अमेरिका ने ईरान पर किया साइबर हमला, आज नये प्रतिबंध संभव, जानें क्या चाहते हैं ट्रंप

वाशिंगटन : ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन मार गिराये जाने के बाद दोनों देशों के बीच जारी तनाव बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका ने अब ईरान की मिसाइल नियंत्रण प्रणाली और एक जासूसी नेटवर्क पर साइबर हमले किये हैं. वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, हमले से रॉकेट और मिसाइल प्रक्षेपण में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरों को […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2019 6:33 AM
वाशिंगटन : ईरान द्वारा अमेरिकी ड्रोन मार गिराये जाने के बाद दोनों देशों के बीच जारी तनाव बढ़ता ही जा रहा है. अमेरिका ने अब ईरान की मिसाइल नियंत्रण प्रणाली और एक जासूसी नेटवर्क पर साइबर हमले किये हैं.
वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, हमले से रॉकेट और मिसाइल प्रक्षेपण में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटरों को नुकसान पहुंचा है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने सामरिक हॉर्मूज जलडमरूमध्य में जहाजों पर नजर रखने वाले एक जासूसी समूह को भी निशाना बनाया है.
अमेरिका का आरोप है कि ईरान ने इसी जगह हाल ही में दो बार उसके तेल टैंकरों पर हमले किये थे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान के खिलाफ सोमवार से नये बड़े प्रतिबंध लगाये जायेंगे. इधर, तनाव के बीच ब्रिटिश विदेश मंत्रालय के एक मंत्री रविवार को ईरानी विदेश मंत्रालय के शीर्ष राजनयिकों से मिले और 2015 के परमाणु समझौते पर चर्चा की.
नहीं चाहते कि ईरान परमाणु संपन्न राष्ट्र बने : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हम ईरान के ऊपर सोमवार से नये बड़े प्रतिबंध लगाने जा रहे हैं. इससे पहले, ट्रंप ने कहा था कि हम नहीं चाहते हैं कि ईरान एक परमाणु संपन्न राष्ट्र बने. इस्लामिक गणराज्य एक अमीर देश बन सकता है. हम अच्छे दोस्त बन सकते हैं. ईरान एक खुशहाल देश बन सकता है, अगर वह परमाणु हथियार हासिल करने की अपनी मंशा छोड़ दे.
किसी भी एक्शन का करारा जवाब देंगे : रूहानी
ईरान ने कहा है कि वह अपने खिलाफ किसी भी तरह के एक्शन का करारा जवाब देगा. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने आरोप लगाया है कि मध्य पूर्व में अमेरिका तनाव को बढ़ा रहा है. वहीं, मेजर जनरल जी राशिद ने कहा कि अगर क्षेत्र में युद्ध छिड़ता है, तो कोई भी देश इसे रोक नहीं पायेगा और यह लंबा चल सकता है.
परमाणु सौदे से अमेरिका के बाहर होने पर बढ़ा तनाव
ईरान के परमाणु सौदे से अमेरिका के बाहर निकलने के बाद से दोनों देशों के बीच बढ़ा हुआ है. ट्रंप के इस फैसले के बाद ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने चेतावनी देते हुए कहा था कि इसका अंजाम बुरा होगा.
गत गुरुवार को ईरान ने एक अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया था. ईरान का दावा है कि ड्रोन ने उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया था. इसके बाद दोनों देशों में तनाव और बढ़ गया. इसके बाद अमेरिका और ईरान के समर्थन में कई देश आ गये हैं. पश्चिमी एशिया इस घटनाक्रम से जंग की आहट सुनायी पड़ने लगी है.
क्या चाहते हैं ट्रंप
परमाणु संधि का पुनर्गठन
ईरान के मिसाइल प्रोग्राम पर कंट्रोल
सऊदी-यूएई के तेल व्यापार बढ़ाना
इस्राइल को खुश करने की चाल
अमेरिका संग
इस्राइल, कतर, सऊदी अरब, यूएई
ईरान संग
रूस, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और इयू
क्या था परमाणु समझौता
2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जतायी थी. ट्रंप ने मई 2018 में इस समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था. तभी से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है.
ट्रंप के फैसले को कमजोरी न समझे ईरान : बोल्टन
अमेरिका के एनएसए जॉन बोल्टन ने ईरान को रविवार को आगाह किया कि वह तेहरान पर जवाबी हमले को आखिरी क्षणों में रद्द करने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को कमजोरी समझने की भूल न करे. हमारी सेना में नयी ऊर्जा है और वह हर परिस्थिति के लिए तैयार है.

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