80 दिन बाद मुंबई की सड़कों पर निकलकर क्यों डर गईं नेहा धूपिया

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री नेहा धूपिया भी लंबे समय के बाद बाहर निकलीं और खुली हवा में सांस लिया. उन्‍होंने अपना अनुभव अपने प्रशंसकों के साथ इंस्‍टाग्राम के माध्‍यम से साझा कीं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2020 8:48 PM

मुंबई : कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण देश में मार्च से ही लॉकडाउन जारी है. हालांकि सरकार ने देश की अर्थव्‍यवस्‍था को पटरी पर लाने के लिए इस बार लॉकडाउन नहीं बल्कि अनलॉक 1 की घोषणा की है. जिसमें कई चीजों में छूट दी गयी है. छूट मिलने से लोग घरों से बाहर निकल रहे हैं और बाजार में भी रौनक लौटने लगी है. लॉकडाउन में छूट मिलने के बाद बॉलीवुड स्‍टार भी करीब तीन महीने बाद अपने घरों से बाहर निकलने लगे हैं. सितारे लंबे समय बाद घर से बाहर निकलने का अपना अनुभव भी सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री नेहा धूपिया भी लंबे समय के बाद बाहर निकलीं और खुली हवा में सांस लिया. उन्‍होंने अपना अनुभव अपने प्रशंसकों के साथ इंस्‍टाग्राम के माध्‍यम से साझा कीं. उन्‍होंने अपनी तसवीरें शेयर करते हुए लिखीं, करीब 80 दिनों के बाद आज दौड़ने के लिए घर से बाहर गई.

उन्‍होंने लिखा, इस दौरान आजादी और डर के बीच की भावना थी. आजादी इसलिए क्योंकि मैं घर से बाहर थी और खुली हवा में सांस ले रही थी, वह भी ऐसी हवा जैसी मैंने अपने शहर में कभी महसूस नहीं की. आजादी क्योंकि मैं कंधों पर थोड़ी सी बूंदा-बांदी को महसूस कर पा रही थी और मेरे कानों में संगीत बज रहा था.

नेहा धूपिया ने आगे लिखा, आजादी इसलिए क्योंकि मेरे पैर मुझे घर के पास किसी भी रास्ते पर ले जाना चाहते थे, जब तक कि वह थक नहीं गए. उन्‍होंने आगे मास्‍क और सोशल डिस्‍टेंसिंग के बारे में भी बताया और अपना अनुभव साझा किया, आजादी एक अजीब तरह की क्योंकि मैंने मास्क पहना हुआ था और सभी से सुरक्षित दूरी बनाई हुई थी. मुझे लगा जैसे मैंने पानी से भरे गड्ढे को तोड़ दिया और मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई हो.

नेहा धूपिया ने बाहर में लोगों की लापरवाही को भी बताया कि किस तरह लोग बिना मास्‍क के घूम रहे थे. उन्‍होंने लिखा, मुझे डर महसूस हो रहा था क्योंकि लोग बाहर थे उन्होंने मास्क नहीं पहने हुए थे. मैंने कुछ को दूरी रखने की याद भी दिलाई. डर लगा क्योंकि मुंबई की रूह कहीं गायब थी. मुझे सुरक्षित महसूस नहीं हो रहा था जैसे मुझे हुआ करता था. डर महसूस हो रहा था क्योंकि चीजें दोबारा से सामान्य हो रही हैं, क्या वह कभी भी वापस सामान्य हो पाएंगी?.

Posted By : arbind kumar mishra