अमेरिका में 8 साल बाद मां-बेटे के डबल मर्डर का खुलासा, लैपटॉप के DNA मैच से सुलझी गुत्थी
US Double Murder Case: अमेरिका में 2017 में हुई शशिकला नर्रा और उनके बेटे की दोहरी हत्या का राज आठ साल बाद खुला. नजीर हमीद पर DNA मैच के बाद आरोप तय हुए. कंपनी लैपटॉप से मिले सबूत ने केस को नई दिशा दी और अमेरिका ने उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी.
US Double Murder Case: अमेरिका में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने आठ साल बाद फिर से सबको चौंका दिया है. 2017 में आंध्र प्रदेश की रहने वाली शशिकला नर्रा और उनके छह साल के बेटे अनिश की न्यू जर्सी में हुई रहस्यमय हत्या लंबे समय तक ठंडे बस्ते में पड़ी रही. पुलिस को कोई पक्का सुराग नहीं मिल रहा था. लेकिन अब एक DNA मैच ने तस्वीर साफ कर दी है. यह मैच एक ऐसे लैपटॉप से मिला है, जिससे पूरी जांच नई दिशा में बढ़ गई है.
DNA लीड ने खोला पुराना केस
अमेरिकी अधिकारियों ने इस केस में नजीर हमीद नाम के भारतीय नागरिक पर आरोप तय किए हैं. नजीर उस समय कॉग्निजेंट टेक्नोलॉजी में काम करता था और शशिकला के पति के साथ काम करता था. वह न्यू जर्सी के मैपल शेड इलाके में रहता था और उसी जगह जहां नर्रा परिवार रहता था. जांच में पता चला कि हत्या के कुछ समय बाद ही नजीर हमीद भारत चला गया और तब से यहीं रह रहा है. वह उस समय अमेरिका में वीजा पर काम करता था. मामला तब आगे बढ़ा जब अमेरिकी अदालत ने आदेश देकर कॉग्निजेंट से उसका कंपनी लैपटॉप मंगवाया. फोरेंसिक टीम ने इस लैपटॉप से DNA का नमूना निकाला और उसे घटनास्थल से मिले अनपहचाने खून से मिलाया. दोनों मैच हो गए. यही सबूत इतना मजबूत था कि अब हमीद पर हत्या और अन्य आरोप लगाए जा सके और उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
US Double Murder Case: 2017 की रात को क्या हुआ था?
23 मार्च 2017 की शाम शशिकला के पति हानू नर्रा घर लौटे तो घर का नजारा डरावना था. शशिकला और उनका छोटा बेटा अनिश अपने अपार्टमेंट में चाकू से वार किए जाने के बाद मृत मिले. दोनों पर कई बार हमला किया गया था और उनके शरीर पर लड़ाई के निशान मौजूद थे, यानी उन्होंने हमलावर का सामना करने की कोशिश की थी. पुलिस को जांच के दौरान एक ऐसा खून का धब्बा मिला, जो परिवार के किसी सदस्य का नहीं था. इसी सबूत से पुलिस ने शुरुआत में ही हानू नर्रा को शक से बाहर कर दिया. आगे जांच करते हुए पता चला कि नजीर हमीद पर पहले हानू को स्टॉक करने का आरोप लगा था. हत्या के छह महीने बाद वह भारत लौट गया लेकिन कॉग्निजेंट के लिए रिमोट तरीके से काम करता रहा.
जब भारतीय एजेंसियों ने उससे DNA देने को कहा, तो उसने मना कर दिया. इसके बाद 2024 में अदालत से आदेश लेकर उसका लैपटॉप जब्त किया गया. इसी लैपटॉप से मिला DNA इस केस का सबसे बड़ा सबूत बन गया. जांचकर्ताओं का कहना है कि नजीर तकनीक में माहिर था और उसने अपने डिजिटल निशान मिटाने की कोशिश की लेकिन DNA के सामने उसकी योजना टिक नहीं पाई.
एक्स्ट्राडिशन शुरू
अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि हत्या का असल कारण अभी भी साफ नहीं है. लेकिन जांच में यह शक जरूर मजबूत है कि इसमें कोई व्यक्तिगत रंजिश या गुस्सा शामिल हो सकता है. अब अमेरिकी अधिकारी डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस के साथ मिलकर नजीर हमीद को भारत से अमेरिका लाने की प्रक्रिया में जुटे हुए हैं. DNA मैच ने इस केस को फिर से जिंदा कर दिया है और आठ साल बाद पीड़ित परिवार को न्याय की उम्मीद दिखाई है.
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