West Bengal Election 2021: बंगाल भाजपा के बड़बोले नेताओं को आलाकमान ने चेताया, सायंतन और अग्निमित्रा ने माफी मांगी

bjp high command warned leaders of bengal, sayantan basu and agnimitra paul apologised after dilip ghosh served notice West Bengal Election 2021 news कोलकाता (नवीन कुमार राय) : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने बंगाल के नेताओं को चेतावनी दी है कि वे बेवजह की बयानबाजी न करें. आसनसोल के तृणमूल नेता के पार्टी में शामिल होने के मुद्दे पर पार्टी के अंदर से उठी आवाज के बाद पार्टी आलाकमान ने प्रदेश के दो वरिष्ठ नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. दोनों नेताओं को अपने किये के लिए माफी मांगनी पड़ी.

By Prabhat Khabar Print Desk | December 25, 2020 9:36 PM

कोलकाता (नवीन कुमार राय) : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 से पहले भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं ने बंगाल के नेताओं को चेतावनी दी है कि वे बेवजह की बयानबाजी न करें. आसनसोल के तृणमूल नेता के पार्टी में शामिल होने के मुद्दे पर पार्टी के अंदर से उठी आवाज के बाद पार्टी आलाकमान ने प्रदेश के दो वरिष्ठ नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया. दोनों नेताओं को अपने किये के लिए माफी मांगनी पड़ी.

पार्टी ने प्रदेश महासचिव सायंतन बसु व महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष अग्निममित्रा पॉल को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया था. इनको प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष दिलीप घोष ने शोकॉज किया. भाजपा सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं ने नोटिस के जवाब में अपने किये के लिए माफी मांगी. साथ ही कहा कि दोबारा वे ऐसी गलती नहीं करेंगे.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भाजपा आलाकमान तृणमूल कांग्रेस में सेंधमारी करने में जुटा है. इसी कड़ी में शुभेंदु अधिकारी समेत अन्य पार्टियों के कई विधायकों व नेताओं को मेदिनीपुर में अमित शाह की जनसभा में भाजपा में शामिल कराया गया. चर्चा थी कि इस सभा में पांडवेश्वर के विधायक एवं आसनसोल के मेयर जितेंद्र तिवारी भी भाजपा का दामन थामेंगे. लेकिन, केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो समेत कई नेताओं के विरोध के चलते ऐसा नहीं हो सका.

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जितेंद्र तिवारी के साथ केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो के बीच 36 का आंकड़ा जगजाहिर है. ऐसे में उन्होंने सबसे पहले जितेंद्र को पार्टी में शामिल किये जाने के फैसले के विरोध में झंडा बुलंद कर दिया. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष, सायंतन बसु और अग्निमित्रा पॉल ने भी उनका समर्थन किया. इसके साथ ही कुछ नेताओं ने सार्वजनिक रूप से मीडिया में बयानबाजी शुरू कर दी. नतीजा यह हुआ कि तृणमूल से इस्तीफा दे देने वाले जितेंद्र तिवारी वापस टीएमसी में लौट गये.

भाजपा नेता सायंतन और अग्निमित्रा ने माफी मांगी

प्रदेश भाजपा के नेताओं का यह व्यवहार केंद्रीय नेताओं को नागवार गुजरा. पार्टी आलाकमान ने प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो की जमकर क्लास लगायी. इसके बाद आलाकमान के निर्देश पर ही दिलीप घोष ने सायंतन बसु और अग्निमित्रा पॉल को कारण बताओ नेटिस जारी किया. नोटिस के जवाब में सायंतन और अग्निमित्रा ने अपनी गलती स्वीकार कर ली है और पार्टी को आश्वासन दिया है कि फिर वह ऐसा नहीं करेंगे.

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भविष्य को लेकर सशंकित तृणमूल नेता

उल्लेखनीय है कि भाजपा केंद्रीय नेतृत्व अपनी रणनीति के मुताबिक जनवरी में तृणमूल कांग्रेस के कई विधायकों को भाजपा में लाकर इस सरकार को अल्पमत में लाने की रणनीति बना चुकी थी. पार्टी इसी दिशा में आगे बढ़ रही थी. लेकिन, जितेंद्र तिवारी के एपिसोड ने भाजपा के शीर्ष नेताओं के स्क्रिप्ट को ही पलट दिया. बताया जा रहा है कि जितेंद्र को जिस तरह से अपना फैसला वापस लेना पड़ा, उससे कई और नेता आशंकित हो गये.

भाजपा का अनुशासन पर जोर

बताया जा रहा है कि तृणमूल छोड़ने का मन बना चुके कई तृणमूल नेताओं को अब यह डर सताने लगा है कि यदि भाजपा में उनका विरोध शुरू हो गया, तो वह कहीं के नहीं रहेंगे. यही वजह है कि भाजपा के केंद्रीय नेताओं की रणनीति में बाधक बन रहे प्रदेश नेताओं से साफ कह दिया गया है कि छोटी से छोटी गलती भी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. सभी को अनुशासन में रहना होगा. प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा है कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं है. सबको पार्टी के अनुशासन का पालन करना होगा.

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Posted By : Mithilesh Jha

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