गोला के BML कंपनी के कीलन विस्फोट मामले में धर्मेंद्र का 22 घंटे बाद उठा शव, 7 लाख मुआवजा देने पर बनी सहमति

Jharkhand news, Ramgarh news : झारखंड के रामगढ़ जिला अंतर्गत गोला के कमता स्थित ब्रह्मपुत्रा मेटालिक प्राइवेट लिमिटेड (ब्रह्मपुरा मेटालिक प्राइवेट लिमिटेड) फैक्ट्री में बुधवार को विधायक ममता देवी की पहल पर फैक्ट्री प्रबंधन एवं मृतक के परिजनों के साथ वार्ता की गयी. जिसमें प्रबंधन ने परिजनों को 7 लाख रुपये मुआवजा एवं मृतक धमेंद्र सिंह की पत्नी दीपाजंलिका चौधरी को नौकरी का लिखित आश्वासन दिया गया. जिसमें 5 लाख रुपये का चेक एवं 2 लाख रुपये नकद दिया गया. वहीं, अंतिम संस्कार करने के लिए 25 हजार रुपये अलग से दिये गये. इसके बाद परिजनों ने करीब 22 घंटे के बाद शव को कंपनी गेट के सामने से उठाया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 9, 2020 8:47 PM

Jharkhand news, Ramgarh news : गोला/मगनपुर (राजकुमार/छेदीलाल) : झारखंड के रामगढ़ जिला अंतर्गत गोला के कमता स्थित ब्रह्मपुत्रा मेटालिक प्राइवेट लिमिटेड (ब्रह्मपुरा मेटालिक प्राइवेट लिमिटेड) फैक्ट्री में बुधवार को विधायक ममता देवी की पहल पर फैक्ट्री प्रबंधन एवं मृतक के परिजनों के साथ वार्ता की गयी. जिसमें प्रबंधन ने परिजनों को 7 लाख रुपये मुआवजा एवं मृतक धमेंद्र सिंह की पत्नी दीपाजंलिका चौधरी को नौकरी का लिखित आश्वासन दिया गया. जिसमें 5 लाख रुपये का चेक एवं 2 लाख रुपये नकद दिया गया. वहीं, अंतिम संस्कार करने के लिए 25 हजार रुपये अलग से दिये गये. इसके बाद परिजनों ने करीब 22 घंटे के बाद शव को कंपनी गेट के सामने से उठाया.

वार्ता में मुख्य रूप से विधायक ममता देवी, चितरपुर बीडीओ उदय कुमार, इंस्पेक्टर संजय कुमार गुप्ता, सीआई मदन महली सहित कई शामिल थे, जबकि फैक्ट्री प्रबंधक अंजनी कुमार सिंह मोबाइल फोन से वार्ता में शामिल हुए. प्रबंधक श्री सिंह ने बताया कि मृतक के परिजन को 7 लाख रुपया दिया गया. साथ ही मृतक की पत्नी को नौकरी देने का लिखित आश्वासन दिया गया है. प्रबंधन मृतक के परिजनों के प्रति शोक संवेदना प्रकट करता है. पीड़ित परिवार को प्रबंधन आगे भी उचित मदद करेगा.

मालूम हो कि गत 3 दिसंबर, 2020 को फैक्ट्री में कीलन विस्फोट हुआ था, जिसमें इंजीनियर सहित एक दर्जन कामगार घायल हो गये थे. इस दौरान फीटर धर्मेंद्र सिंह की 7 दिसंबर, 2020 को देर रात मौत हो गयी थी. पोस्टमार्टम के बाद शव आते ही परिजनों ने 8 दिसंबर को संध्या 7 बजे से फैक्ट्री गेट में शव रखकर मुआवजा एवं नौकरी सहित कई मांग कर रहे थे. कड़ाके की ठंड के बावजूद रातभर परिजन व ग्रामीण यहां डटे रहे. दूसरे दिन 9 दिसंबर, 2020 की संध्या वार्ता हुई.

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कई घंटे के बाद भी जब प्रबंधन वार्ता के लिए नहीं पहुंचे, तो इसकी सूचना विधायक को दी गयी. उन्होंने फैक्ट्री पहुंच कर प्रबंधन की इस रवैये का विरोध करते हुए कहा कि अगर आधा घंटा के अंदर परिजनों को मुआवजा एवं नौकरी नहीं दिया गया, तो मैं भी धरने में बैठ जाऊंगी और फैक्ट्री का कार्य ठप करा दिया जायेगा. इसके बाद प्रबंधन ने वार्ता के लिए बुलाया. विधायक ने मृतक की पत्नी को ढांढस बंधाते हुए कहा कि मैं भी एक महिला हूं और महिला का दर्द समझती हूं. इस बीच मृतक की पत्नी जब रोने लगी, तो इसे देख माहौल गमगीन हो गया और विधायक भी रो पड़ी. उन्होंने धर्मेंद्र की मौत पर शोक संवेदना प्रकट की. मौके पर भोला कुमार दांगी, जनार्दन पाठक, रामविनय महतो, गौरीशंकर महतो, मनोज करमाली, मनोज पूजहर, तस्लीम अंसारी, छोटू इस्लाम सहित कई मौजूद थे.

वार्ता में शामिल नहीं करने पर हो-हंगामा

वार्ता में शामिल नहीं करने पर आजसू नेताओं एवं बिनू कुमार महतो ने हो- हंगामा किया. इन लोगों का कहना था कि मंगलवार शाम से ही हमलोग मृतक के परिजनों के साथ फैक्ट्री गेट में मौजूद है, लेकिन वार्ता में हमलोगों को नहीं बुलाया गया, जो बिल्कुल गलत है. विरोध के बाद कुछ देर के लिए यहां तनाव का माहौल कायम हो गया. इसके बाद इंस्पेक्टर के द्वारा समाझाने के बाद मामला शांत हुआ.

गोला के bml कंपनी के कीलन विस्फोट मामले में धर्मेंद्र का 22 घंटे बाद उठा शव, 7 लाख मुआवजा देने पर बनी सहमति 3
वादे से मुकर जाता है प्रबंधन, मृतक के परिजनों को अबतक नहीं मिले हैं बकाया राशि

बीएमएल फैक्ट्री में कार्यरत मगनपुर निवासी रामजीत साव की मौत 2 साल पहले हो गयी थी. उस समय फैक्ट्री प्रबंधन ने परिजनों को 5 लाख रुपये मुआवजा देने, बच्चे की पढ़ाई का खर्च एवं नौकरी देने का आश्वासन दिया था. लेकिन, अबतक परिजनों को पूरा मुआवजा राशि नहीं दिया गया. इसकी शिकायत लेकर मृतक की पत्नी संगीता देवी भी बुधवार को फैक्ट्री पहुंची. उसने कहा कि फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से 5 लाख रुपया देने का वादा किया था, लेकिन वादे से मुकर गया. सिर्फ 2 लाख रुपया दिया गया. बाकी राशि अबतक नहीं दिया गया है. मेरे बच्चों की पढ़ाई भी नहीं करायी गयी. मैं दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हूं. घटना के एक वर्ष बाद 5000 रुपया पेंशन चालू किया गया. उन्होंने कहा कि क्या मेरे पति दोबारा आयेंगे. पीड़ित महिला ने विधायक को अपनी दुख भरी दास्तां सुनायी और प्रबंधन से बकाया मुआवजा राशि दिलाने की मांग की. इस पर विधायक ने प्रबंधन से बातचीत कर पहल करने की आश्वासन दिया.

Posted By : Samir Ranjan.

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