हमें पता है भारत पर कितना दबाव है… पुतिन की यात्रा से पहले ऐसा क्यों बोला रूस?

India Pressure Russian Oil Vladimir Putin Delhi Visit: व्लादिमीर पुतिन एक दिन बाद भारत के दौरे पर आने वाले हैं. उनके दिल्ली दौरे से पहले क्रेमलिन के स्पोक्सपर्सन ने कहा कि भारत रूसी तेल को लेकर दबाव में है, यह बात हमें पता है. भारत के ऊपर रूसी तेल खरीदने की वजह से ट्रंप प्रशासन की ओर से अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाया गया है.

By Anant Narayan Shukla | December 2, 2025 6:28 PM

India Pressure Russian Oil Vladimir Putin Delhi Visit: पुतिन 4-5 दिसंबर, 2025 को भारत की यात्रा पर आएंगे, जहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे. वह पीएम मोदी से मिलेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. यह उनकी चार साल बाद भारत यात्रा होगी. यात्रा से पहले रूसी संसद क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने मंगलवार को भारत द्वारा रूसी तेल खरीदने पर अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे भारी टैरिफ के मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मॉस्को इस चुनौती को समझता है, लेकिन वॉशिंगटन और नई दिल्ली के द्विपक्षीय मामलों में दखल नहीं देगा. रूस नई दिल्ली को वैश्विक मामलों में रणनीतिक रूप से स्वतंत्र मानता है.

पेस्कोव ने कहा- हम अमेरिका और भारत के कूटनीतिक संबंधों में दखल नहीं दे सकते. हमें पता है कि भारत पर दबाव है. उन्होंने यह भी कहा कि यह दबाव अब इस बात को प्रभावित करता है कि रूस भारत के साथ अपनी साझेदारी को किस तरह आगे बढ़ाता है. अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा- इसी कारण हमें अपने रिश्तों की ऐसी संरचना तैयार करने में सावधानी बरतनी होती है जो किसी तीसरे देश के प्रभाव से मुक्त हो. भारत की स्वतंत्र विदेश नीति की सराहना करते हुए पेस्कोव ने कहा- हमें पता है कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को परिभाषित करने में बेहद संप्रभु है. हम इस विशेषता की प्रशंसा करते हैं. 

व्यापक एजेंडों पर होगी बात

नई दिल्ली और मॉस्को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा की तैयारी कर रहे हैं, जहां व्यापार और रणनीतिक सहयोग प्रमुख मुद्दे होंगे. क्रेमलिन ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों को राजनीतिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों में फैले व्यापक एजेंडा की समीक्षा का अवसर देगी. यह मोमेंटम ऐसे समय आया है जब वॉशिंगटन भारत पर रूसी कच्चे तेल के आयात को कम करने का दबाव बनाए हुए है. अमेरिका ने भारतीय सामान पर भारी शुल्क लगाए हैं और नई दिल्ली से रूसी तेल खरीद कम करने की अपील की है.

अमेरिका में विचाराधीन नए कानून के तहत उन देशों पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं, जो रूसी ऊर्जा खरीद जारी रखते हैं. इस पृष्ठभूमि में होने वाला यह शिखर सम्मेलन बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करते हुए रूस और अमेरिका दोनों के साथ प्रभावी संबंध बनाए रखने की कोशिश कर रहा है. भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार भी यह यात्रा दोनों पक्षों को साझेदारी का मूल्यांकन करने, भविष्य के लक्ष्यों को तय करने और क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श करने का अवसर देगी.

किन मुद्दों पर होगी दोनों देशों के बीच बातचीत

रक्षा और ऊर्जा इस शिखर सम्मेलन के प्रमुख विषय होंगे. भारत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान एस-400 सिस्टम के प्रदर्शन के बाद, और सिस्टम खरीदने का इच्छुक है. दिल्ली में एएनआई नेशनल सिक्योरिटी समिट के दौरान रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि संभावित रूप से एस-400 को खारिज नहीं किया गया है, लेकिन इस बैठक में किसी बड़ी घोषणा की उम्मीद नहीं है. यह बैठक रक्षा सहयोग के व्यापक पहलुओं पर केंद्रित होगी. ऊर्जा क्षेत्र में, प्रतिबंधों के चलते भारत द्वारा खरीद कम करने के बाद मॉस्को ने कच्चे तेल की आपूर्ति पर अतिरिक्त छूट की पेशकश की है. दोनों पक्ष रूस-यूक्रेन संघर्ष पर भी चर्चा करेंगे, जो हालिया कूटनीतिक वार्ताओं का लगातार हिस्सा रहा है. भारत बार-बार युद्ध समाप्त करने और शांति बहाल करने की अपील कर चुका है. ये चर्चाएं भारत-रूस की गहरी साझेदारी, संतुलित कूटनीति और वैश्विक दबावों के बीच रणनीतिक हितों की सुरक्षा को उजागर करती हैं.

प्रभात खबर पॉडकास्ट में रवि शास्त्री 7 दिसंबर को.

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