistan Khyber Pakhtunkhwa Police Training School Terror Attack: खैबर पख्तूनख्वा के डेरा इस्माइल खान में पुलिस प्रशिक्षण स्कूल पर आत्मघाती हमला, पांच घंटे की मुठभेड़ में सात पुलिसकर्मी की मौत और छह आतंकी ढेर.
Pakistan Khyber Pakhtunkhwa Police Training School Terror Attack: पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में आतंक एक बार फिर लौट आया है. अफगानिस्तान की सीमा से सटे खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक पुलिस प्रशिक्षण केंद्र को आतंकियों ने निशाना बनाया. धमाका, गोलियां, और पांच घंटे तक चली मुठभेड़ में ये सब कुछ एक ऐसी रात की कहानी है जिसने पूरे पाकिस्तान को हिला दिया. यह वही इलाका है, जहां तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का नेटवर्क सबसे ज्यादा सक्रिय है, और जहां हिंसा अब लगभग रोजमर्रा की बात बन गई है.
शुक्रवार देर रात आतंकियों ने विस्फोटकों से लदे एक ट्रक को डेरा इस्माइल खान जिले के रत्ता कुलाची पुलिस प्रशिक्षण स्कूल के मुख्य द्वार से टकरा दिया. धमाका इतना तेज था कि आसपास की इमारतें हिल गईं. विस्फोट के तुरंत बाद हथियारों से लैस आतंकी परिसर में घुस गए और अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी. पुलिसकर्मियों ने जवाबी गोलीबारी की और इलाके को चारों तरफ से घेर लिया.
Pakistan Khyber Pakhtunkhwa Police Training School Terror Attack: पांच घंटे चली मुठभेड़
डीपीओ साहिबजादा सज्जाद अहमद और आरपीओ सैयद अशफाक अनवर ने खुद मौके पर पहुंचकर मोर्चा संभाला. पहली मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए, लेकिन कुछ हमलावर अब भी परिसर में छिपे हुए थे. इसके बाद शुरू हुआ सफाई अभियान, जो पांच घंटे तक चला. रातभर चली गोलीबारी में तीन और आतंकवादी मारे गए, जबकि छह पुलिसकर्मी शहीद हो गए. इससे पहले, एक पुलिसकर्मी के मारे जाने की खबर आई थी, जिससे हमले में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या छह से बढ़ कर सात हो गई, जबकि हमले में 13 पुलिसकर्मी घायल भी हुए.
डीपीओ ने बताया कि घटना के वक्त परिसर में करीब 200 प्रशिक्षु, प्रशिक्षक और कर्मचारी मौजूद थे, जिन्हें सुरक्षित जगहों पर पहुंचा दिया गया. इस पूरे अभियान में एसएसजी कमांडो, अल-बुर्क फोर्स, एलीट फोर्स और स्थानीय पुलिस के जवान शामिल थे.
हथियार, जैकेट और विस्फोटक बरामद
मुठभेड़ खत्म होने के बाद इलाके की तलाशी ली गई, जिसमें आतंकियों के पास से आत्मघाती जैकेट, आधुनिक हथियार, विस्फोटक और गोला-बारूद बरामद किए गए. आईजीपी जुल्फिकार हमीद ने पुष्टि की कि पूरे इलाके को खाली करा लिया गया है और किसी भी शेष खतरे को खत्म करने के लिए तलाशी अभियान जारी है. उन्होंने अभियान में शामिल अधिकारियों की सराहना की, शहीद पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी और बहादुर जवानों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की.
हालिया घटनाओं से जुड़ा सिलसिला
खैबर पख्तूनख्वा में यह हमला कोई अकेली घटना नहीं है. पिछले कुछ महीनों में इसी प्रांत और बलूचिस्तान में TTP के खिलाफ कई सैन्य अभियान चलाए गए हैं. हाल ही में अफगान सीमा से सटे ओरकजई जिले में चलाए गए अभियान में एक लेफ्टिनेंट कर्नल, एक मेजर समेत 11 पाकिस्तानी सैनिक और 19 आतंकवादी मारे गए थे. उससे पहले करक जिले में छापेमारी के दौरान 17 टीटीपी आतंकवादी ढेर हुए थे.
2021 में जब तालिबान अफगानिस्तान में सत्ता में लौटा, तब पाकिस्तान को लगा था कि उसकी पश्चिमी सीमा अब शांत हो जाएगी. लेकिन हुआ उल्टा, हुआ ये कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने इस बदलाव का फायदा उठाया और अपनी गतिविधियां फिर से तेज कर दीं. खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, TTP के कई शीर्ष कमांडर और लड़ाके अब अफगानिस्तान में शरण लिए हुए हैं और वहीं से हमलों की साजिश रचते हैं.
नागरिकों पर भी गिरी हिंसा की मार
पिछले महीने पाकिस्तान सरकार ने तिराह घाटी के एक गांव में बमबारी की थी, जहां आतंकियों के छिपे होने की सूचना थी. लेकिन इस कार्रवाई में महिलाओं और बच्चों समेत 30 नागरिकों की मौत हो गई. सरकार ने दावा किया कि यह इलाका TTP के बम निर्माण केंद्र के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था और आतंकियों ने नागरिकों को ‘मानव ढाल’ बनाया था.
रिपोर्टों के अनुसार, हाल के महीनों में पाकिस्तान में हुई कुल हिंसक घटनाओं में से 96 प्रतिशत खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में दर्ज की गई हैं. सिर्फ खैबर पख्तूनख्वा में ही 71 प्रतिशत मौतें और 67 प्रतिशत घटनाएँ हुईं. यानी पाकिस्तान की सुरक्षा चुनौती अब लगभग पूरी तरह उत्तर-पश्चिमी सीमा तक सीमित हो गई है.
ये भी पढ़ें:
उत्तर कोरिया का पावर शो! किम जोंग उन ने दिखाई अब तक की सबसे घातक मिसाइल, रूस-चीन भी दंग
यूपी के देवबंद से तालिबान का क्या है कनेक्शन? जहां अफगानी विदेश मंत्री करेंगे दौरा
