Independence Day 2023 पर घूमें पटना के इन जगहों पर, बढ़ जाएगी देशभक्ति
Independence Day 2023 Patna Tour: स्वतंत्रता दिवस नजदीक है, आने वाले मंगलवार यानी 15 अगस्त को ये खास दिन मनाया जाएगा. इस दिन लोग सैर सपाटे पर भी निकलते हैं. बिहार की राजधानी पटना में ढेर सारी जगह है जो देशभक्ति भावना को जगा देती है. यहां देखें इस दिन राजधानी के किन जगहों की सैर कर सकते हैं
स्वतंत्रता दिवस यानी 15 अगस्त इस साल आने वाले मंगलवार को मनाया जाएगा. इस दिन लोग सैर सपाटे पर भी निकलते हैं. बिहार की राजधानी पटना में ढेर सारी जगह है जो देशभक्ति भावना को जगा देती है. यहां देखें इस दिन राजधानी पटना के किन जगहों की सैर कर सकते हैं
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आप पटना के गांधी मैदान की सैर कर सकते हैं. पटना का गांधी मैदान कई इतिहासों का गवाह है. इस मैदान पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरु, मोहम्मद अली जिन्ना, राम मनोहर लोहिया समेत कई दिग्गज नेताओं ने यहां पर भाषण दिया. गांधी मैदान बिहार की विरासत और संस्कृति को दर्शाती है.
यहां महात्मा गांधी की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई गईगांधी मैदान के चारों ओर सरकारी इमारतें, प्रशासनिक केंद्र और चर्च है. साल 2013 मे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा यहां महात्मा गांधी की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित करवाई गई. साल 1948 से पहले इसे बांकीपुर मैदान या पटना लॉन कहा जाता था. महात्मा गांधी की हत्या के बाद इसका नाम बदलकर गांधी मैदान रख दिया गया.
बिहार म्यूजियम करें विजिटस्वतंत्रता दिवस के दिन आप बिहार म्यूजियम विजिट कर सकते हैं. बिहार म्यूजियम के चर्चे केवल भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों तक हैं.कभी पटना की पहचान गोलघर से हुआ करती थी, अब हजारों साल पुराने इस शहर के साथ बिहार म्यूजियम का नाम भी जुड़ गया है. म्यूजियम की अलग-अलग गैलरियों में बिहार के गौरवशाली अतीत और यहां की समृद्ध कला-संस्कृति की झलक मिलती है.
स्वतंत्रता दिवस के दिन बिहार म्यूजियम की सैरम्यूजियम की इतिहास गैलरी सी को पूरी तरह से थ्रीडी लुक के साथ तैयार किया गया है.इस गैलरी में प्रवेश करते ही दर्शक सूफी संगीत का आनंद ले सकते हैं.यहां बिहार के अतीत खासकर सूफी परंपरा को नजदीक से जानने का मौका मिलता है.
स्वतंत्रता दिवस के दिन गोलघर का करें भ्रमणपटना का गोलघर का इतिहास काफी पुराना है. गोलघर करीब 336 साल पुराना ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया वस्तुकला का एक अद्भुत नमूना है. यह पटना के पश्चिमी किनारे पर गांधी मैदान के पास स्थित है. इस गोलघर को अंग्रेज़ों द्वारा 1770 में पटना में आए भयंकर अकाल के बाद 1,37,000 टन अनाज भंडारण के लिए बनाया गया था.
जानें गोलघर का इतिहासब्रिटिश इंजीनियर कैप्टन जॉन गार्स्टिन ने फौज के अनाज भंडारण के लिए इस गोल ढांचे का निर्माण 20 जनवरी, 1784 को प्रारंभ करवाया था. यह निर्माण कार्य 20 जुलाई, 1786 को संपन्न हुआ. कहा जाता है कि यह ऐतिहासिक गोलघर लगभग 235 साल प्राचीन हो चुका है और आज भी संरक्षित है.
