Varanasi Flood: बनारस पर टूटा बाढ़ का कहर, पीएम मोदी ने फोन कर अधिकारियों से ली जानकारी

Varanasi Flood काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में आई इस विपदा को लेकर चिंतित हैं. बाढ़ के हालात पर उनकी सीधी नजर है. उन्होंने वाराणसी के कमिश्नर और जिला अधिकारी से फोन कर हालात का जायजा लिया.

By Prabhat Khabar | August 26, 2022 7:34 AM

मध्य प्रदेश की बेतवा और चंबल नदियों में उफान के चलते गंगा में अचानक के जलस्तर में अचान से वृद्धि शुरू हुई है. आलम ये है कि बनारस के सभी घाट और उसके किनारे के घर गंगा के पानी से घिर गए हैं. गंगा के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले अब पलायन को मजबूर हैं. अस्सी घाट पर पानी गलियों में प्रवेश करने लगा है. यहां होने वाली आरती भी बंद कर दी गई है. वहीं पीएम मोदी ने भी अपने संसदीय क्षेत्र की जानकारी अधिकारियों से ली .

पीएम मोदी ने ली जानकारी

काशी के सांसद और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र में आई इस विपदा को लेकर चिंतित हैं. बाढ़ के हालात पर उनकी सीधी नजर है. उन्होंने वाराणसी के कमिश्नर और जिला अधिकारी से फोन कर हालात का जायजा लिया. साथ ही हर संभव मदद के लिए सीधा संपर्क करने को भी कहा है. पीएम नरेंद्र मोदी बाढ़ से विस्थापित लोगो को लेकर खासे चिंतित दिखे.

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डीडीएमए प्रभारी संजीव सिंह ने बताया कि आज गंगा का जलस्तर दोपहर 1:00 बजे चेतावनी बिंदु को पार कर गया. शाम 6:00 बजे तक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु 70.26 से आगे 70.44 मीटर तक पहुंच चुका है. फिलहाल गंगा के जलस्तर में 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की बढ़त लगातार जारी है. अगर यही हालात रहे तो कल दोपहर बाद गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 71.26 को पार कर जाएगा. अब तक सबसे उच्चतम गंगा का जलस्तर 73.32 मीटर रहा है. यमुना समेत सभी सहायक नदियों के जलस्तर ने गंगा को रौद्र स्वरूप में ला दिया है.

बीते 2 दिनों के भीतर गंगा का जलस्तर काफी तेजी से ऊपर आया है. 2 दिनों पहले गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से नीचे बह रहा था और स्थिरता बनी हुई थी. लेकिन आज शाम 6 बजे के मुताबिक गंगा का जलस्तर चेतावनी बिंदु से आगे निकलता हुआ 70.44 मीटर तक पहुंच गया. बिगड़ते हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली है. शहरी इलाके में कुल 9 बाढ़ चौकी स्थापित की गई है. वहीं ग्रामीण इलाकों के लिए दो बाढ़ चौकी लगाई गई है. इन बाढ़ राहत शिविरों में विस्थापित हुए लोगों के लिए खाने-पीने और चिकित्सा की सुविधा मुहैया कराई जा रही है.

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