जापान समेत यूरोप के 13 देशों ने इजराइल की 19 नई बस्तियों की मंजूरी को बताया अवैध, कहा- वेस्ट बैंक में शांति को खतरा
Israel West Bank Settlements: इजराइल ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में 19 नई बस्तियों को मंजूरी दी, जिसे 13 देशों और जापान ने अंतर्राष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताते हुए कड़ी निंदा की. इस कार्रवाई से फिलिस्तीनी जमीन पर कब्जा, हिंसा और विस्थापन बढ़ गया. दुनिया भर में, दो-राज्य समाधान और एक न्यायपूर्ण शांति की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है.
Israel West Bank Settlements: इजरायल सरकार ने हाल ही में कब्जा वाले वेस्ट बैंक में 19 नई यहूदी बस्तियों को मंजूरी दी. इस कदम को यूरोप के 13 देशों और जापान ने कड़ा विरोध किया. उनका कहना है कि ऐसे एकतरफा फैसले क्षेत्र में लंबे समय तक शांति और सुरक्षा की संभावनाओं को कमजोर कर सकते हैं. साझा बयान में बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, आइसलैंड, आयरलैंड, जापान, माल्टा, नीदरलैंड, नॉर्वे, स्पेन और ब्रिटेन शामिल थे. उन्होंने दो-राज्य समाधान के आधार पर न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दोहराई.
Israel West Bank Settlements in Hindi: इजरायल का जवाब और सरकार की राय
इजरायल के विदेश मंत्री ने इन देशों के बयान को खारिज कर दिया. उनका कहना था कि यहूदी लोगों को मैंडेटरी फिलिस्तीन के पूरे क्षेत्र में राष्ट्रीय घर बनाने का अधिकार है. वेस्ट बैंक, जो जॉर्डन नदी के पश्चिम में स्थित है, 1967 से इजरायल सेना के कब्जे में है और यहां 3.3 मिलियन से ज्यादा फिलिस्तीनियन रहते हैं. इजराइल के नेता अब भविष्य में किसी भी फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ अधिक स्पष्ट हो गए हैं. फाइनेंस मंत्री बेसलल स्मोट्रिच ने कहा कि हम फिलिस्तीनी आतंकवादी राज्य की स्थापना को जमीन पर रोक रहे हैं और अपने पूर्वजों की भूमि पर बसावट जारी रखेंगे.
इजरायली बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध मानी जाती हैं
इजरायली बस्तियां अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध मानी जाती हैं. इन बस्तियों का मकसद अक्सर भविष्य में उन्हें वैध कराना होता है. स्मोट्रिच के अनुसार, नई मंजूर की गई बस्तियां वेस्ट बैंक के अंदर गहरी जगहों पर हैं, जिनमें दो स्थान शामिल हैं जिन्हें 2005 में खाली किया गया था. इजरायल की वर्तमान दक्षिणपंथी सरकार ने 2023 से अब तक दर्जनों नई बस्तियां स्थापित की हैं. इसी के साथ, फिलिस्तीनियों के घरों की ध्वस्तियां और सेना की कार्रवाइयां भी बढ़ गई हैं, जिससे बड़े पैमाने पर विस्थापन हो रहा है.
फिलिस्तीनियों पर बढ़ते हमले
इस साल यहूदी बस्तियों के निवासियों द्वारा फिलिस्तीनियों और उनके खेतों पर हमले तेजी से बढ़ गए हैं. खासकर अक्टूबर और नवंबर में जैतून की कटाई के दौरान. कई वीडियोज में दिखा कि मास्क पहने हुए इजरायली बसेरों ने क्लब और बंदूकें लेकर फिलिस्तीनियों पर हमला किया. कई वीडियोज में सैनिक भी पास में दिखे और अक्सर हमलों में उनका साथ देते दिखे. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर में कम से कम 264 हमले दर्ज किए गए, जो 2006 से सबसे ज्यादा हैं. यूएन ने चेतावनी दी कि इन हमलों को रोकना या दंडित न करना अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है. दोषियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए. (Israel West Bank Settlements Condemned By 14 Countries in Hindi)
वैश्विक प्रतिक्रिया और शांति प्रयास
14 देशों ने इजरायल की इस कार्रवाई को अवैध बताते हुए कहा कि यह गाजा में हुए संघर्ष विराम और क्षेत्र की दीर्घकालिक शांति के लिए खतरा है. उन्होंने जोर देकर कहा कि वे फिलिस्तीनियों के आत्मनिर्णय और न्यायपूर्ण समाधान के समर्थन में हैं. इस्राइल सरकार ने अब तक अपने कार्यकाल के दौरान 69 नई बस्तियों को मंजूरी दी या उन्हें बाद में वैध घोषित किया है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यह बस्ती विस्तार अब तक के सबसे बड़े पैमाने पर है और इससे फिलिस्तीनियों के लिए स्वतंत्र और लगातार क्षेत्र बचाना मुश्किल हो गया है.
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