प्रकट हुआ नया ‘पैगंबर’ बाइबल को गलत साबित करने पर तुला, बताया; 25 दिसंबर से दुनिया खत्म होगी, जनता पगलाई
Ghana Prophet Ebo Noah: घाना के स्वयंघोषित पैगंबर एबो नूह का यह दावा सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया है कि क्रिसमस से पूरी दुनिया एक महाविनाशकारी बाढ़ की चपेट में आ जाएगी. वह खुद को आधुनिक युग का नूह बताते हुए ऐसे जहाज बनवा रहे हैं, जिनके जरिए कथित तौर पर तीन साल तक चलने वाली इस बाढ़ से बचा जा सके. जहां कुछ लोग उनके इस प्रयास को आस्था से जोड़कर समर्थन दे रहे हैं, वहीं कई आलोचक बाइबिल के संदर्भों और उनके दावों की व्यावहारिक सीमाओं पर सवाल उठा रहे हैं.
Ghana Prophet Ebo Noah: सोशल मीडिया के दौर में आस्था, डर और वायरल कंटेंट के बीच की रेखा लगातार धुंधली होती जा रही है. इसका ताजा उदाहरण घाना के एक प्रचारक हैं, जो खुद को आधुनिक ‘नूह’ बताते हुए यह दावा कर रहे हैं कि ईश्वर ने उन्हें 25 दिसंबर से शुरू होने वाली तीन साल लंबी वैश्विक बाढ़ की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि इस प्रलय से बचने के लिए उन्होंने कई ‘आर्क’ यानी जहाज बनवाए हैं, जिन पर सवार होकर विश्वास करने वाले लोग सुरक्षित रह सकेंगे. घाना के इस व्यक्ति को अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर नूह, पैगंबर एबो नूह, एबो जीसस या इग्बो नूह (Ebo Noah) के नाम से जाना जा रहा है.
अगस्त 2025 के अंत से उनके वीडियो टिकटॉक, इंस्टाग्राम, फेसबुक और एक्स (ट्विटर) पर तेजी से वायरल होने लगे. अगस्त में पोस्ट किए गए “What will happen and how it will happen” शीर्षक वाले एक वीडियो में उसने दावा किया कि ईश्वर ने उसे बताया है कि 25 दिसंबर से लगातार तीन साल तक बारिश होगी. एबो का कहना है कि वह इस पूरे समय एक आर्क पर ही रहकर जीवन बिताएगा.
इन वीडियो में वे लकड़ी की बड़ी नावों के पास खड़े या उनके भीतर नजर आते हैं, स्थानीय भाषा में उपदेश देते हैं और सबटाइटल के जरिए वैश्विक दर्शकों तक अपनी बात पहुंचाते हैं. उनका पहनावा भी ध्यान खींचता है, जिसमें वे भूरे रंग का टाट जैसा वस्त्र पहने हैं, यह उनकी पहचान का हिस्सा बन गया है. उनका दावा है कि 25 दिसंबर 2025 से बारिश बिना रुके तीन से चार साल तक होती रहेगी और पूरी दुनिया जलमग्न हो जाएगी.
दावा; 10 लकड़ी के जहाज- आर्क बनकर तैयार
यह कहानी बाइबिल में वर्णित नूह की बाढ़ से मिलती-जुलती है. जिसमें चेतावनी है, वे एक तय समय-सीमा और यहां तक कि जानवरों को जोड़े में इकट्ठा करने का संकेत भी करते हैं. वे कहते हैं कि ईश्वर ने उन्हें एक नहीं बल्कि करीब दस आर्क बनाने का आदेश दिया है, जिन पर दुनिया के किसी भी कोने से आने वाले लोग सवार हो सकते हैं, बशर्ते वे ईश्वर के साथ वाचा में प्रवेश करें.
