profilePicture

झारखंड: ग्रामीणों की नहीं सुने ‘माननीय’, तो श्रमदान से बना लिया पुल, अब बरसात में कैद नहीं होगी जिंदगी

Jharkhand News: आखिरकार जिद से ग्रामीणों ने आपसी सहमति से पैसे जुटाये और अस्थायी पुल बना ही लिया. इससे इनकी राह आसान हो गयी है. मुख्यमंत्री व स्पीकर तक पुल निर्माण की बात पहुंचाने के लिए अब ग्रामीण गोलबंद होने लगे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 8, 2022 6:29 PM
an image

Jharkhand News: झारखंड के जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड की अजय नदी के कास्ता घाट पर पुल नहीं होने से बरसात के दिनों में ग्रामीणों की जिंदगी कैद हो जाती थी. किसी मुसीबत में इनकी परेशानी और बढ़ जाती थी. महज एक पुल के लिए इन्होंने काफी आरजू-मिन्नत की, लेकिन माननीयों ने इनकी सुध नहीं ली. आखिरकार जिद से ग्रामीणों ने आपसी सहमति से पैसे जुटाये और अस्थायी पुल बना ही लिया. इससे इनकी राह आसान हो गयी है. मुख्यमंत्री व स्पीकर तक पुल निर्माण की बात पहुंचाने के लिए अब ग्रामीण गोलबंद होने लगे हैं.

बरसात में जिंदगी हो जाती थी कैद

नाला प्रखंड स्थित अजय नदी के कास्ता घाट पर पुल निर्माण की मांग वर्षों से की जा रही थी. इसके अभाव में लोगों को काफी परेशानी हो रही थी. मजबूरी में कास्ता, अफजलपुर, बड़ा रामपुर, धोवना, मोरवासा समेत कई पंचायतों के लोग बंगाल के चुरुलिया, आसनसोल, दमानी आदि क्षेत्र से नियमित आवागमन करते हैं, लेकिन एक अदद पुल के अभाव में बरसात में लोगों की जिंदगी कैद हो जाते थी. इसके बाद अपने बल पर इन्होंने पुल बनाया और राह आसान की.

Also Read: Women’s Day 2022: झारखंड की बेटियों को हेमंत सोरेन सरकार का तोहफा, सेतु शिक्षा पाठ्यक्रम का विमोचन
उपेक्षा से थे परेशान

बेहतर चिकित्सा सुविधा एवं बच्चों की पढ़ाई-लिखाई को लेकर लोग अक्सर बंगाल की शरण में चले जाते हैं. यही वजह है कि हर तरफ से उपेक्षित रवैए के कारण ग्रामीणों ने अपनी मेहनत और आपसी सहयोग से वैकल्पिक पुल का निर्माण कर दिया. बांस एवं सस्ती सामग्री से निर्मित इस पुल से अब लोग न सिर्फ पैदल आवागमन करते हैं, बल्कि बाइक एवं मारुति वैन तथा मरीजों को बंगाल के अस्पताल तक आसानी से इसी पुल के सहारे ले जाते हैं. आसनसोल की दूरी महज 24 किलोमीटर है. इस कारण बंगाल सीमा पर बसे इस क्षेत्र के लोगों को जीवनदान मिल जाता है.

Also Read: Train News: धनबाद-गोमो रेलखंड से गुजरने वाली कुछ ट्रेनें 10 मार्च को रहेंगी रद्द, इन ट्रेनों के रूट बदले
नहीं होती फेरी घाट का नीलामी

आस-पास के ग्रामीणों ने कहा है कि यहां पुल बन जाने से बंगाल और झारखंड के निकटवर्ती लोगों के लिए काफी राहत हो गयी है. गौरतलब है कि कास्ता घाट से पश्चिम दिशा में कुछ दूर पर परिहारपुर घाट है, जो कि फेरी घाट के नाम से भी प्रसिद्ध है. इस घाट की बंदोबस्ती की जाती थी, लेकिन अब लोग डाक-बंदोबस्ती में भाग लेना ही बंद कर दिए. जिस कारण से पिछले कई वर्षों से अब इस फेरी घाट का नीलामी नहीं की जाती है. कास्ता या परिहारपुर घाट पर पुल बन जाने से रसूनपुर, आसनसोल समेत बंगाल के विभिन्न क्षेत्र में तक पहुंचने में काफी सुविधा होती. यथाशीघ्र पुल निर्माण की आवाज मुख्यमंत्री व स्पीकर तक पहुंचाने के लिए अब ग्रामीण गोलबंद होने लगे हैं.

Also Read: Jharkhand News: झारखंड के पलामू से ASI 5 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार, ACB की टीम ने ऐसे दबोचा

रिपोर्ट: उमेश कुमार

संबंधित खबर और खबरें

Next Article

Next Article

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version