फेफड़े में ट्यूमर से तड़प रहा युवक, मदद की गुहार

बड़े हो रहे ट्यूमर के साथ बढ़ रही सांस लेने में तकलीफ आर्थिक तंगी के कारण बीच में ही इलाज रोकना पड़ा कूचबिहार :26 वर्षीय सुब्रतो सरकार के फेफड़े में ट्यूमर है, जो धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है. अब उस सांस लेने में भी काफी दिक्कत होने लगी है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 19, 2019 5:35 AM

बड़े हो रहे ट्यूमर के साथ बढ़ रही सांस लेने में तकलीफ

आर्थिक तंगी के कारण बीच में ही इलाज रोकना पड़ा
कूचबिहार :26 वर्षीय सुब्रतो सरकार के फेफड़े में ट्यूमर है, जो धीरे-धीरे बड़ा होता जा रहा है. अब उस सांस लेने में भी काफी दिक्कत होने लगी है. आर्थिक रूप से कमजोर परिवार ने किसी तरह कुछ पैसे जुटाये और उसे इलाज के लिए बेंगलुरू ले गये. लेकिन पूरे इलाज के लिए चार लाख रुपये की जरूरत है.
आर्थिक तंगी के कारण इलाज बीच में ही रोककर परिवार उसे वापस घर ले आया. अब परिवार ने प्रशासन, समाजसेवियों व स्वयंसेवी संगठनों से मदद की अपील की है. चार लाख रुपये का जुगाड़ होने पर युवक की जिंदगी बच सकती है.
सुब्रतो सरकार कूचबिहार शहर संलग्न चकचका ग्राम पंचायत के कोनामाली इलाके के निवासी हैं. पिता संतोष सरकार की छोटी सी चाय की दुकान है. माध्यमिक पास करने के बाद परिवार पालने के लिए सुब्रतो चकचका के एक प्लास्टिक कारखाने में काम करने लगा. 2018 साल से उसे सीने में दर्द की शिकायत हो रही थी. उसी समय उसकी मां का इलाज बेंगलुरू में चल रहा था.
सुब्रतो ने मां का इलाज करवाया, लेकिन अपना दर्द छिपाये रखा. पड़ोसी विमान दास ने बताया कि उसका कहना था कि उसकी बीमारी की पता चलने पर मां का इलाज रुक जायेगा. मां के स्वस्थ हो जाने के बाद वह खुद के बारे में सोचेगा.
दो महीने पहले सुब्रतो की मां झर्ना देवी स्वस्थ हो गयीं. लेकिन तबतक सुब्रतो के फेफड़े का ट्यूमर काफी बड़ा हो गया. बेंगलुरू में चिकित्सकों ने ऑपरेशन की सलाह दी. लेकिन इसके लिए जिस बड़ी रकम की जरूरत है वह परिवार के पास फिलहाल नहीं है. सुब्रतो के पिता संतोष सरकार ने बताया कि मां का इलाज कराने में वह व्यस्त रहा जिसके कारण उसकी बीमारी बढ़ गयी. अब हर रोज दर्द से तड़प रहा है. ऑपरेशन के लिए जितनी जल्दी हो सके चार लाख रुपये चाहिए.

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