संयुक्त राष्ट्र में गोयल ने कहा – 150 साल से फैले प्रदूषण का बोझ भारत का गरीब नहीं उठा सकता

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने पिछले 150 साल से हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड घोलने का भार विकसित देशों से वहन करने को कहा है क्योंकि भारत में गरीब आदमी से साफ-सुथरी धरती के लिए और अधिक बोझ उठाने को नहीं कहा जा सकता. ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, पिछले 150 साल में हवा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 23, 2015 3:02 PM
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने पिछले 150 साल से हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड घोलने का भार विकसित देशों से वहन करने को कहा है क्योंकि भारत में गरीब आदमी से साफ-सुथरी धरती के लिए और अधिक बोझ उठाने को नहीं कहा जा सकता.
ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, पिछले 150 साल में हवा में कार्बन डाई ऑक्साइड के प्रवाह का भार कौन वहन करेगा, जबकि पश्चिमी दुनिया, विकसित देश आगे बढे, उनमें औद्योगिकीकरण हुआ और उन्होंने अपने लोगों को घर और नौकरियां दीं. उनकी अच्छी जीवनशैली है, अच्छी प्रति व्यक्ति आय है जबकि हम पिरामिड की तह में संघर्ष कर रहे हैं. वह यहां केटेलाइजिंग ए ट्रिलियन डॉलर इन्वेस्टमेंट विषय पर परिचर्चा में बोल रहे थे.
उन्होंने पहली अंतरराष्ट्रीय वैश्विक ऊर्जा मंत्रीस्तरीय फोरम बैठक में कहा, मैं अपने देश के गरीबों के पास नहीं जा सकता और उनसे यह नहीं कह सकता कि पिछले 150 साल में जो हुआ, वह उनकी जिम्मेदारी है, जिन्हें दिन में दो जून की रोटी मुश्किल से नसीब होती है.
गोयल ने कहा, मैं उनसे यह नहीं कह सकता कि आपको बिजली के लिए और अधिक भुगतान करना होगा ताकि हम अगली पीढी और दुनिया की छह अरब जनता के लिए साफ-सुथरी धरती छोड सकें. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जलवायु पर खतरे को पूरी धरती पर खतरे के तौर पर देखा जाना चाहिए.

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