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आधा भारत नहीं जानता I am Not a Robot का फंडा, एक क्लिक से सिस्टम कैसे पता करता है इंसान और रोबोट का फर्क

कई लोगों के मन में ये सवाल तो जरूर घूमता होगा कि आखिर I am Not a Robot के पीछे के फंडा क्या है. साथ ही एक क्लिक से आखिर कैसे सिस्टम पता कर लेती है कि सामने वाला इंसान है या फिर रोबोट.

By Shivani Shah | June 15, 2025 4:56 PM
आधा भारत नहीं जानता I am Not a Robot का फंडा, एक क्लिक से सिस्टम कैसे पता करता है इंसान और रोबोट का फर्क

क्या आपने कभी सोचा है कि आपके बस एक क्लिक से कंप्यूटर कैसे पता लगा लेता है कि आप इंसान हैं रोबोट नहीं? अक्सर किसी भी वेबसाइट पर जाने से हमारे स्क्रीन पर एक ऑप्शन दिखाई देती है ‘I am Not a Robot’ या फिर ‘Verifying You as a Human.’ जिसके नीचे एक छोटा सा बॉक्स दिया रहता है, जहां क्लिक करने के बाद ही आप आगे वेबसाइट पर जा सकते हैं. ऐसे में कई लोगों के दिमाग में ये बात होगी कि आखिर मुझे कंप्यूटर को क्यों साबित करना पड़ रहा है कि ‘मैं एक रोबोट नहीं इंसान हूं.’ वहीं, कई लोग यही सोचते होंगे कि आखिर मेरे क्लिक करते ही कंप्यूटर कैसे समझ लेता है कि ‘मैं इंसान हूं एक रोबोट नहीं.’ अगर आपको भी नहीं पता और आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे हैं तो फिर आप के लिए ये खबर खास है.

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क्या है ‘I am Not a Robot’

भले ही ‘I’m Not a Robot’ एक छोटा और सिंपल सा क्लिक लगता है. लेकिन ये सिंपल सा क्लिक काफी पेचीदा CAPTCHA (Completely Automated Public Turing test to tell Computers and Humans Apart) सिस्टम का हिस्सा होता है. यानी कि एक ऐसा टेस्ट जिससे इंसान और मशीन में फर्क किया जाता है. ऐसे में सारे वेबसाइट्स रोबोट अटैक स्पैम, फ्रॉड, डेटा स्क्रैपिंग जैसी एक्टिविटी से बचने के लिए इस सिस्टम का इस्तेमाल करते हैं.

आपके क्लिक से पहले ही सिस्टम शुरू कर देता है जांच

‘I’m Not a Robot’ CAPTCHA सिस्टम दिखने में आसान लगता है, कि एक क्लिक और कंप्यूटर पता कर लेता है कि सामने वाला इंसान है या रोबोट. जबकि असल में पहले से ही आपके बिहेवियर पर कंप्यूटर सिस्टम नजर रख रहा होता है. आपके ‘I’m Not a Robot’के ऑप्शन पर क्लिक करने से पहले ही कंप्यूटर सिस्टम आपके पेज इंटरैक्शन की जांच करता है. आपका माउस मूवमेंट, स्क्रॉल करने और क्लिक करने की स्पीड कंप्यूटर सिस्टम समझती है. क्योंकि, हम इंसानों का कर्सर मूवमेंट अलग और असमान्य होता है. जबकि रोबोट या बॉट का कर्सर मूवमेंट अलग और एकदम सटीक होता है. जिससे सिस्टम को समझने में आसानी होती है सामने वाला इंसान है या रोबोट

आपके डिवाइस की डिटेल्स भी होती है चेक

‘Im Not a Robot’ पर क्लिक करने से कंप्यूटर सिस्टम सिर्फ कर्सर मूवमेंट ही नहीं बल्कि आपके डिवाइस की डिटेल्स भी चेक करता है. जिसे ब्राउजर फिंगरप्रिंटिंग कहा जाता है. इस प्रोसेस के तहत सिस्टम आपके डिवाइस के IP एड्रेस, ब्राउजर वर्जन, टाइम जोन, इंस्टॉल्ड प्लगइन्स, स्क्रीन साइज आदि की जांच करता है. जिसे सिस्टम ये पता करता है कि आपका ब्राउजिंग सेटअप नॉर्मल है या नहीं. वहीं, अगर कुछ नॉर्मल नहीं होने जैसे हेडलेस ब्राउजर या VPN होने पर आपको अगला प्रोसेस दिया जाएगा.

विजुअल चैलेंज

अगर सिस्टम को लगता है कि आपकी पहचान क्लियर नहीं है तो वह आपको ट्रैफिक लाइट्स, कार या फिर साइकिल चुनने जैसा चैलेंज देगा. क्योंकि, इस तरह के टास्क में बॉट्स को काफी दिक्कत आती है जबकि इंसान इसे आसानी से कर सकता है. आसान भाषा में कहा जाए तो यह एक ऐसा एडवांस्ड सिस्टम है, जो आपकी पहचान वेरीफाई करता है. आपके हर एक्शन को चेक कर आपने कैसे क्लिक किया, आपका माउस मूवमेंट क्या है. यही सब ते करता है कि आप असली इंसान है या फिर कोई बॉट.

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