कोविड-19 से ठीक हुए 33 फीसदी बुजुर्गों को करना पड़ा नयी बीमारियों का सामना, बीएमजे के रिसर्च में खुलासा

covid19 latest update: कोविड-19 से उबरे 33 फीसदी बुजुर्गों को करना पड़ा नयी बीमारियों का सामना, बीएमजे के रिसर्च में हुआ खुलासा. लेटेस्ट अपडेट यहां पढ़ें...

By Agency | February 10, 2022 8:49 PM

covid19 latest update: अनुसंधान पत्रिका ‘बीएमजे’ में प्रकाशित एक अध्ययन में दावा किया गया है कि वर्ष 2020 में कोविड​​-19 (Covid19) से उबरे लगभग एक तिहाई बुजुर्गों में कम से कम एक नयी जटिलता की स्थिति विकसित हुई, जिसमें प्रारंभिक संक्रमण के बाद के महीनों में चिकित्सा की आवश्यकता होती है. अमेरिका में ‘ऑप्टम लैब्स और हार्वर्ड टीएच चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ’ के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि ऐसी स्थितियों में हृदय, गुर्दे, फेफड़े और यकृत समेत कई प्रमुख अंगों एवं प्रणालियों के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य जटिलताएं शामिल हैं.

1,33,366 व्यक्तियों पर किया गया अध्ययन

अनुसंधान करने वालों ने अमेरिका में स्वास्थ्य बीमा योजना रिकॉर्ड का उपयोग करके वर्ष 2020 में 65 या उससे अधिक उम्र के ऐसे 1,33,366 व्यक्तियों की स्थिति का अध्ययन किया, जो एक अप्रैल, 2020 से पहले कोरोना वायरस से संक्रमित हुए थे. इन व्यक्तियों का वर्ष 2020 और वर्ष 2019 के दौरान के तीन गैर-कोविड ​​तुलना समूहों से मिलान किया गया और एक समूह में श्वसन संबंधी बीमारी का पता चला.

32 प्रतिशत लोगों को नयी बीमारी का इलाज कराना पड़ा

अनुसंधानकर्ताओं ने फिर कोविड-19 से उबरने के 21 दिनों के बाद शुरू होने वाली किसी भी किस्म की नयी जटिलता को दर्ज किया. उन्होंने उम्र, नस्ल, लिंग और क्या रोगियों को कोविड-19 के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था, के आधार पर कई महीनों में बीमारी से उत्पन्न स्थितियों के लिए अतिरिक्त जोखिम की गणना की. नतीजे बताते हैं कि वर्ष 2020 में कोविड-19 से ठीक होने वाले व्यक्तियों में से 32 प्रतिशत लोगों को एक या अधिक नयी प्रकार की जटिलताओं के कारण इलाज कराना पड़ा.

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सांस लेने में परेशानी, मानसिक स्वास्थ्य जैसी बीमारी का खतरा बढ़ा

उसी समूह से तुलना करने पर यह पता चला कि कोविड-19 के रोगियों में सांस लेने में परेशानी, थकान, उच्च रक्तचाप और मानसिक स्वास्थ्य सहित कई स्थितियों के विकसित होने का खतरा बढ़ गया था. अनुसंधानकर्ताओं ने कहा, ‘हमारे परिणाम स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और अन्य प्रमुख हितधारकों को भविष्य की स्वास्थ्य जटिलताओं को लेकर बड़े पैमाने पर अनुमान लगाने और स्वास्थ्य संसाधनों के उपयोग के लिए योजना में सुधार करने में मदद कर सकते हैं.’

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