नोबेल के लिए फिर छलका ट्रंप का दर्द, कहा- मुझे पुरस्कार न देने के लिए वो कोई न कोई बहाना ढूंढ लेंगे
Donald Trump on Nobel Peace Prize: डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर से अपने नोबेल पुरस्कार का राग अलापा है. उन्होंने कहा कि मैंने दुनिया भर में 7 युद्ध रुकवाए हैं, लेकिन नोबेल समिति मुझे पुरस्कार ने देने के लिए कोई न कोई बहाना ढूंढ लेगी.
Donald Trump on Nobel Peace Prize: एडोनाल्ड ट्रंप ने दुनिया भर में सात युद्ध रुकवाने का दावा कई मौकों पर किया है. इस ‘महान उपलब्धि’ पर उन्होंने खुद को नोबेल पुरस्कार के काबिल घोषित किया था. सिर्फ घोषित ही नहीं किया, यह उनकी चाहत थी. अब उनका मानना है कि वे आठवें युद्ध को रोकने के करीब हैं. ट्रंप ने गाजा के लिए एक 20-सूत्रीय शांति योजना प्रस्तावित की है, जिसे इजरायल ने स्वीकार कर लिया है और हमास ने भी इस पर सहमति जताई है. लेकिन डोनाल्ड ट्रंप इस बात को लेकर अनिश्चित हैं कि क्या उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिलेगा या नहीं. ट्रंप का मानना है कि उन्हें वैश्विक शांति प्रयासों के लिए यह सम्मान मिलना चाहिए. नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को होनी है. लेकिन इस बीच उन्होंने कहा कि नोबेल पुरस्कार देने वाली समिति उन्हें सम्मानित न करने के लिए कोई न कोई बहाना ढूंढ लेगी.
व्हाइट हाउस में एक पत्रकार ने जब उनसे पूछा कि क्या उन्हें लगता है कि वे यह पुरस्कार जीत सकते हैं? ट्रंप ने कहा कि उन्हें कई देशों ने नामांकित किया है, लेकिन वे परिणाम को लेकर निश्चित नहीं हैं. उन्होंने यह भी संकेत दिया कि नोबेल समिति शायद कोई न कोई वजह ढूंढ लेगी उन्हें यह पुरस्कार न देने की. ट्रंप ने कहा, “मुझे कोई अंदाजा नहीं. मार्को आपको बताएगा कि हमने सात युद्ध खत्म किए हैं. हम आठवें को सुलझाने के करीब हैं. वैसे पिछले हफ्ते रूस यूक्रेन युद्ध में लगभग 7000 लोग मारे गए. मुझे लगता है हम रूस से जुड़ा मुद्दा भी सुलझा लेंगे. इतिहास में किसी ने भी इतने संघर्ष खत्म नहीं किए. लेकिन शायद वे मुझे यह पुरस्कार देने का कोई कारण नहीं पाएंगे.”
ट्रंप कई मौकों पर कह चुके हैं कि वे नोबेल पुरस्कार के हकदार हैं क्योंकि उन्होंने वो किया है जो किसी ने नहीं किया. वे आर्मेनिया और अजरबैजान से लेकर डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) और रवांडा तक के संघर्षों को सुलझाने का श्रेय खुद को देते हैं. ट्रंप ने यह दावा भी किया था कि उन्होंने इस साल मई में भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, ताकि उन्हें नोबेल पुरस्कार के लिए योग्य माना जाए. हालांकि, भारत सरकार ने इस दावे को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा था कि दोनों देशों के बीच संघर्षविराम किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से नहीं हुआ था.
किसे दिया जाता है नोबेल शांति पुरस्कार
नोबेल शांति पुरस्कार के विजेता का चुनाव नॉर्वे की संसद की ओर से नियुक्त एक समिति द्वारा किया जाता है. यह स्वीडन के द्वारा दिए जाने वाले अन्य नोबेल पुरस्कारों से अलग है. दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने वैश्विक शांति, राष्ट्रों के बीच भाईचारा और निरस्त्रीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया हो.
इस साल के नोबेल शांति पुरस्कार की घोषणा शुक्रवार को नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में की जाएगी. ट्रंप को अपने पहले कार्यकाल में भी इस पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था, लेकिन वे उस समय भी नहीं जीत सके. 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार ऐसे समय में आ रहा है जब गाजा संघर्ष पर अंतरराष्ट्रीय ध्यान एक बार फिर केंद्रित है. पुरस्कार की घोषणा होने में अब केवल कुछ घंटों का ही समय शेष है.
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