काबुल में पाकिस्तान की एयर स्ट्राइक, रात के अंधेरे में धमाकों से हड़कंप, पाक की धमकी के बाद हुआ हमला कहां तक जाएगा?
Pakistan Airstrike in Kabul Afghanistan: अफगानिस्तान में कई चश्मदीदों ने शहर के ऊपर एक लड़ाकू विमान के उड़ने की आवाज सुनने की पुष्टि की. रात 12 बजे काबुल के ईस्ट एरिया में आसमान में विमानों की गर्जना सुनाई दी और फिर धमाके हुए. धमाकों के बाद गोलीबारी की भी खबरें रिपोर्ट की गईं.
Pakistan Airstrike in Kabul Afghanistan: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल गुरुवार देर रात दो शक्तिशाली विस्फोटों और उसके बाद हुई गोलीबारी से दहल उठी. यह घटना ऐसे समय में हुई है जब पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सार्वजनिक रूप से अफगानिस्तान पर आतंकवादियों को शरण देने का आरोप लगाया था और उन्होंने चेतावनी दी थी अगर अफगानिस्तान का उपयोग पाकिस्तान विरोधी गतिविधियों के लिए किया जाएगा, तो कड़ा कार्रवाई की जाएगी. अब 48 घंटे के भीतर यह घटना हुई है. लोकल मीडिया के अनुसार यह घटना काबुल के डिस्ट्रिक्ट 8 के आसपास सरकारी ऑफिस और रिहाइश वाले इलाके में की गई. हालांकि इस घटना की जिम्मेदारी अभी किसी ने नहीं ली है. इस घटना का एक और पक्ष है कि यह ऐसे समय में हुई है, जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री अमीर खान मुत्तकी भारत दौरे पर हैं. उनका यह ऐतिहासिक दौरा 2021 में तालिबान के शासन संभालने के बाद पहला दौरा है, जिसे काफी अहम माना जा रहा है.
कई चश्मदीदों ने शहर के ऊपर एक लड़ाकू विमान के उड़ने की आवाज सुनने की पुष्टि की. रात 12 बजे काबुल के ईस्ट एरिया में आसमान में विमानों की गर्जना सुनाई दी और फिर धमाके हुए. धमाकों के बाद गोलीबारी की भी खबरें रिपोर्ट की गईं. शीर्ष खुफिया सूत्रों के मुताबिक, यह घटना पाकिस्तान तालिबान (टीटीपी) के प्रमुख नूर वली महसूद को निशाना बनाकर की गई हवाई हमले का नतीजा थी. काबुल के पूर्वी हिस्से में स्थित टीटीपी और अल-कायदा के एक सुरक्षित ठिकाने बताए जाते हैं. महमूद पाकिस्तान के नागरिक है, जिस पर कई हमलों का आरोप है.
तालिबान ने कहा चिंता की जरूरत नहीं
अफगान अधिकारियों ने शहर के ऊपर असामान्य हवाई गतिविधि की पुष्टि की है. तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने एक्स (ट्विटर) पर पोस्ट किया, “काबुल शहर में विस्फोट की आवाज सुनी गई है. हालांकि किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है, सब कुछ ठीक है. घटना की जांच चल रही है और अब तक किसी नुकसान की रिपोर्ट नहीं मिली है.” हालांकि अफगानिस्तान के विदेश मंत्री के भारत दौरे पर इस तरह का हमला होना, एक इत्तेफाक नहीं लगता.
