US को खुद से 34 गुना छोटे देश से मिला झटका, एयर बेस देने से किया इनकार, देश की जनता ने रेफरेंडम में चुनी संप्रभुता
Ecuador rejects foreign military base in Manta: इक्वाडोर के मतदाताओं ने विदेशी सैन्य ठिकानों का प्रस्ताव खारिज कर दिया है. यह राष्ट्रपति नोबोआ की योजनाओं के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि इस छोटे से पैसिफिक नेशन के लोगों ने विदेशी उपस्थिति की बजाय राष्ट्रीय संप्रभुता को चुना. इक्वाडोर के लोगों ने देश में विदेशी सैन्य ठिकानों की अनुमति देने के प्रस्ताव को खारिज करना अमेरिका की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को भी बड़ा झटका है.
Ecuador rejects foreign military base in Manta: एक छोटा सा दक्षिण अमेरिकी देश, जिसका क्षेत्रफल 283,561 वर्ग किमी है, उसने 98,26,675 वर्ग किमी वाले अमेरिका के आगे झुकने से इनकार कर दिया है. वेनेजुएला के बाद उसे इक्वाडोर से चुनौती मिल रही है. यह इस देश की सरकार नहीं, बल्कि देश की जनता ने सीधा ऐलान किया है. इक्वाडोर के मतदाताओं ने विदेशी सैन्य ठिकानों का प्रस्ताव खारिज कर दिया है. यह राष्ट्रपति नोबोआ की योजनाओं के लिए बड़ा झटका है, क्योंकि इस छोटे से पैसिफिक नेशन के लोगों ने विदेशी उपस्थिति की बजाय राष्ट्रीय संप्रभुता को चुना. इक्वाडोर के लोगों ने देश में विदेशी सैन्य ठिकानों की अनुमति देने के प्रस्ताव को खारिज करना अमेरिका की क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं को भी बड़ा झटका है, क्योंकि वह ड्रग्स कार्रवाई के नाम पर कैरिबिया में अपना सबसे बड़ा जहाजी बेड़ा उतार चुका है.
रविवार, 16 नवंबर को हुए राष्ट्रीय जनमत संग्रह में करीब 60% वोटरों ने विदेशी ठिकानों पर लगे लंबे समय से चले आ रहे संवैधानिक प्रतिबंध को हटाने के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया. इसी तरह संविधान पुनर्निर्माण सभा बुलाने के प्रस्ताव को भी जनता ने ठुकरा दिया. इन नतीजों ने व्यापक संस्थागत सुधारों के प्रति जनता के विरोध को दिखाया. विदेशी सैन्य ठिकानों की अनुमति देना राष्ट्रपति नोबोआ की सुरक्षा नीति का मुख्य हिस्सा था. जनमत संग्रह का उद्देश्य 2008 के संविधान के अनुच्छेद 5 को हटाना था, जो इक्वाडोर को शांति का क्षेत्र घोषित करता है और विदेशी सैन्य ठिकानों पर रोक लगाता है. नोबोआ ने नतीजों को स्वीकार करते हुए कहा कि वे मौजूदा संसाधनों के साथ ही संगठित अपराध से लड़ाई जारी रखेंगे.
नोबोआ की सुरक्षा दलील को इक्वाडोर ने ठुकराया
इस योजना की हार नोबोआ के लिए बड़ा राजनीतिक झटका है, जो 2023 में सत्ता में आए और देश में बढ़ते गैंग हिंसा के बीच इसे अपनी व्यापक अपराध-रोधी रणनीति से जोड़कर पेश कर रहे थे. नोबोआ ने तर्क दिया था कि देश में बढ़ती ड्रग-संबंधित हिंसा से निपटने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग, विशेषकर अमेरिका की मदद आवश्यक है. उनका कहना था कि अंतरराष्ट्रीय आपराधिक नेटवर्क से लड़ने के लिए साझा खुफिया और समन्वित कार्रवाइयाँ जरूरी हैं. विदेशी सैन्य ठिकानों से निगरानी और ड्रग-ट्रैफिकिंग पर रोकथाम क्षमताओं में सुधार होगा.
अमेरिका ने 2009 तक इक्वाडोर में सैन्य बेस संचालित किया था
2008 का संविधान लागू होने से पहले, 1999 से 2009 तक संयुक्त राज्य अमेरिका इक्वाडोर के मंता शहर में एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग लोकेशन (सैन्य ठिकाना) संचालित करता था. यह केंद्र क्षेत्रीय एंटी-ड्रग निगरानी उड़ानों में मदद करता था. लेकिन पूर्व राष्ट्रपति राफेल कोरिया ने संप्रभुता का हवाला देते हुए समझौते को नवीनीकृत करने से इनकार कर दिया. नोबोआ ने अपने प्रचार के दौरान इस पुराने सहयोग को ‘हां’ वोट के समर्थन में कई बार याद दिलाया. 2009 में मंता बेस बंद होने के बाद से इक्वाडोर में कोई विदेशी सैन्य ठिकाना नहीं है और जनमत संग्रह ने 2008 की रोक को और मजबूत कर दिया है.
इक्वाडोर के लोग संप्रभुता के पक्ष में
कोरिया की पार्टी सिटीजन्स रेवोल्यूशन के साथ ही अन्य वामपंथी दलों ने विदेशी सैन्य ठिकानों के प्रस्ताव को इक्वाडोर की संप्रभुता पर सीधा हमला बताया. विरोधियों का तर्क था कि विदेशी सैन्य बलों की अनुमति देने से क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव और बढ़ सकता है. देश की सुरक्षा चुनौती पर उन्होंने कहा कि समाधान देश के अंदर ही खोजे जाने चाहिए, न कि संवैधानिक प्रावधानों से समझौता करके.
अमेरिका के लिए रणनीतिक झटका
जनमत संग्रह का नतीजा अमेरिका के लिए उस रणनीतिक अवसर के नुकसान के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें वह प्रशांत तट पर फिर से अपनी मजबूत मौजूदगी स्थापित कर सकता था. मंता बेस फिर से खोलने से कोलंबिया, पेरू और बोलिविया में ड्रग-ट्रैफिकिंग मार्गों की निगरानी अमेरिका के लिए आसान हो जाती. यह कदम अमेरिका की क्षेत्र के वामपंथी सरकारों, खासकर वेनेजुएला, पर नजर रखने की रणनीति से भी मेल खाता. वेनेजुएला को लेकर अमेरिका विशेष चिंतित है. उसने इस देश की समुद्री सीमाओं के पास 20 से ज्यादा हमले किए हैं, जिनमें 76 से ज्यादा लोगों के मारे गए हैं. वेनेजुएला और अमेरिका के बीच बढ़ती तनातनी के बीच मंता एयरबेस के लिए इक्वाडोर की जनता का संदेश यूएसए को बिल्कुल साफ है.
ये भी पढ़ें:-
सऊदी अरब में भयानक हादसा, आग का गोला बनी बस, उमराह के लिए गए 42 भारतीयों की मौत की आशंका
