पुतिन को चैलेंज करना पड़ा भारी! रूसी अरबपति ओलेग टिंकोव ने एक पोस्ट से गंवाए अरबों रुपए
Russian Tycoon Oleg Tinkov: रूस के मशहूर बिजनेसमैन ने दावा किया कि पुतिन के खिलाफ बोलने पर उन्हें अरबोंं रुपए का नुकसान झेलना पड़ा. टिंकोव ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौर में जो भी बड़ा और ताकतवर व्यक्ति सरकार के खिलाफ बोलता है, उसकी आवाज को दबा दिया जाता है.
Russian Tycoon Oleg Tinkov: तीन साल से ज्यादा समय से रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे इस युद्ध से जुड़ी कई बड़ी घटनाएं आए दिन सामने आती है. इसी बीच रूस के मशहूर बैंकिग कारोबारी ओलेग टिंकोव का एक बयान सामने आया है जिसने पूरे इंटरनेट को हिलाकर रख दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस युद्ध के खिलाफ एक इंस्टाग्राम पोस्ट करने पर अरबों डॉलर का नुकसान हुआ है.
टिंकोव का कहना है कि यूक्रेन युद्ध के खिलाफ एक सोशल मीडिया पोस्ट करने की वजह से उन्हें अरबों रूपए का नुकसान झेलना पड़ा है. टिंकोव ने कहा कि उनके इस पोस्ट के बाद उन पर बहुत दबाव बनाया गया कि वे (Tinkoff Bank) में अपनी हिस्सेदारी को उसके असली कीमत से कहीं कम दाम पर बेच दें. टिंकोव ने इस पूरे अनुभव को बंधक जैसी स्थिति बताया. उन्होंने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दौर में जो भी बड़ा और ताकतवर व्यक्ति सरकार के खिलाफ बोलता है, उसकी आवाज को दबा दिया जाता है.
पोस्ट में क्या लिखा था? (Oleg Tinkov Lost Million Dollars For Instagram Post)
तिंकोव ने अपने इंस्टा पोस्ट में लिखा कि मुझे इस पालगपन भरे युद्ध के फायदे लेने वाला एक व्यक्ति नजर नहीं आता. निर्दोष लोग और सैनिक मर रहे हैं. युद्ध का नेतृत्व करने वाले जनरलों को जब होश आया तो उन्हें एहसास हुआ कि उनकी सेना बेकार है. और देश में अगर देश में सब कुछ भाई भतीजावाद, भ्रष्टाचार और अधिकारियों की चापलूसी से भरा पड़ा है को सेना कैसे अच्छी हो सकती है. क्रेमलीन के अधिकारी इस बात से परेशान हैं कि अब उनके बच्चे और वो सभी ही मेडिटेरेनियन नहीं जा पाएंगे. इस देश में बड़े व्यापारी अपनी बची खुची संपत्ति बचाने की कोशिश कर रहे हैं…. बेशक कुछ मूर्ख भी हैं लेकिन हर देश में 10% मूर्ख तो होते ही हैं. 90% रूसी इस युद्ध के खिलाफ है. उन्होंने लिखा कि, प्रिय सामूहिक पश्चिम, कृप्या श्री पुतिन को अपनी इज्जत बचाने और इस नरसंहार को रोकने के लिए स्पष्ट रास्ता दें. कृप्या तर्कसंगर और मानवीय बनें.
बैंक के शेयर्स बेचने पर हुए मजबूर
बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, टिंकोव के इस पोस्ट के ठीक एक दिन बाद उनके बैंक के सीनियर अधिकारियों से क्रेमलिन के अधिकारियों ने संपर्क किया और उन्हें एक साफ अल्टीमेटम दिया कि या तो टिंकोव के शेयर्स बेच दिए जाएंगे और ब्रांड से उनका नाम हटा दिया जाएगा या फिर सरकार बैंक का राष्ट्रीयकरण कर देगी जो उस समय रूस के सबसे बड़े लोन देने वालों में से एक था.टिंकोव ने कहा कि इस पोस्ट के बाद टिंकॉफ बैंक में अपनी 35% हिस्सेदारी बहुत ही कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा. उन्हें किसी से बातचीत करने की अनुमति नहीं दी गई और कहा गया कि या तो वो इस प्रस्ताव को स्वीकार लें या फिर अपना सब कुछ खो दें.
