आसिम मुनीर के CDF बनते ही हुआ स्नाइपर हमला, बलूचिस्तान में पाक आर्मी के 4 सैनिकों की मौत
Pakistan Balochistan Sniper Attack: बलूचिस्तान में पिछले कुछ दिनों में माहौल फिर से तनाव पूर्ण हो गए हैं, जहां लगतार स्नाइपर हमलों और घात लगातार हमले हो रहे थे. इस सैन्य ऑपरेशन में चार से भी अधिक पाकिस्तानी सैनिक मारे गए थे जिसकी जिम्मेदारी अब बलूच लिबरेशन फ्रंट (बी.एल.एफ) ने ली है.
Pakistan Balochistan Sniper Attack: बलूच सेना ने एक बार फिर पाकिस्तान में हुए हमले पर अपनी जिम्मेदारी ली है. द बलूचिस्तान पोस्ट (TBP) की एक रिपोर्ट के मुताबिक बलूच आर्मी ने बलूचिस्तान में अलग-अलग जगहों पर तैनात पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मियों और कथित तौर पर सरकार के समर्थन वाले हथियारबंद समूह पर हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है. बी.एल.एफ के प्रवक्ता ग्वाहरम बलूच ने कहा कि इस ग्रूप के फाइटर्स ने पंजगुर के अवारन, झाओ और पोराम इलाके में एक साथ हमले किए. इस ऑपरेशन में दो मिलिट्री मेंबर और डेथ स्क्वॉड के दो कथित तौर पर हिस्सा लेने वाले मारे गए, जबकि कई अन्य लोग घायल भी हुए.
BLF ने बताया कि 6 दिसंबर को उसके फाइटर रूटीन पेट्रोलिंग पर थे जब हथियारबंद लोगों ने उनका पीछा किया जिन्हें इस समूह ने राज्य समर्थित मिलिशिया बताया. मिलिशिया, आम नागरिकों का एक समूह है जिन्हें मिलिट्री ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद BLF ने दावा किया कि अपने बचाव में पीछा कर रहे वाहन पर उन्होंने लगातार हमला किया जिसमें एक वाहन क्षतिग्रस्त हो गया और उसमें बैठे दो लोग मारे गए. उन्होंने कहा कि अन्य हथियारबंद लोग मौके से भाग गए और बाद में एक सैन्य गुट शवों और क्षतिग्रस्त वाहन को हटाने के लिए वहां पहुंचा.
इसके अलावा BLF ने दावा किया कि 7 दिसंबर को उसके लड़ाकों ने अवारन के तीरताज जाक पर्वतिय क्षेत्रों में फ्रंटियर कॉर्प्स (फ्रंटियर कोर के सैनिक) की चौकी पर स्नाइपर हमला किया जिसमें एक सैनिक की मौत हो गई. समूह ने आरोप लगाया कि हमले के बाद सुरक्षाबलों ने क्वाडकॉप्टर ड्रोन का इस्तेमाल करके हमलावरों पर जवाबी कार्रवाई करने की कोशिश की जिसे समूह ने मार गिराया. उसी दिन एक और घटना में BLF के फाइटर्स ने झाओ की डोलिजी चौकी में एक और स्नाइपर हमला किया. यहां भी एक और सैनिक की मौत हो गई, जिसके बाद पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने आसपास के क्षेत्र में मोर्टार से जवाबी कार्रवाई की.
द बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते 1 दिसंबर को बीएलएफ ने साजिद बलूच, जिन्हें काका रहमत के नाम से भी जाना जाता है उन्हें श्रद्धांजलि दी. बलूच आर्मी के अनुसार साजिद को संगठनात्मक कार्यों का पालने करते समय किसी जहरीले कीड़े के काटने से उसकी मृत्यु हो गई. इस समूह से साजिद साल 2013 से ही जुड़े हुए थे और साथ मिलकर कई अभियानों पर काम भी किया था.
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