Mercor: 22 की उम्र के तीन दोस्तों ने मार्क जुकरबर्ग को भी पीछे छोड़ा!
Mercor: सिलिकॉन वैली से आई यह कहानी सुनकर हर कोई हैरान है. सिर्फ 22 साल की उम्र में तीन दोस्तों ने मिलकर 10 बिलियन डॉलर की कंपनी खड़ी कर दी है. कॉलेज छोड़ने के कुछ ही महीनों बाद ये तीनों अरबपति बन गए है. उनका स्टार्टअप Mercor अब दुनिया की सबसे बड़ी AI कंपनियों के साथ काम कर रहा है और उन्हें अपने मॉडल ट्रेन करने में मदद कर रहा है. मार्क जुकरबर्ग से भी कम उम्र में अरबपति बनने वाले ये तीनों अब नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा बन चुके हैं.
Mercor: सिर्फ 22 साल की उम्र में तीन दोस्तों ने ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिसकी आज पूरी टेक दुनिया में चर्चा है. सिलिकॉन वैली की यह स्टार्टअप Mercor अब 10 बिलियन डॉलर की कंपनी बन चुकी है, और इसके फाउंडर्स मार्क ज़ुकरबर्ग को पीछे छोड़ते हुए दुनिया के सबसे युवा अरबपति बन गए है.
Mercor क्या है?
Mercor एक अमेरिकी स्टार्टअप है जो सिलिकॉन वैली की बड़ी AI कंपनियों को अपने मॉडल ट्रेन करने में मदद करता है. इसे 2023 में तीन दोस्त ब्रेंडन फूडी, आदर्श हिरेमठ और सूर्या मिधा ने मिलकर शुरू किया था. इन तीनों की उम्र सिर्फ 22 साल है और अब ये तीनों दुनिया के सबसे कम उम्र के सेल्फ-मेड बिलियनेयर बन चुके हैं.
कैसे इतनी जल्दी अरबपति बन गए?
Mercor ने हाल ही में 350 मिलियन डॉलर (करीब 2900 करोड़ रुपये) की फंडिंग जुटाई है. इस राउंड के बाद कंपनी की वैल्यू 10 बिलियन डॉलर (लगभग 83,000 करोड़ रुपये) तक पहुंच गई है. इस वैल्यू के हिसाब से तीनों फाउंडर्स की हिस्सेदारी उन्हें अरबपति बनाती है.
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शुरुआत कैसे हुई थी?
शुरुआत में Mercor का मकसद भारत के इंजीनियरों को अमेरिकी कंपनियों से जोड़ना था. उन्होंने ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जहां उम्मीदवार AI अवतार से इंटरव्यू दे सकते थे. बाद में कंपनी ने डेटा लेबलिंग का बिजनेस शुरू किया यानी ऐसे एक्सपर्ट्स को जोड़ना जो AI को सिखाने में मदद करते हैं. आज Mercor का सालाना रेवेन्यू 500 मिलियन डॉलर तक पहुंच गया है.
इतनी कम उम्र में सफलता का राज क्या है?
तीनों दोस्त थील फेलोशिप के सदस्य हैं. यह एक प्रोग्राम जो कॉलेज छोड़कर कुछ बड़ा करने वाले युवाओं को 100,000 डॉलर देता है. तीनो टेक बैकग्राउंड वाले परिवार से ताल्लुक रखते हैं और बचपन से टेक्नोलॉजी में रुचि रखते थे. ब्रेंडन फूडी कहते हैं की “ये सब बहुत अविश्वसनीय लगता है, हमने कभी नहीं सोचा था कि दो साल में ऐसा होगा.”
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