झारखंड का एक मॉडल स्कूल,जहां 1390 छात्राओं पर 6 शिक्षक, एक बेंच पर बैठ रहीं 2 छात्राएं, चलती है अल्टरनेट क्लास

कोरोना गाइडलाइंस (corona guidelines ) के तहत जहां एक बेंच पर एक छात्रा को बैठने की अनुमति है, वहां मॉडल स्कूल (model school) में एक बेंच पर दो-दो छात्राएं बैठी दिखीं. छात्राओं की संख्या अधिक होने और शिक्षकों के साथ ही क्लास रूम की कमी के कारण अल्टरनेट कक्षाएं (alternate class) चलाई जा रही हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 24, 2021 5:37 PM

Jharkhand News, कोडरमा न्यूज (साहिल भदानी) : शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने को लेकर तमाम दावे भले ही किए जा रहे हैं, पर हकीकत देखनी है तो झारखंड के कोडरमा जिले के झुमरीतिलैया शहर के पानी टंकी रोड में संचालित सीडी बालिका उच्च विद्यालय आ जाइए. वैसे तो यह मॉडल स्कूल है और अगले वर्ष राज्य सरकार की योजना के अनुसार एक्सीलेंस स्कूल यानी सीबीएसई पाठ्यक्रम के अनुसार यहां छात्राओं की पढ़ाई करवाने की तैयारी के वादे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत सिस्टम पर सवाल उठा रहे हैं. कोरोना काल में भी एक बेंच पर दो छात्राएं बैठ रही हैं. 1390 छात्राओं पर महज 6 शिक्षक हैं. इसलिए अल्टरनेट क्लास चलती है.

ऐसे समय में जब कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में सबसे ज्यादा बच्चों की शिक्षा प्रभावित हुई है और महीनों बाद सरकार की गाइडलाइन के अनुसार नौवीं से 12वीं तक के स्कूल खुले हैं तो इस विद्यालय की तस्वीर देखने लायक है. शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहे इस विद्यालय में छात्राओं का नामांकन इतना हो गया है कि बैठने तक की समुचित व्यवस्था नहीं है. जानकारी के अनुसार शहर में एकमात्र बालिका उच्च विद्यालय होने के कारण यहां हर वर्ष काफी छात्राओं का नामांकन होता है. बावजूद यहां शिक्षकों की कमी को अब तक पूरा नहीं किया गया है.

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चालू सत्र में कक्षा दसवीं की बात करें तो यहां 739 छात्राएं पढ़ रही हैं, जबकि नौवीं कक्षा में अब तक 651 छात्राओं का नामांकन हो चुका है. हाल यह है कि कुल 1390 छात्राओं के लिए स्कूल में प्रधानाध्यापिका के साथ-साथ छह शिक्षक ही हैं. विषयवार शिक्षकों की कमी के कारण इन छात्राओं की शिक्षा पर असर पड़ रहा है. जानकारी यह भी है कि चालू सत्र से इस विद्यालय में कक्षा छह से 12वीं तक का नामांकन प्रक्रिया प्रारंभ करना था जो शिक्षकों के अभाव के कारण नहीं हो सका. सोमवार को जब प्रभात खबर की टीम विद्यालय की वस्तुस्थिति का जायजा लेने पहुंची तो स्थिति अलग नजर आई.

झारखंड का एक मॉडल स्कूल,जहां 1390 छात्राओं पर 6 शिक्षक, एक बेंच पर बैठ रहीं 2 छात्राएं, चलती है अल्टरनेट क्लास 2

कोरोना गाइडलाइन के तहत जहां एक बेंच पर एक छात्रा को बैठने की अनुमति है, वहां एक बेंच पर दो-दो छात्राएं बैठी दिखीं. स्कूल की शिक्षकों की मानें तो छात्राओं की संख्या अधिक होने और शिक्षकों के साथ ही क्लास रूम की कमी के कारण इन दिनों स्कूल में अल्टरनेट कक्षाएं चलाई जा रही हैं. बावजूद छात्राओं की संख्या के अनुसार कक्षाएं नहीं होने की वजह से गाइडलाइन का पालन संभव नहीं हो पा रहा. इस दौरान कुछ छात्राओं से बातचीत की गई तो सभी ने अपनी अलग-अलग समस्याएं बताईं.