सोशल मीडिया पर कुछ पोस्ट्स में दावा किया गया है कि एक आर्क 5,000 से 6,000 लोगों को ले जाने में सक्षम है और इसे बनाने में 11 महीने से ज्यादा का समय लगा. कुछ वीडियो यह भी कहते हैं कि 250,000 विशेष लकड़ी के टुकड़ों से आठ और आर्क बनाए जा रहे हैं. एक तो यहां तक कहता है कि एक ग्रैंड आर्क 60 करोड़ लोगों को ढोने में सक्षम होगा, हालांकि ऐसा कोई जहाज वीडियो में नजर नहीं आता.
कई समर्थक इस दावे पर सवाल उठा रहे हैं. स्थानीय मीडिया पोर्टल Ghana Web के मुताबिक, एबो ने लगभग 10 लकड़ी के आर्क तैयार किए हैं और अपने वीडियो में मवेशियों को भी दिखाया है, जो नूह की बाइबिल कथा की याद दिलाते हैं. उसके पोस्ट्स में अक्सर उसे उपवास करते, प्रार्थना करते और टाट जैसे वस्त्र पहने हुए देखा जा सकता है, साथ ही वह आने वाले महाविनाश की चेतावनी देता रहता है.
खुद ही साझा करता है आर्क के वीडियोज, जिसमें लोग ले सकेंगे शरण
एबो इनोच के दावे में फर्क बस इतना है कि नूह ने एक आर्क बनाया था, जबकि उसने दावा किया है कि वह करीब 10 जहाज तैयार कर चुका है. माना जा रहा है कि उसके समर्थकों ने अपना सब कुछ बेचकर यह धन उसे सौंपा, ताकि वे कथित तौर पर इन जहाजों पर सुरक्षित रह सकें. उसके सोशल मीडिया वीडियो में अक्सर उसे फटे-पुराने टाट के कपड़े पहने हुए, लोगों के लिए उपवास और प्रार्थना करते देखा जा सकता है. सोशल मीडिया पर ऐसे वीडियो भी सामने आए हैं, जिनमें लोग उन जगहों पर पहुंचते दिखते हैं, जहां ये जहाज तैयार किए जा रहे हैं, ताकि कथित वैश्विक बाढ़ के दौरान वहां शरण ली जा सके.
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एबो का कहना है कि इन जहाजों पर सवार होने के लिए कोई पाबंदी नहीं है और उसने किसी खास समूह को नहीं चुना है. वह लगातार जहाजों का निरीक्षण करते हुए अपनी तस्वीरें साझा करता रहता है. सोशल मीडिया पर बड़ी संख्या में लोग उसके दावों पर हैरानी जता रहे हैं और यह देखकर चौंक गए हैं कि उसके अनुयायी उसकी बातों पर बिना सवाल किए भरोसा कर रहे हैं, यहां तक कि अपनी पूरी संपत्ति भी त्याग रहे हैं. हालांकि उत्पत्ति ग्रंथ (Book of Genesis) के अनुसार, नूह का आर्क लगभग 510 फीट लंबा, 85 फीट चौड़ा और 51 फीट ऊंचा था, जबकि एबो के वीडियो में नजर आने वाली नावें उस आकार के आसपास भी नहीं लगतीं.
बाइबल को कैसे चैलेंज कर रही घाना के प्रोफेट की भविष्यवाणी?
ईसाई धर्मशास्त्र के नजरिए से देखें तो यह भविष्यवाणी और भी विवादित हो जाती है. यदि उत्पत्ति ग्रंथ (Book of Genesis) को शब्दशः लिया जाए, तो बाढ़ की कहानी को एक बार की घटना के रूप में प्रस्तुत किया गया है. उत्पत्ति 9:11 और उत्पत्ति 9:13–15 में स्वयं पाठ के भीतर ईश्वर यह वादा करते हैं कि वह फिर कभी दुनिया को बाढ़ से नष्ट नहीं करेंगे. इसमें लिखा है, ‘मैं तुम्हारे साथ अपनी वाचा (Covenant) स्थापित करता हूं कि अब कभी भी समस्त प्राणी बाढ़ के पानी से नष्ट नहीं होंगे, और पृथ्वी को नष्ट करने के लिए फिर कभी बाढ़ नहीं आएगी. मैं बादलों में अपना इंद्रधनुष रखूंगा, ताकि वह मेरे और पृथ्वी के बीच वाचा का चिन्ह बने… और समस्त प्राणियों को नष्ट करने के लिए फिर कभी बाढ़ नहीं आएगी.’
