Japan Defense Budget: जापान का 9 ट्रिलियन येन का रिकॉर्ड तोड़ रक्षा बजट! चीन-ताइवान तनाव में नया उबाल

Japan Defense Budget: जापान ने 9 ट्रिलियन येन का अपना अब तक का सबसे बड़ा रक्षा बजट मंजूर कर दिया है. इसमें ड्रोन, मिसाइल और तटीय सुरक्षा के लिए फंडिंग शामिल है. चीन ने इस पर आपत्ति जताई है, और ताइवान को लेकर तनाव बढ़ गया है. अंतरिक्ष गतिविधियाँ और सैन्य टकराव एशिया में नई भू-राजनीतिक चुनौतियां पैदा कर रहे हैं.

By Govind Jee | December 26, 2025 7:44 PM

Japan Defense Budget: जापान ने अगले साल के लिए अब तक का सबसे बड़ा रक्षा बजट पास किया है. इस बार बजट 9 ट्रिलियन येन यानी करीब 58 अरब डॉलर का है, जो पिछले साल से 9.4 फीसदी ज्यादा है. जापान सरकार का कहना है कि यह कदम उनकी पांच साल की योजना का हिस्सा है, जिसके तहत वह अपनी सैन्य खर्च को GDP का 2 प्रतिशत तक बढ़ाना चाहता है. इस बजट का मकसद सिर्फ हथियार खरीदना नहीं, बल्कि जापान की सुरक्षा और आत्मरक्षा क्षमता को मजबूत करना है. 

जापान इस बजट के जरिए अपनी रक्षा क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है. इसमें जवाबी हमला करने की क्षमता विकसित करना और समुद्री इलाकों की सुरक्षा मजबूत करना शामिल है. इसके लिए सरकार ने सतह से जहाज मारने वाली मिसाइलें और बिना इंसान वाले सिस्टम तैयार करने की योजना बनाई है.

Japan Defense Budget in Hindi: ड्रोन से बढ़ेगा समुद्री सुरक्षा नेटवर्क

जापान का नया प्रोग्राम “शील्ड” (Shield) इस साल से शुरू होने वाला है. इसके तहत हवा में उड़ने वाले और समुद्र में चलने वाले ड्रोन तैनात किए जाएंगे. सरकार ने इसके लिए 100 अरब येन अलग रखे हैं और उम्मीद है कि मार्च 2028 तक यह पूरी तरह काम करना शुरू कर देगा. इन ड्रोन के जरिए जापान अपने तटीय इलाके की निगरानी और सुरक्षा को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है.

China-Taiwan Tension in Hindi: चीन ने जताई आपत्ति

जापान की रक्षा योजना को लेकर चीन ने लगातार विरोध किया है. मामला तब और गर्म हो गया जब जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने कहा कि अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो जापान सैन्य हस्तक्षेप कर सकता है. चीन ने इसे धमकी माना और इसके बाद कई कूटनीतिक और आर्थिक कदम उठाए. हालांकि, ताकाइची ने अपने बयान पर कायम रहते हुए कहा कि जापान की रक्षा नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है.

अंतरिक्ष में भी बढ़ रहा तनाव

जापान सिर्फ जमीन और समुद्र में ही नहीं, बल्कि अंतरिक्ष में भी सक्रिय है. इस साल जापान ने कई रॉकेट लॉन्च किए हैं, जिनमें GPS और खुफिया सैटेलाइट शामिल हैं. चीन का कहना है कि जापान अमेरिका के साथ मिलकर अंतरिक्ष का सैन्यकरण कर रहा है. चीन की चिंता है कि यह कदम खतरनाक बढ़ावा दे रहा है, जिसे उन्होंने पर्ल हार्बर से पहले की स्थिति जैसी बताया है. जापान याद दिलाता है कि 2015 में संविधान में बदलाव कर सामूहिक आत्मरक्षा की इजाजत दी गई थी. (Japan Defense Budget 9 Trillion Yen in Hindi)

ताइवान: सबसे बड़ा तनाव का केंद्र

जापान चीन को अपनी सबसे बड़ी रणनीतिक चुनौती मानता है, खासकर ताइवान को लेकर. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि अमेरिका ताइवान का समर्थन कर रहा है और उसे हथियार दे रहा है. यही वजह है कि इस पूरे इलाके में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. हाल ही में चीन के लड़ाकू विमानों ने जापानी विमानों पर रडार लॉक कर दिया. यह घटना दक्षिण-पश्चिमी जापान के पास हुई और इसके बाद टोक्यो ने आधिकारिक विरोध दर्ज कराया. चीन का कहना है कि उसका सैन्य विस्तार पूरी तरह कानूनी और ज़रूरी है. बीजिंग ने अमेरिका पर आरोप लगाया कि वह ताइवान का समर्थन करके अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा है. चीन के मुताबिक, यही असली तनाव की जड़ है.

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