CIA एजेंट ‘मैड डॉग’ का बड़ा खुलासा! ‘मौत का सौदागर’ बेच रहा था पाकिस्तान का न्यूक्लियर ब्लूप्रिंट, ईरान-लीबिया तक फैला तस्करी नेटवर्क
AQ Khan Pakistani Nuclear Scientist: अमेरिकी CIA के पूर्व अधिकारी जेम्स लॉयलर ने AQ खान के ग्लोबल न्यूक्लियर तस्करी नेटवर्क का पर्दाफाश किया. पाकिस्तान, ईरान और लीबिया तक फैले ब्लूप्रिंट और तकनीक की चोरी, मर्चेंट ऑफ डेथ की कहानी, और अमेरिका-पाकिस्तान की नीतियों का सच उजागर.
AQ Khan Pakistani Nuclear Scientist: अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA के पूर्व अधिकारी जेम्स लॉयलर ने पाकिस्तान के परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान (AQ खान) को लेकर सनसनीखेज खुलासे किए हैं. लॉयलर वही अधिकारी हैं जिन्हें पाकिस्तान और AQ खान के ग्लोबल न्यूक्लियर स्मगलिंग नेटवर्क को भेदने और खत्म करने का श्रेय जाता है. उन्होंने एएनआई को बताया कि कैसे AQ खान सिर्फ पाकिस्तान के लिए परमाणु हथियार नहीं बना रहे थे, बल्कि न्यूक्लियर ब्लूप्रिंट, संवेदनशील तकनीक और पुर्जे भी अन्य देशों को बेच रहे थे. इस कारण उन्होंने उन्हें “मौत का सौदागर” कहना शुरू किया.
CIA का सीक्रेट ऑपरेशन और ‘मैड डॉग’ की कहानी
लॉयलर ने बताया कि उनका उपनाम ‘मैड डॉग’ एक पुराने कुत्ते के काटने की घटना से आया. 1990 के दशक में उन्हें यूरोप में काउंटर-प्रोलिफरेशन ऑपरेशन चलाने का जिम्मा मिला. उनका उद्देश्य था न्यूक्लियर तस्करी नेटवर्क में घुसपैठ करना और इसे नाकाम बनाना. उनकी टीम ने फ्रंट कंपनियों का निर्माण किया, जो वैध सप्लायर की तरह दिखती थीं, ताकि लोग विश्वास करके उनके पास आएं. इस तरह CIA नेटवर्क के अंदर तक पहुंच सकी और इसे मैप किया जा सका.
AQ Khan Pakistani Nuclear Scientist: AQ खान-‘मर्चेंट ऑफ डेथ’
लॉयलर ने बताया कि AQ खान ने पाकिस्तान के लिए तकनीक हासिल करने से लेकर अन्य देशों को परमाणु तकनीक बेचने तक का सफर तीन दशकों में तय किया. यही कारण था कि उन्हें ‘मर्चेंट ऑफ डेथ’ कहा गया. लॉयलर ने लीबिया के मामले को निर्णायक बताया. जब उनकी टीम ने बीबीसी चाइना जहाज को रोका और परमाणु पुर्जों वाले कंटेनर बरामद किए, तो लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी को अपने छिपे परमाणु कार्यक्रम को स्वीकार करना पड़ा. नीचे आप वीडियो देख सकते हैं.
#WATCH | On being asked at what stage the US intelligence acknowledged the complexity and magnitude of AQ Khan's nuclear proliferation network in Iran, Ex-CIA Officer and Former Head of the CIA’s Counter-Proliferation Division’s Special Activities Unit, James Lawler says, "… I… pic.twitter.com/zzdH6mzwnh
— ANI (@ANI) November 23, 2025
अमेरिका, पाकिस्तान और ईरान
लॉयलर ने खुलासा किया कि अमेरिकी खुफिया ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को प्रमाण दिखाए कि AQ खान पाकिस्तान के परमाणु रहस्यों को विदेशों में बेच रहे थे. मुशर्रफ ने उस समय कहा कि मैं उस कुत्ते को मार दूंगा लेकिन अंततः उन्हें घरेलू नजरबंदी में रखा गया. AQ खान का नेटवर्क ईरान और लीबिया तक फैला. अमेरिका के दबाव में लीबिया ने अपना परमाणु कार्यक्रम बंद कर दिया. लेकिन ईरान को P1-P2 सेंट्रीफ्यूज तकनीक, मिसाइल सिस्टम और चीन का परमाणु ब्लूप्रिंट पहले ही मिल चुका था. लॉयलर ने कहा कि अमेरिका ने पाकिस्तान पर उतनी कड़ी कार्रवाई नहीं की क्योंकि उन्हें अफगानिस्तान युद्ध में मदद चाहिए थी.
तकनीकी और रणनीतिक चालें
CIA ने सेंट्रीफ्यूज प्रोग्राम को बाधित करने और जासूसी करने के लिए तकनीकी छेड़छाड़ की. लॉयलर के अनुसार यदि कार्रवाई नहीं होती, तो खतरा बहुत बड़ा होता. शुरुआती ध्यान ईरान पर था, लेकिन बाद में पूरी तरह AQ खान नेटवर्क पर केंद्रित हो गया. शुरुआती सेंट्रीफ्यूज डिजाइन Urenco से आई थीं, जिन्हें कई देशों तक पहुंचाया गया. लॉयलर ने चेतावनी दी कि यदि ईरान परमाणु हथियार हासिल कर ले, तो मध्य पूर्व में परमाणु महामारी फैल सकती है. इससे अन्य देशों की भीड़ हथियारों की दौड़ में शामिल हो सकती है और दुर्घटनात्मक या जानबूझकर परमाणु प्रयोग का जोखिम बढ़ सकता है.
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