मुशर्रफ ने अमेरिका को सौंप दी थी पाकिस्तान की परमाणु चाबी? पूर्व CIA अधिकारी का दावा

Musharraf Handed Pakistan Nuclear Bomb: पूर्व CIA अधिकारी जॉन किरियाको का दावा. जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान के परमाणु हथियार अमेरिका को सौंप दिए थे. जानिए कैसे वाशिंगटन ने मुशर्रफ को ‘खरीदा’, और पाकिस्तान की दोहरी नीति का खुलासा.

By Govind Jee | October 25, 2025 3:59 PM

Musharraf Handed Pakistan Nuclear Bomb: पाकिस्तान और अमेरिका के बीच रिश्ते हमेशा से ही रहस्य और राजनीति से भरे रहे हैं. लेकिन हाल ही में एक खुलासा हुआ है जिसने सबको चौंका दिया. पूर्व CIA अधिकारी जॉन किरियाको ने दावा किया है कि पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति और सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ ने पाकिस्तान का परमाणु बम अमेरिका को सौंप दिया था. किरियाको ने करीब 15 साल तक CIA के लिए काम किया और पाकिस्तान में अमेरिकी आतंकवाद-रोधी अभियानों का नेतृत्व भी संभाला. उनके इस खुलासे से पता चलता है कि उस समय पाकिस्तान और अमेरिका के रिश्ते कितने नजदीकी और जटिल थे.

Musharraf Handed Pakistan Nuclear Bomb: वाशिंगटन ने मुशर्रफ को कैसे “खरीदा”?

किरियाको के अनुसार, अमेरिका ने मुशर्रफ को लाखों डॉलर की मदद देकर “खरीदा”. इसके बदले अमेरिका को पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर नियंत्रण मिल गया. किरियाको ने कहा कि इस समय अमेरिकी एजेंसियों को पाकिस्तान के सैन्य और खुफिया अभियानों तक लगभग असीमित पहुंच थी. उन्होंने यह भी आलोचना की कि अमेरिका ने लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह नहीं की और तानाशाहों के साथ सांठगांठ कर अपने स्वार्थ को प्राथमिकता दी.

दोहरी नीति और आतंकवाद का खेल

किरियाको बताते हैं कि मुशर्रफ ने अमेरिका के सामने आतंकवाद के खिलाफ सहयोग का दिखावा किया, लेकिन असल में भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियाँ जारी रखीं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना को अल-कायदा की कोई परवाह नहीं थी. उन्हें सिर्फ भारत की चिंता थी. मुशर्रफ अमेरिका के सामने आतंकवाद विरोधी सहयोग दिखाते रहे, लेकिन असल में भारत के खिलाफ हमला कर रहे थे. इससे साफ होता है कि उस समय पाकिस्तान की नीतियां दोहरी और चालाकी भरी थीं.

CIA अधिकारी का सीधा दावा

किरियाको ने ANI को बताया कि जब मैं 2002 में पाकिस्तान में तैनात था, तो मुझे अनौपचारिक रूप से बताया गया कि पेंटागन पाकिस्तानी परमाणु शस्त्रागार को नियंत्रित करता है क्योंकि मुशर्रफ़ को डर था कि क्या हो सकता है. उन्होंने आगे कहा कि बाद में पाकिस्तानियों ने इससे इनकार किया. लेकिन किरियाको के अनुसार, अगर पाकिस्तानियों के हाथ में नियंत्रण होता, तो यह राजनीतिक स्थिरता के लिए चिंता का विषय होता.

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