इस घटना के करीब एक हफ्ते के बाद रूस की एक बड़ी कंपनी ने उनकी हिस्सेदारी उसके असली दाम के सिर्फ 3% पर खरीद ली जिससे उन्हें 9 अरब डॉलर (80000 करोड़ रुपए) का नुकसान हुआ. अपने शेयर्स बेचने के बाद, टिंकोव रूस छोड़कर चले गए और अपनी नागरिकता भी त्याग दी.
उनका कहना है कि उन पर दबाव सिर्फ उनके कारोबर तक ही सिमीत नहीं था बल्कि रूसी सरकार चाहती थी कि वे बैंक से अपना नाम हटा लें और अपनी पूरी विरासत मिटा दें. वे उन गिने चुने कारोबारियों में से एक हैं जिन्होंने युद्ध के दौरान सार्वजनिक रूप से क्रेमलिन का विरोध किया. टिंकोव ने कहा कि तेल कारोबारी मिखाइल खोदोरकोव्स्की जैसे अन्य लोगों को भी इसी तरह के दबाव का सामना करना पड़ा था.
ओलेग टिंकोव एक रूसी उद्यमी और पूर्व बैंकिग दिग्गज हैं जो रूस के सबसे बड़े ऑनलाइन बैंकों में से एक, टिंकॉफ बैंक की स्थापना के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने 1990 के दशक में अपना व्यावसायिक करियर की शुरूआत किया और वित्तिय क्षेत्र में प्रवोश करने से पहले इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य और बीयर इंडस्ट्री स्थापित किया.
कौन हैं ओलेग टिंकोव? (Oleg Tinkov)
ओलेग टिंकोव (Oleg Tinkov) रूस के जाने माने बिजनेसमैन रहे हैं. उन्हें टिंकॉफ बैंक का संस्थापक होने के लिए जाना जाता है, जो रूस के सबसे बड़े ऑनलाइन बैंकों में से एक है. उन्होंने 1990 के दशक में अपना कारोबार शुरू किया था. बैंकिंग क्षेत्र में आने से पहले वे इलेक्ट्रॉनिक्स, खाद्य और बीयर जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में बिजनेस भी कर चुके हैं.
2020 में अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा
टिंकॉफ बैंक की खासियत यह थी कि यह पूरी तरह डिजिटल मॉडल पर काम करता था और क्रेडिट कार्ड सेवाओं के लिए काफी मशहूर हुआ. इसी बैंक की वजह से टिंकोव अरबपति बने. साल 2020 में ल्यूकेमिया (Blood Cancer) से पीड़ित होने के बाद उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. 2022 में उन्होंने सार्वजनिक रूप से रूय का यूक्रेन पर किए गए हमले की खुल कर निंदी की जिसके बाद उन्होंने दावा किया कि उन पर टिंकॉफ बैंक में अपने शेयर्स बेचने के लिए दबाव बनाया गया था. बाद में इन देशों के बीच हो रहे युद्ध का विरोध करते हुए उन्होंने अपनी नागरिकता त्याग दी थी.
टिंकोव ने रूसी नागरिकता छोड़ी
उस समय उन्होंने कहा कि मैने रूसी नागरिकता छोड़ने का फैसला कर लिया है. मैं ऐसे फासीवाद देश से न जुड़ सकता हूं और न ही जुड़ूंगा जो अपने ही पड़ोसी देश पर हमला कर रहा हो और निर्दोष लोगों की जान जा रही हो. ओलेग टिंकोव अपने बेबाक और साफ साफ बोलने वाले अंदाज के लिए जाने जाते हैं. पिछले कुछ सालों में वे रूस से बाहर ब्रिटेन और इटली जैसे देशों में रह चुके हैं.
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