काठमांडू में कर्फ्यू, फेसबुक-यूट्यूब बैन पर भारी तनाव, गोलीबारी में 9 लोगों की मौत, कई घायल

Kathmandu Curfew Genz Protest: काठमांडू के न्यू बानेश्वर में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन हिंसक हो गया. पुलिस और युवाओं के बीच झड़प के बाद प्रशासन ने कर्फ्यू लागू किया. धारा 144 के तहत इलाके में आवाजाही, सभा और प्रदर्शन पर रोक, संसद भवन तक पहुंचे प्रदर्शनकारी.

By Govind Jee | September 8, 2025 2:28 PM

Kathmandu Curfew Genz Protest: नेपाल की राजधानी काठमांडू के न्यू बानेश्वर इलाके में सोमवार को हालात बेकाबू हो गए. भ्रष्टाचार और सोशल मीडिया बैन के खिलाफ सड़कों पर उतरे युवाओं की पुलिस से भिड़ंत हो गई. हालात बिगड़ते देख जिला प्रशासन ने धारा 144 लागू कर कर्फ्यू का आदेश जारी कर दिया. काठमांडू के मुख्य जिला अधिकारी (CDO) छबिलाल रिजाल ने स्थानीय प्रशासन अधिनियम की धारा 6 के तहत कर्फ्यू का आदेश जारी किया है. यह आदेश सोमवार दोपहर 12:30 बजे से रात 10 बजे तक लागू रहेगा.

काठमांडू के न्यू बानेश्वर में सोमवार को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प के दौरान 9 प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है. काठमांडू पोस्ट के अनुसार, यह हिंसक स्थिति तब पैदा हुई जब प्रदर्शनकारियों ने प्रतिबंधित क्षेत्र को तोड़ते हुए संसद परिसर में प्रवेश किया. पुलिस ने पानी की तोप, आंसू गैस और गोलियों का इस्तेमाल कर प्रदर्शनकारियों को काबू में करने का प्रयास किया, जिसमें कई लोग घायल हुए है.

Kathmandu Curfew Genz Protest: किन इलाकों में लागू हुआ कर्फ्यू

द काठमांडू पोस्ट के अनुसार, न्यू बानेश्वर चौक से पश्चिम की ओर एवरेस्ट होटल और बिजुलीबाजार आर्च ब्रिज तक. न्यू बानेश्वर चौक से पूर्व की ओर मिन भवन और शांतिनगर होते हुए टिंकुने चौक तक. न्यू बानेश्वर चौक से उत्तर की ओर आईप्लेक्स मॉल से रत्न राज्य सेकेंडरी स्कूल तक. दक्षिण की ओर शंखमूल से शंखमूल ब्रिज तक. इन इलाकों में आवागमन, सभा, प्रदर्शन और घेराव पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिए गए हैं.

कैसे भड़की झड़प

सुबह से ही हजारों युवाओं ने सड़कों पर उतरकर सरकार विरोधी नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड्स तोड़ डाले. इसके जवाब में पुलिस ने वॉटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. प्रदर्शनकारी भी पीछे नहीं हटे. उन्होंने पेड़ों की टहनियां और पानी की बोतलें पुलिस पर फेंकी. कुछ तो संसद भवन परिसर तक पहुंच गए.

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किस बात पर विरोध?

नेपाल की केपी शर्मा ओली सरकार ने गुरुवार को बड़ा ऐलान किया था कि सरकार ने फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और यूट्यूब समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन लगाने का फैसला किया है. यह कदम उन कंपनियों के खिलाफ उठाया गया है, जिन्होंने निर्धारित समय सीमा के भीतर नेपाल में पंजीकरण नहीं कराया. आदेश के मुताबिक, बैन गुरुवार आधी रात से लागू हो जाएगा. युवाओं का गुस्सा सरकार के उस फैसले पर है, जिसमें 26 अपंजीकृत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन कर दिया गया है. इनमें Facebook, Instagram, WhatsApp, YouTube और Snapchat जैसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि सरकार भ्रष्टाचार में डूबी हुई है और अब लोगों की अभिव्यक्ति की आजादी पर भी हमला कर रही है. सरकार ने बताया कि टिकटॉक, वाइबर, विटक, निंबज और पोपो लाइव पहले ही पंजीकरण करा चुके हैं. वहीं टेलीग्राम और ग्लोबल डायरी ने आवेदन किया है और उनकी प्रक्रिया जारी है. इन्हें छोड़कर बाकी सभी प्लेटफॉर्म्स को नेपाल में बंद कर दिया जाएगा.

सरकार का निर्देश

यह निर्णय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री पृथ्वी सुब्बा गुरूंग की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया था. इसके बाद मंत्रालय ने नेपाल दूरसंचार प्राधिकरण को निर्देश दिया कि वे सभी अपंजीकृत सोशल मीडिया साइट्स को बंद करें. मंत्रालय के प्रवक्ता गजेंद्र कुमार ठाकुर ने कहा कि सिर्फ वही प्लेटफॉर्म चालू रहेंगे, जिन्होंने पंजीकरण कराया है. अगर कोई कंपनी बाद में पंजीकरण कर लेती है तो उसी दिन उसे दोबारा खोला जाएगा. सरकार के इस फैसले से लाखों नेपाली प्रभावित होंगे. विदेश में रहने वाले नेपाली नागरिक भी रोजाना फेसबुक मैसेंजर और व्हाट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल परिवार से जुड़ने, पढ़ाई और नौकरी के सिलसिले में करते हैं.

पत्रकार महासंघ का विरोध

नेपाल पत्रकार महासंघ (FNJ) ने इस कदम का विरोध किया भी किया था. महासंघ के महासचिव राम प्रसाद दहाल ने कहा कि सरकार का यह निर्णय बिना विकल्प दिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की आजादी पर हमला है. यह संविधान द्वारा गारंटीकृत सूचना के अधिकार का उल्लंघन भी करता है.

यह पहला मौका नहीं है जब नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर सख्ती दिखाई है. नवंबर 2023 में तत्कालीन पुष्प कमल दहाल सरकार ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगा दिया था. हालांकि अगस्त 2024 में टिकटॉक ने नेपाल में पंजीकरण कराया, जिसके बाद उस पर से बैन हटा लिया गया.

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