पाकिस्तान ने दी थी हमले की धमकी
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक दिन पहले संसद में अफगानिस्तान को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा था कि “अब बहुत हो गया, अफगान जमीन से आतंकवाद बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.” उन्होंने बताया कि तीन साल पहले काबुल दौरे के दौरान अफगान अधिकारियों को 6,000-7,000 आतंकियों की मौजूदगी पर चिंता जताई थी, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला. आसिफ ने यह भी दावा किया कि अफगान सरकार ने टीटीपी आतंकियों को सीमा से हटाने के बदले इस्लामाबाद से धन की मांग की थी. तालिबान को दी गई इस चेतावनी के कुछ ही घंटे बाद काबुल में हवाई हमलों की खबरें सामने आईं. आपको बता दें कि हाल ही में पाकिस्तान के ओरकजई में टीटीपी के एक हमले में पाकिस्तानी सेना के 11 सुरक्षाकर्मी, जिसमें एक मेजर और एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल था. इस हमले के बाद ही काबुल में यह घटना हुई है. हालांकि पाकिस्तान की ओर से इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
सीमा-पार तनाव में बड़ी वृद्धि की आशंका
कई सुरक्षा विश्लेषकों ने चेतावनी दी है कि अगर इन हमलों की पुष्टि होती है कि यह पाकिस्तान की ओर से किया गया है, तो यह पाकिस्तान और तालिबान नियंत्रित अफगान क्षेत्रों के बीच सीमा-पार संघर्ष का नया चरण होगा. एक काबुल निवासी ने X पर पोस्ट किया, “कई लोग रिपोर्ट कर रहे हैं कि पाकिस्तान ने हवाई हमला किया है. शहर के मध्य और उत्तरी हिस्सों में जोरदार विस्फोट हुए हैं, और कई नागरिक घर प्रभावित हुए हैं.” यह घटना पहली बार है जब पाकिस्तान ने सीधे काबुल के अंदर हवाई हमले किए हैं, जिससे क्षेत्रीय तनाव का नया अध्याय शुरू हो गया है. फिलहाल स्थिति तेजी से बदल रही है. काबुल के अधिकारी घटनास्थलों की जांच कर रहे हैं और संभावित हताहतों की संख्या का आकलन किया जा रहा है.
हमले में सुरक्षित बताए जा रहे नूर वली खान
कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमले में लक्षित ठिकाने (नूर वली खान) को सफलतापूर्वक निशाना बनाया गया, लेकिन News18 की एक रिपोर्ट के अनुसार नूर वली महसूद ने दावा किया कि वह सुरक्षित हैं और पाकिस्तान में मौजूद हैं, हालांकि हमले में उनके बेटे की मौत हो गई है. 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद पहली बार पाकिस्तान ने काबुल के अंदर सीधे हमला किया है. तालिबान की सीमित वायु रक्षा क्षमता और पूर्व अफगान वायुसेना की अनुपस्थिति को देखते हुए, इस तरह का हमला जिसमें कथित तौर पर पाकिस्तानी मूल के लड़ाकू विमान और बाहरी तकनीकी सहायता शामिल थी. तालिबान के करीबी सूत्रों द्वारा अफगान संप्रभुता का खुला उल्लंघन माना जा रहा है.
पाकिस्तान-तालिबान के बीच गहराएगा संकट
विश्लेषकों का मानना है कि नूर वली महसूद के परिवार पर कथित हमले से टीटीपी की शूरा (काउंसिल) के भीतर बड़ा संकट पैदा हो सकता है, जो पहले से ही प्रो-काबुल (काबुल समर्थक) और प्रो-रावलपिंडी (पाकिस्तानी सेना समर्थक) गुटों में बंटी हुई है. सुरक्षा विशेषज्ञों को आशंका है कि इस अंदरूनी कलह और शक्ति-संघर्ष से उत्पन्न अस्थिरता का असर कुनार, नंगरहार और पकतिका जैसे सीमावर्ती इलाकों में फैल सकता है, जिससे पाकिस्तान और तालिबान सरकार के बीच पहले से तनावपूर्ण रिश्ते और बिगड़ सकते हैं.
भारत दौरे पर अफगान विदेश मंत्री
अफगानिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी भारत की आठ दिवसीय यात्रा पर हैं. अपने दौरे के दौरान वे आज 10 अक्टूबर को विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से अलग-अलग मुलाकात करेंगे. केवल रूस ने ही अब तक इस सरकार को औपचारिक रूप से माना है. वहीं भारत अब भी केवल मानवीय सहायता और रीजनल सिक्योरिटी के लिहाज से केवल कूटनीतिक संबंध बनाए हुए है. भारत ने अब तक तालिबान शासन को मान्यता नहीं दी है, इसलिए यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है.
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