Purnea: ‘चायवाली’ बनी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातक पूर्णिया की प्रियंका गुप्ता, जानें क्यों?

Purnea: पूर्णिया की प्रियंका गुप्ता ने काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद राजधानी पटना में 'टी स्टॉल' खोल लिया है.

By Prabhat Khabar Print Desk | April 18, 2022 4:27 PM

Purnea: पूर्णिया की प्रियंका गुप्ता ने काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद राजधानी पटना में ‘टी स्टॉल’ खोल लिया है. राजधानी स्थित पटना महिला कॉलेज के पास 24 वर्षीया प्रियंका गुप्ता ‘चायवाली’ स्टॉल लगा कर चाय की दुकान चला रही है. प्रतियोगी परीक्षाओं में दो साल तक असफल होने के बाद घर लौटने के बजाय वह चाय की दुकान खोल ली.

Purnea: 'चायवाली' बनी काशी विद्यापीठ से अर्थशास्त्र में स्नातक पूर्णिया की प्रियंका गुप्ता, जानें क्यों? 2

‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रियंका ने प्रतियोगी परीक्षाओं में सफल होने तक व्यवसाय कर आत्मनिर्भर होना चाहती है. प्रियंका ने बीते 11 अप्रैल को ही ‘चायवाली’ के नाम से टी-स्टॉल खोला है. मालूम हो कि प्रियंका इसी साल जनवरी माह में पिता की सहमति मिलने पर पढ़ने के लिए पटना आयी थी.

प्रियंका का कहना है कि पिता के सामने अपने लक्ष्य का खुलासा किया, तो वे कभी बाहर नहीं जाने देंगे. इसलिए योजना के बारे में बिना बताये वह पटना चली आयी. पटना आने पर चाय की दुकानों का दौरा कर विश्लेषण किया और ‘चायवाली’ के नाम से टी-स्टॉल खोल लिया.

प्रियंका ने अपने टी-स्टॉल ‘चायवाली’ पर आकर्षक स्लोगन भी लिखा है. उसने एक बैनर पर ”पीना ही पड़ेगा” और ”सोच मत… चालू कर दे बस” जैसे स्लोगन लिखे हैं. साथ ही बैनर पर लिखा है कि ”लोग क्या सोचेंगे, अगर ये भी हम ही सोचेंगे, तो फिर लोग क्या सोचेंगे.” अंत में लिखा है, ‘चायवाली’ स्वागत करती है. ”चाय, प्रेम और खुशी का संचार हो”.

‘चायवाली’ प्रियंका गुप्ता की चाय दुकान पर पांच तरह की चाय मिल रही है. इसमें कुल्हड़ चाय, मसाला चाय, पान चाय, चॉकलेट चाय और कुकीज चाय शामिल है. मसाला चाय, पान चाय और चॉकलेट चाय की कीमत 20-20 रुपये है. जबकि कुल्हड़ चाय की कीमत 15 रुपये और कुकीज चाय की कीमत 10 रुपये है.

प्रियंका का कहना है कि अहमदाबाद के ‘एमबीए चायवाला’ प्रफुल्ल बिलोर से प्रेरित होकर उसने चाय की दुकान खोली है. वह उनके वीडियो भी देखती है. प्रियंका का कहना है कि अर्थशास्त्र में स्नातक होने के बावजूद उसे किसी प्रकार का लोन नहीं मिला. बाद में अपने एक सहयोगी से 30 हजार रुपये लेकर चाय की दुकान खोली.

Next Article

Exit mobile version