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छात्राओं की मानें तो स्कूल में विभिन्न विषयों की प्रयोगशालाएं तो हैं, लेकिन शिक्षक नहीं होने के कारण कई ने आज तक प्रयोगशाला को देखा तक नहीं है. इधर, विद्यालय की शिक्षिका कृष्णा कुमारी ने बताया कि हमारे यहां आर्थिक रूप से कमजोर व प्रतिभावान छात्राओं की संख्या अधिक है. यहां की छात्राएं शिक्षा के साथ ही राज्य स्तरीय रेसलिंग प्रतियोगिता व अन्य में अपनी प्रतिभा दिखा चुकी हैं. एक छात्रा अस्मिता कुमारी दिल्ली में हुई परेड का हिस्सा बन चुकी है. अगर शिक्षकों की कमी दूर हो जाए तो इन छात्राओं को लंबी उड़ान भरने से कोई नहीं रोक सकता है.

एक तरफ छात्राओं को बैठाने के लिए पूरी तरह जगह नहीं मिल रही है, वहीं नया बनकर तैयार भवन यूं ही पड़ा हुआ है. बताया जाता है कि स्कूल परिसर में नया भवन अप्रैल माह में बन कर तैयार है, लेकिन भवन हैंडओवर नहीं होने के कारण उसका उपयोग नहीं हो पा रहा है. अगर यह भवन स्कूल को हैंडओवर कर दिया जाता है तो छात्राओं की कक्षाएं प्रतिदिन हो सकेगी और गाइडलाइन का पालन भी संभव हो सकेगा. विभागीय उदासीनता के कारण नया भवन स्कूल को हैंडओवर नहीं किया गया है.

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10वीं की छात्रा सान्या प्रवीण ने कहा कि स्कूल में विषयवार शिक्षक नहीं होने के कारण हमलोगों की पढ़ाई सही तरीके से नहीं हो पा रही है. मुझे आगे चल कर डॉक्टर बनना है, लेकिन हमारे स्कूल में बायोलॉजी के शिक्षक नहीं हैं. आज तक मैंने बायोलॉजी लैब को देखा तक नहीं है. वहीं, 10वीं की छात्रा रानू कुमारी ने कहा कि स्कूल में हम छात्राओं के लिए सरकार द्वारा पढ़ाई के लिए हर व्यवस्था की गई है. हर विषय की प्रयोगशाला भी है, लेकिन पर्याप्त शिक्षक नहीं होने के कारण आज तक न तो हम फिजिक्स लैब गए हैं और न ही आज तक बायोलॉजी लैब देखे हैं.

9वीं की छात्रा संजना कुमारी कहती है कि स्कूल में इन दिनों अल्टरनेट क्लास चल रही है. मैं प्रत्येक दिन स्कूल आना चाहती हूं, लेकिन बैठने और शिक्षकों की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण सप्ताह में हमलोगों का मात्र तीन दिन ही क्लास चलती है. इसमें भी अक्सर हमलोगों की क्लास खाली रहती है. वहीं, 9वीं की छात्रा अंशु कुमारी कहती है कि स्कूल में हम छात्राओं के लिए कंप्यूटर लैब है और इसके लिए टीचर भी हैं. बावजूद आज तक मैं कंप्यूटर लैब नहीं गई. स्कूल को मॉडल स्कूल के रूप में चिन्हित किया गया है. यहां एक हजार से अधिक छात्राएं हैं, पर मात्र 11 कंप्यूटर है.

कोडरमा के उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि यह स्कूल उस मॉडल स्कूल की सूची में है जिसे हम जिले में विकसित कर रहे हैं. नियमत: हम इन स्कूलों में पर्याप्त मात्रा में शिक्षकों को संख्या बढ़ाने की योजना पर काम कर रहे हैं. मैं जानता हूं कि अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है और हम इसे बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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