कौन कहां से ट्वीट कर रहा? X ने कर दी पूरी दुनिया की पोल खोल

Twitter Country of Origin: एक्स ने नयी सुविधा लॉन्च की जो अकाउंट्स के देश दिखाती है. फॉक्स न्यूज का जर्मनी कनेक्शन वायरल! कंजर्वेटिव इन्फ्लुएंसर्स के राज खुले. पढ़ें पूरी स्टोरी

By Rajeev Kumar | November 23, 2025 6:11 PM

Twitter Country of Origin: सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) ने एक नयी सुविधा पेश की है, जो यूजर्स के खातों की उत्पत्ति के देश को उजागर करती है. ‘अबाउट दिस अकाउंट’ सेक्शन में अब हर प्रोफाइल के नीचे देश का नाम दिखाई देगा, जो साइन-अप आईपी एड्रेस, ऐप स्टोर रीजन और ऐक्सेस हिस्ट्री पर आधारित है. यह फीचर वैश्विक स्तर पर रोलआउट हो चुका है और सोशल मीडिया पर तहलका मचा रहा है.

एलन मस्क ने इसे ‘ट्रांसपेरेंसी टूल’ बताया

इस सुविधा का उद्देश्य फेक न्यूज और मिसइनफॉर्मेशन से लड़ना है. एक्स के संस्थापक एलन मस्क ने इसे ‘ट्रांसपेरेंसी टूल’ बताया है, जो यूजर्स को स्रोतों की विश्वसनीयता जांचने में मदद करेगा. लेकिन रिलीज होते ही यह राजनीतिक विवादों का केंद्र बन गई. खासकर कंजर्वेटिव इन्फ्लुएंसर्स के अकाउंट्स ने चौंका दिया. कई अमेरिकी दक्षिणपंथी इन्फ्लुएंसर्स, जो यूएस पॉलिटिक्स पर कमेंट करते हैं, नाइजीरिया, भारत, मैसेडोनिया और यूरोप से जुड़े पाए गए. उदाहरण के लिए, कुछ प्रमुख कंजर्वेटिव अकाउंट्स के बैकग्राउंड में अफ्रीकी या एशियाई देश उभरे, जिससे सवाल उठे कि क्या ये विदेशी प्रोपेगैंडा का हिस्सा हैं?

फॉक्स न्यूज का जर्मनी कनेक्शन?

सबसे बड़ा सरप्राइज फॉक्स न्यूज का आधिकारिक अकाउंट है. 2007 में जॉइन करने वाला यह यूएस-बेस्ड चैनल जर्मनी से जुड़ादिखा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ओवरसीज मैनेजमेंट, वीपीएन यूज या प्राइवेसी प्रैक्टिसेज की वजह से हो सकता है. फॉक्स न्यूज ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनका मुख्यालय अमेरिका में है, लेकिन ग्लोबल टीम वर्क के कारण ऐसा डेटा आया. फिर भी, लेफ्ट-विंग यूजर्स ने इसे ‘हाइपोक्रिसी’ करार दिया, जबकि राइट-विंग समर्थकों ने इसे ‘लीक ट्रांसपेरेंसी’ बताया.

यूजर्स की सेफ्टी का क्या?

एक्स पर #XCountryReveal और #AccountOrigins जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं. हजारों पोस्ट्स में यूजर्स अपने और दूसरों के देश चेक कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा, अब पता चला कि मेरा फेवरेट पॉलिटिकल कमेंटेटर असल में भारत से है! राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फीचर 2026 मिडटर्म इलेक्शन्स से पहले मिसइनफॉर्मेशन कैंपेन को झटका देगा. हालांकि, प्राइवेसी एडवोकेट्स चिंतित हैं कि यह यूजर्स की सेफ्टी को खतरे में डाल सकता है, खासकर जियो-पॉलिटिकल टेंशन वाले देशों में.

लोकल कंटेंट क्रिएटर्स को प्रमोट

भारत में भी यह सुविधा चर्चा का विषय बनी है. कई भारतीय इन्फ्लुएंसर्स के यूएस या यूरोपियन कनेक्शन सामने आए, जो बॉलीवुड से लेकर पॉलिटिक्स तक फैले हैं. एक्स इंडिया के हेड ने कहा, यह फीचर लोकल कंटेंट क्रिएटर्स को प्रमोट करेगा. कुल मिलाकर, यह बदलाव सोशल मीडिया की विश्वसनीयता को नयी दिशा दे रहा है. समय बताएगा कि यह ट्रांसपेरेंसी का युग ला पाएगा या नहीं

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