दुनिया के 11,000 छात्रों को पीछे कर जीत गया बिहार का लाल, चंपारण के आदर्श कुमार ने जीता ग्लोबल स्टूडेंट अवार्ड

Adarsh Kumar won Global Student Award 2025: बिहार के आदर्श कुमार ने 2025 का ग्लोबल स्टूडेंट अवार्ड जीत लिया है. यह पुरस्कार उन छात्रों को दिया जाता है, जिन्होंने शिक्षा और पूरे समाज पर वास्तविक प्रभाव डाला हो.

By Anant Narayan Shukla | October 2, 2025 12:11 PM

Adarsh Kumar won Global Student Award 2025: गरीबी में पले-बढ़े 18 वर्षीय छात्र-अन्वेषक आदर्श कुमार को बुधवार को ‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज 2025’ का विजेता घोषित किया गया. आदर्श को 148 देशों से प्राप्त लगभग 11,000 नामांकनों और आवेदनों में से इस वार्षिक पुरस्कार के लिए चुना गया. यह पुरस्कार चेग इंक संस्था द्वारा ऐसे असाधारण छात्र को दिया जाता है जिसने शिक्षा और समग्र समाज पर वास्तविक प्रभाव डाला हो. लंदन में आयोजित एक समारोह में आदर्श को इस पुरस्कार के साथ 1 लाख डॉलर यानी तकरीबन 88 लाख रुपये भी मिले. 

आदर्श जयपुर के जयश्री पेरीवाल इंटरनेशनल स्कूल (जेपीआईएस) में 30 लाख रुपये की पूर्ण छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले पहले छात्र बने थे. अब वह दूसरों को स्कॉलरशिप प्राप्त करने में मदद करते हैं. लंदन में पुरस्कार प्राप्त करने के बाद आदर्श ने कहा, ‘‘यह पुरस्कार जीतना अविश्वसनीय है.’’ आदर्श ने आगे कहा, ‘‘ग्लोबल स्टूडेंट प्राइज जीतने से मुझे और ज्यादा मेहनत करने का आत्मविश्वास मिला है. दूसरों के लिए मेरा संदेश यही है: खुद वह बनिए जो आप देखना चाहते हैं. बदलाव पहले अपने अंदर से शुरू होना चाहिए और फिर दुनिया में. दुनिया उन लोगों का सम्मान करती है जो सपने देखने की हिम्मत रखते हैं, इसलिए कृपया बड़े सपने देखें.’’

मां ने अकेले किया लालन पालन

बिहार के चंपारण में जन्मे आदर्श का पालन-पोषण अकेले उनकी मां ने किया है. उनकी मां ने आदर्श की पढ़ाई का खर्च निकालने के लिए दूसरे के घरों में झाड़ू-पोछा का काम किया. आदर्श को यूट्यूब और गूगल से छोटी उम्र में ही ‘कोडिंग’ और स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी का तब तब पता चला जब उनकी मां ने उन्हें लैपटॉप दिलाने के लिए अपनी जीवन भर की बचत खर्च कर दी थी. उन्होंने आठवीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान ही अपना पहला उद्यम शुरू किया, हालांकि वह असफल रहा. लेकिन उनके दूसरे उद्यम, ‘मिशन बदलाव’ ने 1,300 परिवारों को आयुष्मान भारत कार्ड, पेंशन, कोविड-19 टीके और स्कूल नामांकन जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में मदद की.

दुनिया के 11,000 छात्रों को पीछे कर जीत गया बिहार का लाल, चंपारण के आदर्श कुमार ने जीता ग्लोबल स्टूडेंट अवार्ड 2

स्किलजो ने बदल दी छात्रों की दुनिया

आदर्श मात्र 14 साल की उम्र में महज 1,000 रुपये लेकर आईआईटी-जेईई की कोचिंग की तलाश में कोटा चले गए. कोचिंग की लागत उनके बजट से बाहर होने के कारण, उन्होंने लाइब्रेरी के मुफ्त वाई-फाई का इस्तेमाल ईमेल भेजने के लिए किया. उन्हें इसका फायदा हुआ क्योंकि आखिरकार वे पाठ्यक्रम में शामिल होने, स्टार्ट-अप में इंटर्नशिप करने और संस्थापकों के साथ काम करने में कामयाब रहे. इसके बाद उन्होंने ‘‘स्किलजो’’ की शुरुआत की. स्किलजो उद्यमिता कौशल में पहुंच, मार्गदर्शन और कार्यक्रम की सहूलियत देता है. स्किलजो से 20,000 से अधिक वंचित छात्र लाभान्वित हुए हैं, जिनमें से अनेक अब छात्रवृत्ति प्राप्त कर रहे हैं, उद्यम शुरू कर रहे हैं और राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं जीत रहे हैं.

चेग इंक ने आदर्श को बताया धैर्य और शक्ति का प्रतीक

पुरस्कार प्रदान करने वाली संस्था चेग इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अध्यक्ष नाथन शुल्ट्ज ने कहा, ‘‘आदर्श की कहानी एक व्यक्तिगत विजय से कहीं अधिक है. यह दुनिया भर के युवा परिवर्तनकर्ताओं के साहस और धैर्य का एक शक्तिशाली प्रतीक है, जिनकी आवाज सुनी जानी चाहिए और जिनकी कहानियां दुनिया को प्रेरित कर सकती हैं. आदर्श जैसी कहानियां हमें याद दिलाती हैं कि जब छात्रों को उनके दृष्टिकोण पर काम करने के लिए समर्थन और मंच दिया जाता है, तो वे कितना असाधारण प्रभाव डाल सकते हैं.’’

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