मुझे जलील किया जा रहा, इस्तीफा दूंगा… भर्राए गले से बोले बांग्लादेशी राष्ट्रपति, फोड़ा मोहम्मद यूनुस का भांडा

Bangladesh President Resignation Criticized Muhammad Yunus: बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने देश के सलाहकार मोहम्मद यूनुस पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यूनुस की सरकार ने उनका अपमान किया है. उन्होंने फरवरी चुनाव के बाद अपने इस्तीफे की योजना बनाई है.

By Anant Narayan Shukla | December 12, 2025 9:24 AM

Bangladesh President Resignation Criticized Muhammad Yunus: बांग्लादेश मे शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीनही एकमात्र व्यक्ति हैं, जिन्हें संवैधानिक रूप से पद मिला है. लेकिन उनका लगातार अपमान किया जा रहा है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि वह फरवरी में होने वाले संसदीय चुनावों के बाद, अपने कार्यकाल के मध्य में ही पद छोड़ने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने हसीना सरकार के बाद सलाहकार की भूमिका निभा रहे मोहम्मद यूनुस के कारनामों की भी पोल खोलकर रख दी. उन्होंने भर्राए गले से सारी शिकायत व्हाट्सएप पर दिए गए एक इंटरव्यू में की. बांग्लादेश में चुनाव 12 फरवरी 2026 को होंगे. शेख हसीना सरकार के जनविद्रोह के कराण सत्ता से बाहर होने के बाद यह पहला चुनाव होगा.

मोहम्मद शहाबुद्दीन ने अप्रैल 2023 में बांग्लादेश के 22वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी. उन्हें बिना विरोध के राष्ट्रपति चुना गया था, हसीना की अवामी लीग के नेता हैं. 5 अगस्त 2024 को हसीना सरकार के हटने के बाद भी अपमान का घूंट पीक उन्होंने यह औपचारिक पद संभाले रखा है. हालांकि अब शहाबुद्दीन बोल रहे हैं. उन्होंने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि वह इसलिए इस्तीफा देना चाहते हैं क्योंकि उन्हें नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा ‘अपमानित’ महसूस कराया गया. उनके फैसला लेने की कोई शक्ति नहीं है.  

पद से बाहर निकलना चाहता हूं

ढाका में अपने आधिकारिक आवास से व्हाट्सऐप पर दिए गए साक्षात्कार में शहाबुद्दीन ने कहा- ‘मैं जाना चाहता हूं. मैं बाहर निकलने में रुचि रखता हूं. जब तक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक मुझे बने रहना चाहिए. मैं इसलिए अपने पद पर हूं क्योंकि संविधान द्वारा मुझे ऐसा करना आवश्यक है.’ राष्ट्रपति ने आरोप लगाया कि अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस लगभग सात महीनों से उनसे नहीं मिले हैं, उनका प्रेस विभाग उनसे ले लिया गया है और सितंबर में उनके चित्र दुनिया भर में स्थित बांग्लादेशी दूतावासों से हटा दिए गए. बांग्लादेश के राष्ट्रपति सेना के कमांडर इन चीफ हैं, लेकिन सारी ताकत मोहम्मद यूनुस और उनकी कैबिनेट के पास है. यह किसी राष्ट्रपति के लिए घोर अपमान है. 

‘सभी चित्र हटा लिए और पत्र का जवाब भी नहीं’

उन्होंने कहा- ‘सभी कांसुलेट, दूतावासों और उच्चायोगों में राष्ट्रपति का चित्र लगा रहता था, लेकिन एक रात में अचानक उन्हें हटा दिया गया. इससे लोगों के बीच गलत संदेश गया कि शायद राष्ट्रपति को हटाया जा सकता है. मैं बहुत अपमानित महसूस कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर यूनुस को पत्र भी लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. मेरी आवाज दबा दी गई है.’ न्यूज एजेंसी के अनुसार, यूनुस के प्रेस सलाहकारों ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की. शहाबुद्दीन ने कहा कि हसीना सरकार गिरने के बाद (अगस्त 2024) शुरू में कुछ छात्र प्रदर्शनकारियों ने उनके इस्तीफे की मांग की थी, लेकिन पिछले कुछ महीनों में किसी भी राजनीतिक पार्टी ने उनसे ऐसा अनुरोध नहीं किया है.

राष्ट्रपति का सेना प्रमुख से संपर्क

75 वर्षीय शहाबुद्दीन का कार्यकाल सामान्यतः अप्रैल 2028 में समाप्त होना है. शहाबुद्दीन ने कहा कि वह सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान के साथ नियमित संपर्क में हैं. अगस्त 2024 में हसीना के खिलाफ हुए हिंसक प्रदर्शनों के दौरान उनकी सेना ने हस्तक्षेप नहीं किया, जिसने अंततः हसीना को देश छोड़ना पड़ा. उन्होंने बताया कि जमान ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सत्ता कब्जाने की कोई इच्छा नहीं है. बांग्लादेश में सैन्य शासन का इतिहास रहा है, लेकिन जमान ने लोकतंत्र बहाल करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है. जब उनसे पूछा गया कि क्या हसीना ने अपने निर्वासन के बाद उनसे संपर्क किया था, तो शहाबुद्दीन ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि राष्ट्रपति बनने के बाद वह स्वतंत्र रूप से काम कर रहे हैं और किसी भी राजनीतिक पार्टी से जुड़े नहीं हैं.

बांग्लादेश में चुनाव की तारीख घोषित

इससे पहले, बांग्लादेश के मुख्य चुनाव आयुक्त एएमएम नासिर उद्दीन ने गुरुवार को राष्ट्र के नाम टीवी संदेश में बताया कि देश में अगले आम चुनाव 12 फरवरी 2026 को होंगे. उन्होंने कहा कि 300 सांसदों का चुनाव करने के लिए मतदान के दिन ही एक राष्ट्रीय जनमत संग्रह भी कराया जाएगा. पिछला आम चुनाव जनवरी 2024 में हुआ था, जब हसीना लगातार चौथी बार सत्ता में लौटी थीं. उस चुनाव का उनके प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों ने बहिष्कार किया था, आरोप लगाते हुए कि उनकी सरकार ने चुनाव परिणामों में हेरफेर किया. वहीं इस बार हसीना की पार्टी को चुनाव से बैन लगा हुआ है. जनमत सर्वेक्षणों के अनुसार, पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) और कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी अगले चुनाव में सरकार बनाने की प्रमुख दावेदार मानी जा रही हैं. दोनों पार्टियां 2001 से 2006 तक सत्ता में रही गठबंधन सरकार का हिस्सा थीं.

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