बाहर -40 डिग्री और अंदर 15 डिग्री रहेगा तापमान, LAC पर अपनी सेना के लिए ऐसे टेंट लगा रहा है चीन

भारत चीन सीमा विवाद (India china border issue) के बीच चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह सीमा पर लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है. इस की पुष्टि चीन के रक्षा मंत्रालय (China Defence Ministry) के उस बयान से होती है जिसमें चीन ने कहा कि वो सीमा पर पीएलए के फ्रंटलाइन सैनिकों के लिए उच्च तकनीक की व्यवस्था की गयी है.

By Prabhat Khabar Print Desk | October 30, 2020 2:18 PM

भारत चीन सीमा विवाद के बीच चीन अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह सीमा पर लगातार अपनी ताकत बढ़ा रहा है. इस की पुष्टि चीन के रक्षा मंत्रालय के उस बयान से होती है जिसमें चीन ने कहा कि वो सीमा पर पीएलए के फ्रंटलाइन सैनिकों के लिए उच्च तकनीक की व्यवस्था की गयी है.

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने भारत का नाम लिए बिना PLA सीमा सैनिकों के लिए नई लॉजिस्टिक व्यवस्था के बारे में विवरण साझा किया. पर यह महत्वपूर्ण इसलिए माना जा रहा है कि क्योंकि पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा विवाद पिछले कई महीनों से चल रहा है. सैन्य अधिकारी द्वारा साझा किए गए विवरण ने यह भी संकेत दिया कि चीन की सरकार सीमा क्षेत्रों में एक लंबी तैयारी कर रही है.

चीनी मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक रक्षा मंत्रालय के ब्रीफिंग ने कहा कि ऊंचाई पर तैनात पीएलए से सैनिकों के प्रशिक्षण और रहने के लिए आधुनिक संसाधनों का उपयोग चीन कर रहा है. हाल ही में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नेतृत्व में चीन का सर्वोच्च सैन्य निकाय की बैठक हुई थी. इस बैठक में सीमा पर तैनात सैनिकों की स्थिति में सुधार करने के लिए नये तकनीक का इस्तेमाल करने पर चर्चा हुई थी.

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रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान सीमा पर ठंड में सैनिकों के रहने के लिए एक नए प्रकार की आत्म-संचालित गर्मी संरक्षण टेंट बांटे गये हैं. जिसका निर्माण वो खुद से कर सकते हैं. इन नये टेंट में -40 डिग्री तापमान में भी अंदर का तापमान 15 डिग्री सेंटीग्रेड से ऊपर रहता है.

इसके अलावा सैनिकों के लिए नए-विकसित आउटफिट्स जैसे कि नए व्यक्तिगत स्लीपिंग बैग, डाउन ट्रेनिंग कोट और कोल्ड-प्रूफ बूट्स, ठंड से बचाव के लिए तैयार किये गये हैं. जो विशेष रूप से ठंड क्षेत्रों के लिए तैयार किये गये है.

वू ने कहा कि लॉजिस्टिक सपोर्ट क्षमताएं सीधे तौर पर युद्ध की प्रभावशीलता से जुड़ी हैं. हाई-टेक साधनों के उपयोग से लॉजिस्टिक समर्थन क्षमता के निर्माण में मदद मिलेगी और सैनिकों के युद्ध की तैयारी के काम को बढ़ावा मिलेगा.

Posted By: Pawan Singh

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