Pine Labs की दमदार लिस्टिंग, GMP को पीछे छोड़ 9.5% प्रीमियम पर एंट्री
Pine Labs Listing: Pine Labs ने शेयर बाजार में कदम रखते ही निवेशकों को चौंका दिया है. IPO प्राइस से ऊपर लिस्टिंग करके इस फिनटेक दिग्गज ने मार्केट में नई हलचल मचा दी है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि जहां ग्रे मार्केट प्रीमियम ने ज्यादा उम्मीदें नहीं जगाई थीं, वहीं असली खेल तो शेयर बाजार में शुरू हुआ था. क्या Pine Labs अपनी तकनीक, डिजिटल पेमेंट ताकत और ग्लोबल एक्सपैंशन के दम पर लंबी रेस का घोड़ा साबित होगी? या ऊंचे वैल्यूएशन के कारण निवेशकों को आगे चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा? अब सबकी निगाहें इस नए मार्केट खिलाड़ी पर टिकी हैं.
Pine Labs Listing: फिनटेक कंपनी Pine Labs ने 14 नवंबर को शेयर बाजार में शानदार शुरुआत किया है. कंपनी के शेयर BSE पर 242 रुपये प्रति शेयर के भाव पर लिस्ट हुए है, जो IPO प्राइस 221 रुपये से करीब 9.5% ज्यादा है. लिस्टिंग प्रीमियम ने मार्केट के ग्रे प्रीमियम के अनुमान को भी पीछे छोड़ दिया है. IPO के दौरान कंपनी ने करीब 3,900 करोड़ रुपये जुटाए थे और शुरुआत में ही इसका मार्केट कैप लगभग 27,800 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था.
ग्रे मार्केट प्रीमियम इतना कम क्यों था?
लिस्टिंग से पहले Pine Labs का GMP बहुत ज्यादा नहीं था. अलग-अलग वेबसाइट्स पर यह 2 से 2.5% के बीच दिखाया जा रहा था. पहले यह 16% तक पहुंच गया था, लेकिन IPO बंद होने तक इसमें गिरावट देखने को मिली थी. इससे साफ है कि निवेशकों में उत्साह था, लेकिन थोड़ा संभलकर दांव लगाया गया था.
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कंपनी करती क्या है?
नोएडा बेस्ड Pine Labs डिजिटल पेमेंट और कार्ड-आधारित सॉल्यूशंस देने वाली देश की बड़ी कंपनियों में शामिल है. यह दुकानों पर इस्तेमाल होने वाले पॉइंट-ऑफ-सेल मशीन, ऑनलाइन पेमेंट गेटवे और गिफ्ट कार्ड सेवाएं देती है. भारत के साथ-साथ यह सिंगापुर, मलेशिया, UAE, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और अफ्रीका जैसे देशों में भी अपनी सेवाएं तेजी से बढ़ा रही है.
अब शेयर खरीदें, बेचें या संभालकर रखें?
विशेषज्ञों का मानना है कि IPO का प्राइस थोड़ा महंगा रखा गया था, इसलिए सब्सक्रिप्शन बहुत तेज नहीं रहा है. कई ब्रोकर्स ने कहा कि कंपनी अभी नेट प्रॉफिट नहीं कमा रही है और वैल्यूएशन भी ऊंचा है. इसलिए नए निवेशकों के लिए थोड़ा इंतजार करना बेहतर हो सकता है. वहीं, जिन निवेशकों को टेक सेक्टर और लॉन्ग-टर्म ग्रोथ पर भरोसा है, वे इसे होल्ड कर सकते हैं. इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर Pine Labs लगातार प्रॉफिट में सुधार दिखाती है और पेमेंट के साथ अन्य बिजनेस भी तेजी से बढ़ाती है, तो यह भारत की फिनटेक कंपनियों के लिए नया मानक बन सकती है. कंपनी के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती है की मजबूत ग्रोथ को लंबे समय तक कायम रखना है.
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