ऐसे में तीन साल की वैश्विक बाढ़ की भविष्यवाणी उस वाचा के सीधे खिलाफ जाती है. यही कारण है कि कई ईसाई यूजर्स सोशल मीडिया पर बाइबिल की आयतें साझा कर इस दावे पर संदेह जता रहे हैं. उत्पत्ति 9:11 और 9:13-15 पहले से ही रिप्लाई थ्रेड्स में घूम रहे हैं, कमेंट्स में चिपकाए जा रहे हैं और रिएक्शन वीडियो में जोड़े जा रहे हैं. तर्क सीधा है कि अगर ईश्वर ने सार्वजनिक रूप से यह वादा किया है कि वह फिर कभी दुनिया को बाढ़ से नष्ट नहीं करेंगे, तो तीन साल तक चलने वाली वैश्विक बाढ़ की कोई भी भविष्यवाणी धार्मिक आधार पर कमजोर पड़ जाती है.
अब तक किसी भी बड़े चर्च, मान्यता प्राप्त धर्मगुरु या धार्मिक संस्था ने इस भविष्यवाणी का समर्थन नहीं किया है. न ही किसी मौसम वैज्ञानिक या जलवायु एजेंसी ने ऐसी किसी वैश्विक आपदा की चेतावनी दी है. वीडियो में जो दिखता है, वह असल में एक स्थानीय नाव-निर्माण परियोजना जैसा लगता है, जिसमें लकड़ी है, मजदूर हैं, उनका पसीना और सामुदायिक मेहनत की ताकत. नावें असली जरूर लगती हैं, लेकिन वे हजारों या लाखों लोगों को समेटने लायक नहीं दिखतीं.
रैप्चर की भविष्यवाणी
गौरतलब है कि इस तरह की भविष्यवाणियां नई नहीं हैं. इसी साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के एक पादरी ने यह दावा किया था कि 23 सितंबर को दुनिया का अंत हो जाएगा, जिसे ‘रैप्चर’ कहा जाता है. जोशुआ म्लाकेला ने कहा था कि ईश्वर “ईसाइयों को इस संसार से उठा लेंगे” और सभी जीवित व मृत विश्वासियों को अपने पास बुला लेंगे, जबकि अविश्वासी लोग धरती पर ही रह जाएंगे. उसकी इस भविष्यवाणी पर यकीन करते हुए भी कई लोगों ने अपनी भौतिक संपत्तियां बेचकर कथित अंत की तैयारी शुरू कर दी थी.
कंटेंट को बढ़ा चढ़ाकर किया जा रहा पेश
इस पूरे मामले में एआई पर सवाल भी उठ रहा है. कई वीडियो एक जैसी आवाज, म्यूजिक और एडिटिंग के साथ साझा किए जा रहे हैं, जिससे शक होता है कि कंटेंट को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया हो. हालांकि, अभी तक यह साबित नहीं हुआ है कि वीडियो पूरी तरह फर्जी हैं. असल में, यह कहानी सिर्फ एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि इंटरनेट के उस तंत्र की है, जहां आस्था, भय और एल्गोरिदम मिलकर किसी स्थानीय घटना को वैश्विक प्रलय की कथा में बदल सकते हैं. फिलहाल, न तो विज्ञान और न ही धर्म इस तीन साल की बाढ़ की पुष्टि करता है. ऐसे में संदेह करना स्वाभाविक है, और अंधविश्वास के बजाय तथ्यों के आधार पर सोचने की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा है.
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