चमड़ी गोरी-आंखें नीली… अपनी ही बच्ची को देखकर चौंका चाइनीज कपल, DNA टेस्ट से खुला राज

Chinese Couple daughter DNA Test: चीन के जियांगसू प्रांत में एक जोड़े ने सफेद रंग, सुनहरे बाल और गहरी नीली आंखों वाली बच्ची को जन्म दिया. इस बच्ची को देखने के बाद परिवार और हॉस्पिटल के स्टाफ सभी हैरान रह गए. इसके बाद डी.एन.ए टेस्ट में पता चला कि ये कोई अस्पताल की लापरवाही नहीं बल्कि इस घटना के पीछे साइंस का एक बड़ा ही मजेदार किस्सा छिपा है.

By Sakshi Badal | December 6, 2025 2:21 PM

Chinese Couple daughter DNA Test: बच्चे के जन्म से पहले हर मां बाप इस उम्मीद में होते हैं उनकी संतान बिल्कुल उनकी तरह दिखे और उनके जैसे गुण लेकर दुनिया में आए. लेकिन जब परिस्थिति इसके उलट हो जाए तो मां बाप के साथ परिवार वाले भी दंग रह जाते हैं. ऐसा ही एक मामला चीन के जियांगसू प्रांत से आया है, जहां एक जोड़े ने नवजात बच्ची को जन्म दिया लेकिन परिवार से अलग और विपरीत रंग-रूप को देखकर सभी हैरान रह गए. दरअसल इस बच्ची के माता पिता चीनी एशियाई समुदाय के हैं जहां आमतौर पर लोगों के बाल काले और आंखें गहरी काली होती हैं जबकि इस नवजात बच्ची ने नीली आंखें और सुनहरे बाल के साथ जन्म लिया था जिसे देखने के बाद परिवार वालों के मन में कई तरह के सवाल आने लगे. इन सारी उलझनों को दूर करने के लिए उन्होंने DNA टेस्ट करवाने का फैसला किया, जिसमें कई सारे राज खुले.

एक ट्विटर (एक्स) पोस्ट के अनुसार चीन के जियांगसू में एक बच्ची का जन्म हुआ जिसे देख डॉक्टर, नर्स और परिवार सभी हैरान रह जाते हैं. दरअसल जियांगसू के जोड़े ने जिस बच्ची को जन्म दिया, वो रंग रूप और दिखने में बिल्कुल अपने मां-बाप और परिवार से अलग थी. आमतौर पर बच्चे अपने मां-बाप और पूर्वजों के गुण विरासत में पाते हैं लेकिन इस बच्ची ने अपने परिवार से बिल्कुल विपरीत सफेद चमड़ी, सुनहरे बाल और गहरी नीली आंखों के साथ जन्म लिया है. 

इसके बाद क्या हुआ?

इस समय परिवार के साथ नर्स और अस्पताल के स्टाफ भी यह देखकर हैरान थे कि दो पूर्वी एशियाई मूल के माता-पिता के बच्चे में इतने विपरीत और अलग लक्षण कैसे हो सकते हैं? जिसके बाद परिवार के लोगों में यह ख्याल भी आया कि कहीं अस्पताल की लापरवाही के चलते बच्चे की अदला-बदली तो नहीं हुई. बहुत सारी उलझनों और परेशानी के बाद इस मामले को पूरी तरह साफ करने के लिए कपल ने तुरंत पैटर्निटी टेस्ट (DNA Test) करवाया. इस जांच में आए रिपोर्ट के मुताबिक इस बच्ची के बायोलॉजिकल माता पिता ये दोनों ही हैं. अब परिवार वाले और भी ज्यादा हैरान हो जाते हैं क्योंकि इससे पहले इस परिवार में कभी भी इन फीचर्स वाले बच्चे ने जन्म नहीं लिया था. हालांकि इन सारी उलझनों के बाद इस कहानी में एक दिलचस्प मोड़ आता है. 

सोशल मीडिया पर भी खूब हुई चर्चा

दरअसल अपनी पैतृक इतिहास की गहराई से पड़ताल करने के बाद इस कपल को पता लगता है कि इस बच्ची के परदादा रूसी वंश के थे और उनसे ही इसे ये सफेद रंग और सुनहरे बाल मिले है. पिछले कई सालों से इस परिवार में किसी बेटी का जन्म नहीं हुआ था और यही वजह है की इस बच्ची ने अपने परदादा के छिपे जेनेटिक फीचर के साथ जन्म लिया. मजेदार बात ये है कि परिवार के किसी भी सदस्य को इस बार में पता नहीं था. हालांकि इसके बाद बच्ची को लेकर पुष्टि तो हो गई लेकिन इस पोस्ट को सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया गया. लोगों ने इस पोस्ट पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी दी. कई यूजर्स ने इस घटना का मजाक बनाया तो कई ने इसके पीछे छिपे साइंस का भी जिक्र किया.

इसके पीछे की असल वजह

इस घटना के बाद लोगों ने इसे एटाविज्म का भी नाम दिया. यह एक बायोलॉजिकल कॉन्सेप्ट है जो सुनने में जितना कठिन लगता है इसका असल मतलब उतना ही मजेदार है. एटाविज्म एक ऐसी स्थिती होती है जब किसी जीन (Gene) का दबा हुआ गुण अचानक एक्टिव हो जाता है. आसान भाषा में समझे तो, आपके दादा-परदादा के किसी अनोखे फीचर की झलक अचानक आप में या फिर आपके बच्चों में दिख सकती है. कई बार ऐसा होता है कि बच्चे अपने माता पिता से बिल्कुल अलग कोई गुण लेकर जन्म लेता है, जैसे बालों का अलग रंग, स्किन टोन या फिर हरी-नीली आंखें. यह गुण असल में मां-बाप से नहीं बल्कि उनके पूर्वजों से विरासत में मिले जीन (Gene) के असर की वजह से होता है. साइंस की नजर देखा जाए तो ये एक बेहद ही दिलचस्प घटना मानी जाती है और ऐसा हजारों में सिर्फ एक बार ही होता है.

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