शुभेंदु के इस्तीफे के बाद अब तृणमूल के नाराज विधायक मिहिर गोस्वामी भाजपा सांसद के साथ दिल्ली गये

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी को एक के बाद एक दो झटके लगे. शुक्रवार को एक ओर ममता के बाद तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो के नेता माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने परिवहन मंत्रालय के साथ-साथ सभी सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया, तो दूसरी तरफ, पार्टी से नाराज विधायक मिहिर गोस्वामी भाजपा सांसद निशीथ प्रमाणिक के साथ नयी दिल्ली रवाना हो गये.

By Prabhat Khabar Print Desk | November 27, 2020 4:01 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले ममता बनर्जी को एक के बाद एक दो झटके लगे. शुक्रवार को एक ओर ममता के बाद तृणमूल कांग्रेस में नंबर दो के नेता माने जाने वाले शुभेंदु अधिकारी ने परिवहन मंत्रालय के साथ-साथ सभी सरकारी पदों से इस्तीफा दे दिया, तो दूसरी तरफ, पार्टी से नाराज विधायक मिहिर गोस्वामी भाजपा सांसद निशीथ प्रमाणिक के साथ नयी दिल्ली रवाना हो गये.

मिहिर गोस्वामी ने पिछले दिनों तृणमूल कांग्रेस के प्रति नाराजगी जाहिर की थी. गोस्वामी शुक्रवार सुबह प्रमाणिक के साथ नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गये. प्रदेश भाजपा सूत्रों के मुताबिक, मिहिर गोस्वामी शाम में भगवा खेमे में शामिल हो सकते हैं. तृणमूल कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.

इस संबंध में गोस्वामी से भी संपर्क नहीं हो पाया. तृणमूल कांग्रेस के नेता रवींद्रनाथ घोष ने दो दिन पहले गोस्वामी से मुलाकात की थी. गोस्वामी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि पार्टी में उनके लिए बने रहना अब कठिन होगा, क्योंकि वह और ‘अपमान’ नहीं चाहते हैं.

Also Read: बंगाल चुनाव से पहले ममता को झटका, परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी ने दिया इस्तीफा, भाजपा में शामिल होने की अटकलें

कूचबिहार दक्षिण से तृणमूल कांग्रेस के विधायक गोस्वामी ने अक्टूबर में श्री प्रमाणिक से मुलाकात की थी, जिसके बाद उनके अगले कदम को लेकर चर्चा शुरू हो गयी थी. गोस्वामी ने कई मौकों पर कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से जुड़ाव के कारण ‘अपमान’ झेलने के बावजूद वह पार्टी में बने रहे.

गोस्वामी ने बृहस्पतिवार को फेसबुक पर बांग्ला में एक पोस्ट में कहा, ‘तृणमूल कांग्रेस से 22 साल के जुड़ाव के बाद पार्टी में अब बने रहना मेरे लिए कठिन हो गया है.’ तृणमूल कांग्रेस ने उनको मनाने के लिए पिछले कुछ दिनों में काफी प्रयास किये.

Also Read: ममता बोलीं – इतिहास से छेड़छाड़ की बढ़ रही है प्रवृत्ति, नेताजी सुभाष चंद्र बोस को उपेक्षित किया गया

Posted By : Mithilesh Jha

Next Article

Exit mobile version