चीन में बैंकर को मिली फांसी की सजा, भ्रष्टाचार के रकम सुनकर उड़ जाएंगे होश

Chinese Banker Executed: चीन के पूर्व बैंकर को 156 मिलियन डॉलर से अधिक रकम की रिश्वत लेने के आरोप में 2024 में ही फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे अब मंगलवार को फांसी दे दी गई है.

By Sakshi Badal | December 10, 2025 5:26 PM

Chinese Banker Executed: चीन ने हुआरोंग के पूर्व कार्यकारी अधिकारी बाई तियानहुई को 156 मिलियन डॉलर से अधिक की रिश्वत लेने के आरोप में फांसी पर लटका दिया गया. यह आपराधिक मामला शी जिनपिंग के भ्रष्टाचार विरोधी अभियानों में से अब तक की सबसे कठोर सजाओं में से एक है. चीन की सरकारी मीडिया ने बताया कि देश की बड़ी सरकारी एसेट मैनेजमेंट कंपनी के पूर्व सीनियर एग्जीक्यूटिव को मंगलवार को फांसी दे दी गई है. उन्होंने बताया कि यह सरकार के बड़े एंटी-करंप्शन कैंपेन में अब तक की सबसे बड़ी सजा है. 

156 मिलियन डॉलर की ली थी रिश्वत

बाई तियानहुई जो पहले चाइना हुआरोंग इंटरनेशनल होल्डिंग्स (CHIH) के जनरल मैनेजर थे, इन्हें साल 2014 और 2018 के बीच प्रोजेक्ट एक्विजिशन और फाइनेंसिंग डील्स में अच्छे बर्ताव के बदले 156 मिलियन डॉलर के ज्यादा की रिश्वत लेने का दोषी पाया गया. AFP की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बाई ने बार बार दूसरों को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का गलत इस्तेमाल किया और इसके बदले में सबसे मोटी रकम ली. CHIH, चाइना हुआरोंग एसेट मैनेजमेंट की सब्सिडियरी के तौर पर काम करती है. यह चीन की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है जो डिस्ट्रस्टेड डेब्ट से निपटती है. 

पहले भी भ्रस्टाचार के मामले आए सामने

पिछले कई सालों से हुआरोंग प्रेसिडेंट शी जिनपिंग की भ्रष्टाचार पर बड़ी कार्रवाई के केंद्र में रही है और जांच का सामना करने वाली सबसे खास कंपनियों में से एक बन गई है. इसी कंपनी के पूर्व चेयरमैन लाई शियाओमिन को जनवरी 2021 में 253 मिलियन डॉलर की रिश्वत लेने का दोषी पाए जाने के बाद फांसी दे दी गई थी, जो दशकों में सबसे बड़े भ्रष्टाचार के मामलों में से एक था. 

इसी जांच के दौरान हुआरोंग के कई अन्य अधिकारियों की भी जांच की गई और सजा भी सुनाई गई है. हालांकि चीनी अदालतें ऐसे मामलों में मौत की सजा सुनाती हैं लेकिन इसमें कई बार 2 साल की छूट दी जाती है और बाद में उम्र कैद की सजा में बदल दिया जाता है.   

2024 में मिली थी सजा

मई 2024 में जब तियानजित अदालत ने इस मामले पर पहली बार फैसला सुनाया तो बाई की सजा बिना किसी देरी के जारी कर दी गई और तब इन्होंने इस फैसले के खिलाफ अपील की लेकिन फरवरी में इस चुनौती को खारिज करके न्यायालय द्वारा दिए गए फैसले को बरकरार रखा गया. 

सुप्रीम पीपुल्स कोर्ट ने इस फैसले की पुष्टि की जो फांसी की सजा दिए जाने से पहले उसकी समीक्षा करता है. इस फैसले को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि यह बहुत ही गंभीर आरोप है और इसके लिए इस सजा को कम करना नामुमकिन है. अदालत ने आगे कहा कि बाई तियानहुई ने जो रिश्वत लिया है वो कोई छोटी-मोटी रकम नहीं थी और इस तरह के अपराधों की वजह से राज्य और सार्वजनिक हितों को भी काफी नुकसान पहुंचता है. 

इसके बाद आगे उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराध का समाज पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालता है. मंगलवार की सुबह तियानजिन में बाई को फांसी दी गई जिसके बाद उन्हें अपनी करीबी पारिवारिक सदस्यों से मिलने की अनुमति दे दी गई. हालांकि सरकारी मीडिया ने अब तक मौत की सजा को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की गई विधि का खुलासा नहीं किया है. 

चीन में फांसी के मामले सबसे ज्यादा

चीन फांसी संबंधी आंकड़ों को गोपनीय मानता है, लेकिन एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) जैसे मानवाधिकार संगठन का मानना है कि चीन में हर साल बाकी दुनिया की तुलना में सबसे ज्यादा फांसी की सजा सुनाई जाती है. इसी साल की शुरूआत में ली शियाओपेंग जो कि सरकारी स्वामित्व वाली एवरब्राइट ग्रूप के प्रमुख थे, उन्हें 60 मिलियन युआन की रिश्वत लेने के लिए 15 साल की जेल की सजा मिली थी. जबकि साल 2024 में बैंक ऑफ चाइना के पूर्व लियू लियांगे को 121 मिलियन का अवैध भुगतान करने के लिए दो साल की छूट के साथ मौत की सजा दी गई. 

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